बच्चों को समझाएं स्पर्श की परिभाषा, जिले में जारी है स्पर्श अभियान, आईएएस नवीन जैन के निर्देशन में वोलेंटियर्स समझा रहे क्या है, गुड टच, बेड टच

विनय एक्सप्रेस समाचार, श्रीगंगानगर। ‘बच्चे अक्सर अपने साथ होने वाले गलत कार्यों या बुरे व्यवहार के बारे में अभिभावकों को नहीं बता पाते। कई बार वे स्पर्श को भी समझ नहीं पाते, कि वो बुरा या है अच्छा। इसलिए अभिभावकों को चाहिए कि वे बच्चों के साथ नियमित रूप से कम्यूनिकेशन रखें एवं उन्हें गुड टच, बेड टच के प्रति जागरूक करें। बच्चों को भी जागरूक बन, अपने साथ होने वाले हर व्यवहार, स्पर्श के बारे में अभिभावकों को अवगत करवाना चाहिए।’  ये विचार इन दिनों स्पर्श वोलेंटियर्स बच्चों व अभिभावकों के साथ साझा कर रहे हैं। ये वोलेंटियर्स किसी एनजीओ या सिस्टम से नहीं बल्कि राजस्थान के सीनियर आईएएस नवीन जैन की मुहिम स्पर्श अभियान के साथ जुडक़र पूर्णत: निशुल्क व निस्वार्थ भाव से इस पुनीत कार्य में जुटे हैं।
आईएएस श्री जैन भी वीडियो के माध्यम से बच्चों को जागरूक करते हुए बताते हैं कि  ‘बच्चे अपने मां-बाप से बेहतर संवाद कायम करें, समन्वय स्थापित करें। अभिभावक भी बच्चों के अच्छे व्यवहार पर उन्हें प्रोत्साहित करें, उनसे संवाद बनाएं। वहीं बच्चों व अभिभावकों को जागरूक होना बेहद जरूरी है, क्योंकि ऐसा नहीं कि अनजान लोग बच्चों के साथ छेड़छाड़ या यौन शोषण करते हैं बल्कि अधिकांशत: घटनाओं में सामने आता है कि आस-पास के लोग, नियमित संपर्क में आने वाले लोग और पारिवारिक लोग भी इस तरह की हरकत कर सकते हैं। ऐसे में जागरूकता और सावधानी बेहद जरूरी है। टीनएजर्स के लिए श्री जैन संदेश देते हैं कि वे अपने से छोटे बच्चों का ख्याल रखें, उन्हें गुड टच, बैड टच के प्रति जागरूक करें। इसी तरह समाज को अच्छा देने का प्रयास करें, फिर भी यदि कुछ न कर सको तो बुरा बिल्कुल न करो। यानी पुण्य नहीं कर पाओ तो पाप भी न करो। टीएनएजर्स को अच्छी संगत में रहना चाहिए, क्योंकि यदि आप बिल्कुल शरीफ हैं लेकिन यदि आपकी संगत गलत हुई तो इसका बुरा प्रभाव आपके साथ आपके मां-बाप पर भी पड़ सकता है। जब भी आप या आपके साथी कुछ गलत करेंगे तो पुलिस सबसे पहले अभिभावकों को ही बुलाएगी। आपके गलत कार्यों की सामाजिक सजा भी आपके अभिभावकों को भुगतनी पड़ सकती है। आईएएस नवीन जैन कहते हैं कि सोशल मीडिया को लेकर बच्चों, किशोर-किशोरियों सहित अभिभावकों को चेतना चाहिए। जितना आसानी व सहजता से यह उपलब्ध है, उतना ही नुकसान दायक भी हो सकता है। इसलिए जरूरी है कि बच्चों के साथ-साथ बड़े व अभिभावक सोशल मीडिया को लेकर सावधान रहें। अनावश्यक एप डाउनलोड करते समय सावधानी बरतें। यदि किसी अनजान के सोशल मीडिया पर गलत मैसेज आ रहे हैं तो उसकी शिकायत करें, उन्हें ब्लॉक करें। ओटीटी पर गाली-गलोच वाली फिल्मों व सीरियल आदि बच्चों को न देखने दें, क्योंकि फिर वे वही व्यवहार समाज में अपने दोस्तों और फिर अपने आस-पास के लोगों के साथ करते हैं। जिले में स्वास्थ्य विभाग के सीओआईईसी विनोद बिश्रोई से समन्वय कर कोई भी शिक्षण संस्थान स्पर्श कार्यक्रम करवा सकता है। वहीं वोलेंटियर्स शिखा व पूनम खेतान स्पर्श अभियान के तहत नियमित रूप से बच्चों को जागरूक कर रही हैं। गतदिवस विद्या मंदिर स्कूल, जैन पब्लिक स्कूल आदि शिक्षण संस्थाओं में कार्यक्रम आयोजित किया गया।