कुम्हार समिति (रजि.) के नव-निर्वाचित कार्यकारिणी का शपथ ग्रहण समारोह-आज

विनय एक्सप्रेस समाचार, श्रीगंगानगर। प्रगतिशील कुम्हार समिति (रजि.) के नव-निर्वाचित कार्यकारिणी का शपथ ग्रहण समारोह-2022 आज कुम्हार धर्मशाला चहल चौक, श्रीगंगानगर में हुआ। कार्यक्रम में सर्वप्रथम मंच पर विराजमान अतिथियों में माटी एवं शिल्प कला बोर्ड उपाध्यक्ष डूूंगरराम गेदर, नवनिर्वाचित अध्यक्ष महेन्द्र बागड़ी, मुख्य संरक्षक प्रभुदयाल डाल, नत्थूराम कालवासिया, गंगाराम डाल, फूलचंद छापरवाल, महासचिव बालकिशन कुलचानिया, पूर्व अध्यक्ष प्रेम छापौला, पंचायत समिति घड़साना की पूर्व प्रधान गोमती टाक,  सुश्री मोनिका माहर ने यादे मां, दक्षप्रजापति, ज्योतिबा फूले, अम्बेडकर, गोर्वधन छापरवाल की प्रतिमा के आगे दीप प्रज्ज्वलित कर कार्यक्रम की शुरूआत की। इसके साथ ही आये हुए अतिथियों का स्वागत कार्यक्रम हुआ और बुकें भेंट किए गए। कालू राम कालवासियों ने आशीर्वचन स्वरूप अपना सम्बोधन दिया। सुश्री मोनिका माहर ने आज कुम्हार समाज में शिक्षा  की कमी पर अपने विचार रखे। उन्होंने बच्चों को शिक्षा देने पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि बच्चों में व्यवाहरिक शिक्षा बिल्कुल नहीं है। उन्होंने शिक्षा के साथ-साथ व्यवाहरिक शिक्षा देने पर जोर दिया। बींझबायला मूल ओबीसी समाज के रूपराम नोखवाल, विजय बिरथलिया सहित अनेक नेताओं ने अपने सम्बोधन में समाजहित के बारे में अपने सुझाव दिए। इसके बाद डूंगरराम गेदर ने नवनिर्वाचित कार्यकारिणी को शपथ दिलाई व सभी कार्यकारिणी सदस्यों को स्मृति चिह्न भेंट किए गए। डूंगर राम गेदर को अभिनंदन पत्र भी सौंपा गया।


