श्री धर्मसंघ संस्कृत महाविद्यालय में शंकराचार्य जयंती मनाई गई

विनय एक्सप्रेस समाचार, श्रीगंगानगर। यहाँ तीनपुलि मोहनपुरा मार्ग पर श्री धर्मसंघ संस्कृत महाविद्यालय में शंकराचार्य जयंती कार्यक्रम आयोजित किया गया। कार्यक्रम में ज्योतिषपीठाधीश्वर जगद्गुरु शंकराचार्य ब्रह्मलीन स्वामी माधवाश्रम जी महाराज के कृपा पात्र शिष्य ब्रह्मचारी कल्याण स्वरूप जी महाराज ने कहा कि भारतीय सनातन परंपरा के प्राचीनतम मूल ऋषि वैचारिक परंपरा का विस्तृत रूप भारतीय षड्दर्शनों में अंतिम तथा अद्वैत मत के प्रमुख वेदांत दर्शन के क्रमागत विकास को
सर्व धर्मान् परित्यज्य मामेकंए शरणं व्रज
गीता के इस उद्घोष को सरलतम वाक्यों के द्वारा प्रतिपादित करने वाले आद्य गुरु साक्षात् शंकरावतार भगवान् की जयंती मनाते हुए 25 सौ वर्ष हो चुके हैं 7 सौ ईसा पूर्व से लेकर आज तक भगवान शंकराचार्य का कालखंड अब तक अनवरत चला आ रहा है। शंकराचार्य जी के अवतरण दिवस पर श्री धर्म संघ संस्कृत महाविद्यालय में वैदिक बटुकों द्वारा निबंध व संभाषण प्रतियोगिता का आयोजन संपन्न हुआ।