पशु चिकित्सा शिविर व जागरूकता एवं मूल्य संवर्धन प्रशिक्षण शिविर का भी किया जाएगा आयोजन
विनय एक्सप्रेस समाचार, बीकानेर। स्वामी केशवानंद राजस्थान कृषि विश्वविद्यालय के द्वारा हाल ही में गोद लिए गए गांव पेमासर में प्रत्येक घर के बाहर नीम और सहजन का एक-एक पौधा लगाया जाएगा। साथ ही गांव में पशु चिकित्सा शिविर व जागरूकता एवं मूल्य संवर्धन प्रशिक्षण कैंप का भी आयोजन किया जाएगा। 7 अगस्त को सुबह साढ़े 11 बजे से डेढ़ बजे तक आयोजित होने वाले इन कार्यक्रमों की तैयारियों को लेकर सोमवार को कुलपति डॉ अरुण कुमार ने कुलपति सचिवालय सभागार में संबंधित डीन, डायरेक्टर्स व कृषि वैज्ञानिकों की बैठक ली।
कुलपति डॉ अरुण कुमार ने बताया कि 7 अगस्त को सुबह साढ़े 11 बजे से दोपहर डेढ़ बजे तक पेमासर गांव में जिला प्रशासन व राजुवास के सहयोग से शिविर का आयोजन किया जाएगा। शिविर की शुरुआत पेमासर गांव में प्रत्येक घर के बाहर नीम और सहजन का एक-एक पौधा लगा कर की जाएगी। पौधों की सार संभाल के लिए संबंधित घर के लोगों से अपील की जाएगी। विश्वविद्यालय के संबंधित कृषि वैज्ञानिक भी समय समय पर पौधों की देखरेख करेंगे। इसके अलावा राजुवास के सहयोग से पेमासर गांव में पशु चिकित्सा शिविर का आयोजन किया जाएगा। जिसमें बीमार पशुओं का इलाज और वैक्सीनेशन होगा। साथ ही हॉर्टिकल्चर विभाग के कृषि वैज्ञानिक गांव के लोगों को विभिन्न उद्यानिकी फसल उत्पादों के मूल्य संवर्धन को लेकर प्रशिक्षण देंगे।
कुलपति ने बताया कि हाल ही में स्वामी केशवानंद राजस्थान कृषि विश्वविद्यालय के 38वें स्थापना दिवस पर 1 अगस्त को आयोजित कार्यक्रम में पेमासर गांव को विश्वविद्यालय सामाजिक उत्तरदायित्व ( यूएसआर) के तहत गोद लिया है। कृषि विश्वविद्यालय जिला प्रशासन व राजुवास के सहयोग से गांव में जागरूकता के विभिन्न कार्यक्रम आयोजित कर गांव के प्रत्येक व्यक्ति के चेहरे पर मुस्कान लाने को लेकर प्रयासरत रहेगा। बैठक में कुलपति के अलावा वित्त नियंत्रक श्री राजेन्द्र कुमार खत्री, भू सृद्श्यता एवं राजस्व सृजन निदेशक डॉ दाताराम, प्रसार निदेशक डॉ पीएस शेखावत, छात्र कल्याण निदेशक डॉ एन.एस.दहिया, सामुदायिक विज्ञान महाविद्यालय अधिष्ठाता डॉ विमला ढुकवाल, कृषि महाविद्यालय अधिष्ठाता डॉ पीके यादव, पीजी अधिष्ठाता डॉ राजेश कुमार वर्मा, आईएबीएम अधिष्टाता डॉ आई. पी.सिंह, पीएमई डॉ योगेश शर्मा, पूल अधिकारी डॉ वाई.के.सिंह समेत अन्य कृषि वैज्ञानिक उपस्थित रहे।