विनय एक्सप्रेस समाचार, श्रीगंगानगर। हेपेटाइटिस बीमारी के प्रति जागरूकता लाने के लिए जिले में हेल्थी लीवर जागरूकता अभियान की शुरुआत की गई है। यह अभियान विश्व हेपेटाइटिस दिवस 28 जुलाई तक लगातार चलेगा। इस दौरान विभिन्न जागरूकता गतिविधियों के साथ ही पेयजल स्वच्छता व सैंपलिंग सहित टीकाकरण पर जोर रहेगा। मंगलवार को जिला स्वास्थ्य भवन में आयोजित प्रेस कॉन्फ्रेस में यह जानकारी डिप्टी सीएमएचओ डॉ. गुंजन खुंगर, जन पदीप रोग विशेषज्ञ डॉ. बजरंग और सीओआईईसी विनोद बिश्नोई ने इस संबंध में जानकारी दी।
साथ ही आमजन से अपील की कि वे लीवर के प्रति सजग व जागरूक बनें।
डिप्टी सीएमएचओ डॉ. खुगर ने बताया कि अभियान के दौरान जनस्वास्थ्य अभियांत्रिकी विभाग एवं पंचायती राज विभाग के तहत आने वाले सभी पेयजल स्रोतों की स्वच्छता, क्लोरीनेशन करवाया जाएगा। गांव-ढांणी तक हेल्थी लिवर के लिए आवश्यक पोषक आहार के लिए गर्भवती महिलाओं एवं धात्री महिलाओं को विशेष जानकारी दी जाएगी। जिले में वर्तमान में पंजीकृत समस्त गर्भवती महिलाओं की हेपेटाइटिस बी की स्क्रीनिंग की जाएगी तथा सभी शत प्रतिशत नवजात शिशुओं को हेपेटाइटिस बी की बर्थडोज लगाई जाएगी। वहीं उच्च जोखिम वाले समूहों का हेपेटाइटिस बी का टीकाकरण किया जाएगा। उन्होंने बताया कि वायरल हेपेटाइटिस एक ऐसी बीमारी है जो वायरस के कारण लीवर को प्रभावित करती है।
यह वायरस खून के माध्यम से लीवर में प्रवेश करता है और फिर लीवर फेलियर समेत कई गंभीर बीमारियों को जन्म देता है। यदि इसका इलाज समय पर ना किया जाए, तो यह मौत का कारण भी बन सकता है। वायरल हेपेटाइटिस पांच प्रकार का होता है, ए,बी,सी,डी और ई। वायरल हेपेटाइटिस से बचाव के लिए आवश्यक है कि शुद्ध पानी व भोजन का सेवन करें। संक्रमित ब्लड एवं असुरक्षित यौन संपर्क से बचा जाए। उन्होंने बताया कि अनेक लोग हेपेटाइटिस से पीडि़त हैं, लेकिन अधिकांश लोग इससे अनजान होते हैं। यही वजह है कि इसके बारे में जाने बिना और इलाज कराए बिना अनेक लोग अपना जीवन खो देते हैं। इस बीमारी से बचने से लिए सबसे जरूरी है कि हम अपने लीवर का ध्यान रखें। अगर लीवर स्वस्थ्य रहेगा तो हेपेटाइटिस समेत कई बीमारियों से बचा जा सकता है। डॉ. खुंगर ने बताया कि हेपेटाइटिस बी और सी लाखों लोगों में पुरानी बीमारी की वजह से होते हैं, जो लीवर में जलन और संक्रमण के अलावा कई बार इस वायरस से लीवर फाइब्रोसिस या लीवर कैंसर तक होने की संभावना रहती है। हेपेटाइटिस ए और ई आमतौर पर दूषित भोजन या पानी के सेवन से होती है। आमजन को हेल्थी लीवर व हेपेटाइटिस बीमारी के प्रति जागरूक करने के लिए ही यह अभियान शुरू किया गया है ताकि जिलेवासियों को इस बीमारी से बचाया जा सके।