विनय एक्सप्रेस समाचार जयपुर।राजस्थान राज्य पथ परिवहन निगम के सीएमडी श्री संदीप वर्मा ने श्रम सचिव को अधीनस्थ अधिकारियों के द्वारा विधि विरूद्ध रोडवेज के स्थायी आदेश 1965 में संषोधन से सम्बन्धित प्रार्थना पत्रों को अनावश्यक समय तक लम्बित रखने के सम्बन्ध में आज अवगत कराया गया।
राजस्थान रोडवेज सीएमडी ने बताया कि श्रम सचिव को आज अवगत कराया गया कि राजस्थान रोडवेज द्वारा राजस्थान राज्य पथ परिवहन निगम कर्मचारी एवं कार्यशाला कर्मचारी स्थायी आदेश 1965 में संशोधन के लिए प्रमाणित कर्त्ता अधिकारी एवं अतिरिक्त श्रम आयुक्त को दिनांक 23.03.2012, 03.03.2016 एवं 23.03.2021 को विभिन्न संशोधनो के लिए प्रार्थना पत्र प्रस्तुत किये गये। प्रमाणितकर्त्ता अधिकारी एवं अतिरिक्त श्रम आयुक्त द्वारा औद्यौगिक नियोजन (स्थायी आदेश) अधिनियम-1946 की धारा-5 में 15 दिवस में निर्णय करने के किये गये प्रावधान का उल्लंघन किया जा रहा हैं, जिससे विपरित निर्णय की स्थिति में रोडवेज प्रबन्धन के अपील के अधिकार का भी हनन हो रहा हैं।
राजस्थान रोडवेज सीएमडी श्रीवर्मा ने यह भी बताया कि राजस्थान रोडवेज प्रबन्धन द्वारा राज्य सरकार की मंशा के अनुरूप किये जा रहे संशोधनो को भी 1 से 9 वर्ष तक श्रम सचिव के अधीनस्थ विभाग के अधिकारियों द्वारा उनके विभागीय अधिनियम के प्रावधानों का उल्लंघान करते हुये लम्बित किया जा रहा हैं, जिससे संशोधन उपरान्त कर्मचारियों के लिए लागू किये जाने वाले स्थायी आदेश भी कई सालो से रूके हुए हैं।
यहां यह उल्लेखनीय हैं कि राजस्थान रोडवेज प्रबन्धन द्वारा राजस्थान राज्य पथ परिवहन निगम कर्मचारी एवं कार्यशाला कर्मचारी स्थायी आदेश 1965 में तीन संशोधन जिसमें सीधी भर्ती में दो वर्ष तक फिक्स वेतन देने,जुर्माना राशि संशोधन, निलम्बन आदेश एवं अपीलीय अधिकारी द्वारा पुनरीक्षण सम्बन्धी संशोधन को प्रमाणितकर्त्ता अधिकारी एवं अतिरिक्त श्रम आयुक्त के समक्ष प्रार्थना पत्र सम्बन्धित श्रम विभाग के अधिकारी के स्तर पर 9 साल से लम्बित हैं।