डेंगू रोकथाम के लिए ज्यादा से ज्यादा टेस्टिंग और सेंपलिंग होगी : जिले में अब तक 79 डेंगू मरीज
विनय ऐक्सप्रेस समाचार, श्रीगंगानगर। मौसमी बीमारियों और डेंगू की रोकथाम के लिए जिले में ज्यादा से ज्यादा टेस्टिंग और सेंपलिंग होगी। इस संबंध में शनिवार को चिकित्सा एवं स्वास्थ्य मंत्री डॉ. रघु शर्मा ने वीसी के माध्यम से आवश्यक दिशा-निर्देश दिए और कहा कि डेंगू को लेकर हर स्तर पर अधिकारी मोनिटरिंग करें एवं गंभीरता बरतें। उन्होंने टेस्टिंग किट्स और दवाओं की उपलब्धता, प्रभावित क्षेत्रों में डोर टू डोर सर्वे, एंटीलार्वा सहित जागरूकता गतिविधियों के प्रभावी क्रियान्वयन के भी निर्देश दिए। वीसी में जिलास्तर से सीएमएचओ डॉ. गिरधारी मेहरड़ा, आरसीएचओ डॉ. एचएस बराड़, डिप्टी सीएमएचओ डॉ. करण आर्य एवं पीएमओ डॉ. बलदेव सिंह मौजूद रहे। वीडियो कॉन्फे्रंसिंग के जरिए स्वास्थ्य मंत्री डॉ. शर्मा ने मौसमी बीमारियों, कोरोना वैक्सीनेशन, जांच तथा अन्य विषयों पर विभागीय तैयारियों की प्रगति की समीक्षा करते हुए कहा कि जितनी ज्यादा टेंस्टिंग होगी उतनी ही जल्दी मरीजों की पहचान कर उनका इलाज प्रारंभ किया जा सकेगा। प्रदेश में मरीजों की संख्या में बढ़ोतरी के चलते विभाग को पूरी तरह अलर्ट मोड पर रहना होगा। उन्होंने अधिकारियों को प्रभावित जिलों में स्थानीय निकाय के साथ समन्वय स्थापित कर फोगिंग, फोकल स्प्रे, लार्वा प्रदर्शन और मच्छरदानी वितरण के भी निर्देश दिए। उन्होंने सभी जिलों में स्थापित कंट्रोल रूम और रेपिड रेस्पॉन्स टीमों के प्रभावी मॉनिटरिंग के निर्देश देते हुए कहा कि किसी भी स्तर पर लापरवाही नहीं होनी चाहिए। चिकित्सा सचिव वैभव गालरिया ने सभी अधिकारियों को मौसमी बीमारियों पर नियंत्रण रखने के जरूरी निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि चिकित्सा संस्थानों में बैड, दवाओं या अन्य किसी भी सुविधा की कमी नहीं आने दी जाएगी।
वंचित लोग लगवाएं कोरोना वेक्सीन
स्वास्थ्य मंत्री ने बताया कि प्रदेश में दो करोड़ से ज्यादा लोगों को कोविड वैक्सीन की द्वितीय डोज लगाई जा चुकी हैं लेकिन यह आंकड़ा पर्याप्त नहीं है। विश्व स्वास्थ्य संगठन और विशेषज्ञों के अनुसार दोनों डोज लगवाकर ही हम कोरोना से लडऩे की प्रतिरोधात्मक क्षमता विकसित कर सकते हैं, इसलिए जरूरी है कि जो नागरिक अब तक वेक्सीन लगाने से वंचित रह गए हैं वे कोविड वेक्सीन अवश्य लगवाएं। उन्होंने बताया कि प्रदेश में 82.5 प्रतिशत लोगों को वैक्सीन का पहला और 46.8 प्रतिशत लोगों को दोनों डोज लगाई जा चुकी हैं। उन्होंने कहा कि कोविड वेक्सीन के बाद लोगों में बनी एंटीबॉडी को जांचने के लिए प्रदेश के 14 जिलों का चयन कर सीरो संर्विलांस किया जा रहा है।