पशुओं में आंतरिक एवं बाह्य परजीवी नियंत्रण वैज्ञानिक विधि से करें: डॉ0 राजकुमार बेरवाल

विनय एक्सप्रेस समाचार, श्रीगंगानगर। पशु विज्ञान केंद्र सूरतगढ़ के द्वारा डेयरी पशुओं में अंत एवं बाह्य परजीवी नियंत्रण विषय पर ऑनलाइन प्रशिक्षण शिविर का आयोजन शनिवार को किया गया।


केंद्र के प्रभारी अधिकारी डॉ0 राजकुमार बेरवाल ने ऑनलाइन माध्यम से जुड़े सभी पशुपालकों का स्वागत व्यक्त किया तथा पशुओं में परजीवी जंतुओं को भयंकर समस्या बताते हुए कहा कि परजीवी जीव दो प्रकार के होते हैं। अंत परजीवी एवं बाहय परजीवी और ये प्रायः सभी प्रकार तथा उम्र के पशु प्रभावित होते हैं, परंतु विशेष रूप से यह गोवंश पशुओं में ज्यादा होते हैं, इसके अतिरिक्त चिंचड़ भेड़, बकरी, सूअर, कुत्ता, बिल्ली आदि में भी पाए जाते हैं तथा भैंस में चिंचड कम मिलते हैं परंतु जो इन में जूं अत्यधिक मात्रा में मिलती हैं। चिंचड प्राय गर्मी एवं वर्षा ऋतु में अधिक होते हैं, क्योंकि उस समय चिंचड़ के प्रजनन के लिए उचित तापमान व नमी वातावरण में उपलब्ध होती है, जिससे चिंचड़ अपनी संख्या बढ़ा लेते हैं।

चिंचड़ शरीर के किसी भी भाग पर हो सकते है, चीचड़ पशुओं में प्राय घुमंतू पशुओं व चारागाह से आते है। इसके अलावा यह पशुशाला की दीवारों व फर्श आदि की साफ सफाई रखनी चाहिए और पशु का खून चूसते हैं और पशु को धीरे धीरे हानि पहुंचाते हैं।


प्रशिक्षण शिविर में केंद्र के डॉ0 अनिल घोड़ेला तथा डॉ0 मनीष कुमार सेन ने बताया की पशु शरीर पर परजीवी चिपक जाते हैं तब अपने मुख भाग से उनकी (पशु) त्वचा को भेदते है, जिससे पशु के शरीर में छोटे-छोटे घाव हो जाते हैं। इन घावों से चिंचड पशु के शरीर से खून चूसते हैं, अलग-अलग प्रकार के चिंचड की जातियां भिन्न-भिन्न मात्राओं में पशु के शरीर से रक्त चूसते हैं। चिंचड के काटने से जलन, बेचौनी, खुजली, खून की कमी (रक्त अल्पता), चीचड़ कई प्रकार के कीटाणु को भी एक पशु से दूसरे पशु तक ले जाते हैं, जिससे पशु बीमार हो जाते हैं विषाणु के अलावा चिंचड कई प्रकार के प्रोटोजोआ को भी एक पशु से दूसरे पशु तक ले जाते हैं जिसमें थाइलेरिया, बेबेसीया, नाप्लाजमा प्रमुख बीमारियां हैं। इन बीमारियों से पशुओं की काफी संख्या में मृत्यु होती है और परजीवी रोग के कारण, लक्षण, रोग निदान, उपचार के  बारे में विभिन्न जानकारियां देकर पशुपालकों को लाभांवित किया। इस प्रशिक्षण शिविर में कुल 42 पशुपालकों ने भाग लिया।