राजस्थानी भाषा, साहित्य एवं संस्कृति अकादमी की ओर से प्रकाशन सहयोग योजना में कुल 11.52 लाख रुपए के आर्थिक सहयोग की घोषणा : विभिन्न विधाओं की छह पुस्तकों का भी होगा प्रकाशन

विनय एक्सप्रेस समाचार, बीकानेर। राजस्थानी भाषा, साहित्य एवं संस्कृति अकादमी के अध्यक्ष शिवराज छंगाणी ने अकादमी की ओर से वर्ष 2022-23 के तहत राजस्थानी पत्र-पत्रिकाओं को सहयोग, निजी व्यय से प्रकाशित पुस्तकों को सहयोग व पांडुलिपि प्रकाशन सहयोग योजना में कुल 11.52 लाख रुपए के आर्थिक सहयोग की घोषणा की है।
छंगाणी गुरुवार को होटल ढोलामारू सभागार में आयोजित अकादमी कार्यसमिति बैठक की अध्यक्षता कर रहे थे। उन्होंने बताया कि राजस्थानी पत्र-पत्रिकाओं को सहयोग योजना के तहत 8 पत्र-पत्रिकाओं को कुल 1.15 लाख रुपए की, निजी व्यय से प्रकाशित पुस्तकों को सहयोग के तहत 32 पुस्तकों को कुल 3.05 लाख रुपए की तथा पांडुलिपि प्रकाशन सहयोग योजना के तहत 82 पांडुलिपियों को कुल 7.32 लाख रुपए की आर्थिक सहायता दी जायेगी।
विभिन्न पुस्तकों का होगा प्रकाशन- अकादमी सचिव शरद केवलिया ने बताया कि अकादमी की ओर से शीघ्र ही विभिन्न विधाओं में छः पुस्तकों का प्रकाशन किया जायेगा। इसके तहत- इक्कीसवैं सइकै री टाळवीं राजस्थानी कहाणी (सं. डॉ. भरत ओला), इक्कीसवैं सइकै रा टाळवां राजस्थानी व्यंग्य (सं. डॉ. कृष्णकुमार आशु), इक्कीसवैं सइकै री टाळवीं राजस्थानी कविता (सं. अम्बिका दत्त व डॉ. घनश्यामनाथ कच्छावा), इक्कीसवैं सइकै रो टाळवों राजस्थानी महिला लेखन (सं. डॉ. मीनाक्षी बोराणा व डॉ. शारदा कृष्ण), इक्कीसवैं सइकै रो टाळवों राजस्थानी कथेतर (सं. राजेन्द्र जोशी व डॉ. सुरेश सालवी), राजस्थानी रा टाळवां गीत (सं. डॉ. सुखदेव राव) का प्रकाशन किया जायेगा। इस संबंध में विस्तृत जानकारी शीघ्र ही उपलब्ध करवा दी जायेगी।
अकादमी उपाध्यक्ष डॉ. भरत ओला ने बताया कि अकादमी द्वारा शीघ्र ही विभिन्न साहित्यिक समारोहों व अकादमी वार्षिक समारोह का आयोजन किया जायेगा। अकादमी की ओर से राजस्थानी साहित्यकार परिचय कोश व भारतीय संविधान का राजस्थानी अनुवाद प्रकाशित होगा, साथ ही अनेक साहित्यकारों के व्यक्तित्व-कृतित्व पर मोनोग्राफ भी प्रकाशित होंगे।
इस अवसर पर अकादमी कोषाध्यक्ष राजेन्द्र जोशी, सदस्य डॉ. घनश्यामनाथ कच्छावा, डॉ. मीनाक्षी बोराणा, अम्बिका दत्त, दिनेश पंचाल, डॉ. सुखदेव राव, डॉ. शारदा कृष्ण, डॉ. कृष्णकुमार आशु, डॉ. सुरेश सालवी उपस्थित थे।