नंदीशाला के लिए नियमों में दी ढील, सिक्योरिटी राशि भरने के स्थान पर करनी होगी केवल घोषणा

पंचायत समिति स्तरीय नंदीशाला स्थापना के लिए अब केवल 10 बीघा भूमि वाली पंजीकृत संस्थाएं या ट्रस्ट भी कर सकेगी आवेदन

विनय एक्सप्रेस समाचार, हनुमानगढ़। राज्य में गौशालाओं, नंदीशालाओं एवं शहरी क्षेत्र में आवारा पशुओं की समस्या के निराकरण के लिए गठित मंत्रिमंडलीय समिति की बैठक में लिये गये निर्णयों पर वित्त विभाग की ओर से दी गई सहमति के अनुसरण में पंचायत समिति नंदीशाला जन सहभागिता योजनांतर्गत पंचायत समिति स्तरीय नंदीशालाओं की स्थापना एवं संचालन के लिए निदेशालय गोपालन की ओर से पूर्व में जारी नियमों में व्यापक शिथिलता प्रदान करते हुए संशोधन किये गए है।
पशुपालन विभाग के संयुक्त निदेशक डॉ ओमप्रकाश किलानियां ने बताया कि मंत्रिमंडलीय समिति की बैठक द्वारा पंचायत समिति स्तरीय नंदीशालाओं के लिए संस्थाओं के चयन में आ रही कठिनाईयों का निराकरण किया गया है । नंदीशाला संचालन एवं निर्माण कार्य करने वाली संस्थाओं की पात्रता में संस्था व ट्रस्ट के स्वयं के स्वामित्व की 20 बीघा भूमि की आवश्यकता के स्थान पर स्वयं के स्वामित्व या लीज तथा आवंटन की 10 बीघा अर्थात 16000 वर्गमीटर संशोधित की जाती है। उन्होंने बताया कि नंदीशाला संचालन एवं निर्माण कार्य करने वाली संस्थाओं की पात्रता में संस्था व ट्रस्ट के 3 वर्ष के पंजीकरण एवं 3 वर्ष के गौशाला संचालन के अनुभव की पात्रता की शर्त को विलोपित करते हुए चयनित संस्था व ट्रस्ट मात्र पंजीकृत होने का संशोधन किया गया है। राजस्थान लोक उपापन में पारदर्शिता नियम 2013 के नियम 42 एवं 75 में शिथिलन के क्रम में 2 प्रतिशत बोली प्रतिभूति राशि एवं 2.5 प्रतिशत कार्य सम्पादन प्रतिभूति राशि जमा कराने के प्रावधान के स्थान पर बोली प्रतिभूति घोषणा एवं कार्य सम्पादन प्रतिभूति घोषणा पत्र दिया जा सकता है। पूर्व प्रावधान में संस्था द्वारा ई-प्रोक पर ऑनलाईन आवेदन किया जाना आवश्यक था, शिथिलन उपरान्त बंद लिफाफे में ऑफलाईन आवेदन किया जा सकता है ।
डॉ किलानियां ने बताया कि पंचायत समिति स्तरीय नन्दीशाला स्थापना अन्तर्गत जिले में पंचायत समिति हनुमानगढ़ एवं पंचायत समिति नोहर में नन्दीशाला संचालन समिति का चयन किया जा चुका है तथा नन्दीशाला का निर्माण कार्य जारी है। शेष पंचायत समितियों भादरा, रावतसर, पीलीबंगा, संगरिया एवं टिब्बी में नन्दीशाला स्थापना हेतू इच्छुक संस्थायें, गौशालायें नए प्रावधान अनुसार  जिनके पास 10 बीघा अर्थात 16000 वर्गमीटर या अधिक भूमि स्वयं के स्वामित्व या लीज की हो वे नन्दीशाला स्थापना हेतु आवश्यक जानकारी के लिए जिले के संयुक्त निदेशक,पशुपालन विभाग से सम्पर्क कर सकते है |