माटी एवं शिल्प कला बोर्ड उपाध्यक्ष डूूंगरराम गेदर ने यादे माता को याद किया और संत महापुरुषों को नमन् करते हुए नई कार्यकारिणी को बधाई दी और जिन महापुरुषों ने इस धर्मशाला की नींव रखी उन्हें याद किया। उन्होंने कहा कि उनकी सोच बहुत बड़ी थी, जिन्होंने शहर के हृदय स्थल चहल चौक पर एक भव्य धर्मशाला की नींव रखी। उन्होंने कहा कि पूर्व में रही कार्यकारिणियों ने इसे भव्य तरीके से चलाने का प्रयास किया। यहां हम बैठककर चर्चा कर सकते हैं। आसपास के लोग यहां अपने कार्यक्रम कर सकते हैं। उन्हीं की सोच से यह सब संभव हुआ है। उन्होंने कहा कि समाज को महेन्द्र बागड़ी के रूप में एक मजबूत नेता मिला है, जो जमीन से जुड़ा है। वह हर कार्यकर्ता की बात सुनेंगे। आज यहां सर्वसमाज  के लोग आये हैं। जो काम समाज ने उन्हें सौंपा है, जो पहचान आज उनकी है उसे कायम रखेंगे। शासन-प्रशासन में समाज की भागीदारी हो उसे दिशा में नई कार्यकारिणी को काम करना चाहिए। बच्चों में व्यवाहरिक, संस्कार की जरूरत है। पैसा बहुत है, समय नहीं, बच्चों को अच्छे, बड़े स्कूलों में एडमिशन दिलाने से नहीं होता, परिवारजनों को बात का ध्यान रखना चाहिए कि बच्चा स्कूल के माहौल में सैट हुआ है या नहीं। 10वीं-12वीं तक जिम्मेदारी परिवार की होती है। अगर 10वीं-12वीं के बच्चों में अगर कमी है तो वह उसकी परवरिश की कमी है। 10वीं-12वीं के बाद शिक्षाविद्, सावित्री भाई फूले आश्रम से राय लेकर बच्चों को आगे बढऩे का अवसर देना चाहिए। यह समाज के बुद्धिजीवी लोगों की जिम्मेदारी है। उन्होंने कहा कि सावित्री भाई फूले आश्रम में 22 बच्चों को तलाशने का काम किया, जिन्होंने पढ़ाई में उच्च अंक प्राप्त किए। इन 22 बच्चों को दिल्ली यूनिवर्सिटी में दाखिला दिलवाया गया। इनमें से  15 बच्चों के परिवार इनका खर्चा उठाने में सक्षम थे, लेकिन 7 बच्चों का खर्चा सावित्री बाई फूले आश्रम ने किया। जब बच्चा दिल्ली यूनिवर्सिटी में पढ़कर आयेगा तो उसकी सोच बदलेगी। वह अलग सोचेगा और इसका फायदा समाज को होगा। उन्होंने नई कार्यकारिणी को कहा कि वह प्रत्येक तहसील पर हॉस्टल और कोचिंग सैन्टर की व्यवस्था करें। बच्चे अच्छी शिक्षा लेंगे, तभी प्रशासन में समाज की भागीदारी होगा। उन्होंने कहा कि राजनीति क्षेत्र में जो लोग आगे बढ़ रहे हैं, उनकी मदद करनी चाहिए।  उन्होंने कहा कि जो राजनीति में आगे बढ़ रहा है, उसे यह कहना चाहिए कि तू आगे बढ़ मैं पीछे -पीछे आता हूं। उन्होंने कहा कि बिना पैसे और कम पैसे में भी राजनीति में काम कर सकते हैं। उन्होंने कहा कि मैंने कभी मेरी पसंद का कपड़ा नहीं पहना, जो कार्यकर्ताओं ने लाकर दिया वहीं पहन लिया। मैंने सिर्फ सेवा की है। कांगे्रस और भाजपा को छोड़कर 20 हजार वोट लेने वाले कितने लोग है। खूद के बलबूते पर राजस्थान में एक व्यक्ति हूं। उन्होंने कहा कि मैं कभी बीमार नहीं होता, मेरी कभी मोटरसाइकिल पेंचर नहीं होती, चाहे मुझे दिल्ली, जयपुर व अन्य कहीं भी बुलाया जाता है मैं जाता हूं। उन्होंने कहा कि राजनीति में स्पलीमेंटरी नहीं आती सीधे फेल और पास होता है। उन्होंने कहा कि लोग शादी में कर्जा लेकर खर्चा करेंगे, बच्चों की पढ़ाई के लिए पैसा नहीं है और वह सोचते हैं कि समाज सहयोग करे। उन्होंने कहा बच्चों की पढ़ाई पर खर्च करो। शादी-विवाह जैसे अन्य अवसर पर खर्चा बंद कर दो। अगर आपका बच्चा पढ़-लिखकर आईपीएस, आईएएस बनेगा तो आपके घर लोग बधाई देने आयेंगे और समाज आगे बढ़ेगा। उन्होंने कहा कि लड़कियों को पढ़ाकर शिक्षा दिलानी चाहिए, यही दहेज है और लड़की को अच्छी नौकरी मिलने पर वही दहेज है, चाहे लड़की नौकरी ना लगे, परन्तु शिक्षा उसके जीवन में बहुत काम आयेगी।


जिलाध्यक्ष महेन्द्र बागड़ी ने कहा कि जब तक समाज को राजनीति लाभ प्राप्त नहीं होगा, तब तक थाने में जेब कटवाना, शिक्षा के नाम लूट होती रहेगी। अगर समाज राजनीति में अपनी पहचान रखता तो 2012 में मेडिकल कॉलेज बन जाता, आये दिन दुर्घटनाएं होती है, जिनमें न जाने कितने मां ने अपने लाल उजाड़े हैं। राजनीति रूप से हम पिछड़े हुए हैं। देश में परिवर्तन चल रहा है। हम भी अपनी सोच में परिवर्तन लाना होगा। जब तक राजनीति में भागीदारी नहीं होगी तब तक मूल सुविधाएं नहीं मिलती। हमें अपने प्रधान, एमएलए, एपी, सरपंच, पार्षद बनाने होंगे तभी हमारी राजनीति में पहचान होगी। हम मूल ओबीसी को साथ लेकर चलेंगे, जल्द ही मूल ओबीसी की बैठक बुलायेंगे।

आज हुए ये प्रस्ताव पास
प्रगतिशील कुम्हार समिति (रजि.) के आज शपथ ग्रहण समारोह में 2 प्रस्ताव सर्वसम्मति से पास किए गए। जिनमें एक प्रत्येक तहसील पर चुनाव होंगे, जिनमें प्रत्येक मतदाता दो वोट डालेंगे एक तहसील अध्यक्ष को और दूसरा जिलाध्यक्ष का। दूसरा प्रस्ताव प्रगतिशील कुम्हार समिति (रजि.) का नाम बदलकर जिला प्रगतिशील कुम्हार समिति (रजि.) किया जाये। इन दोनों प्रस्तावों का सर्वसम्मति से अतिथियों व समाजबंधुओं ने हाथ उठाकर समर्थन किया।