शिक्षा के साथ विद्यार्थियो की विविध क्षेत्रों दक्षता आवश्यक : प्रो. विधार्थी,कुलपति
विनय एक्सप्रेस समाचार, बीकानेर। बीकानेर तकनिकी विश्वविद्यालय में गोद लिए गांव पालना में स्किल डेवलपमेंट कैंप का अयोजन किया गया।जनसंपर्क अधिकारी विक्रम राठौड़ ने बताया कि इस अवसर पर अपने संदेश में कुलपति प्रो अंबरीश शरण विधार्थी ने कहा कि स्कूली बच्चे पाठ्यक्रम के अलावा इन कैंपों में बहुत कुछ सीख सकते हैं। बच्चों के अंदर छुपी प्रतिभा इन स्किल कैंपों के माध्यम से बाहर आएगी। ऐसे शिविर स्कूल स्तर पर छात्रों के लिए एक मजबूत नींव बनाने में मदद करता है। इन शिविरों के जरिए विधार्थियो ने आत्मविश्वास और नेतृत्व कौशल बनाने में मदद मिलती है। यह समस्या-समाधान कौशल और सहयोग विकसित करता है। यह छात्रों को स्वतंत्र विचारक बनने में मदद करता है और उन्हें अपने भविष्य के लिए योजना बनाने के लिए प्रोत्साहित करता है। कुशल भारत का निर्माण के लिए विद्यार्थियो को विविध क्षेत्रों दक्ष करना जरूरी है। कार्यक्रम की संचालिका डा. अनु शर्मा एवं डा. प्रीति पारीक ने बताया कि इस शिवर का उद्देश्य विद्यार्थिओ को आधुनिक कार्यबल में आगे बढ़ने के लिए आवश्यक कौशल प्रदान करता है। व्यापक प्रशिक्षण और परामर्श के माध्यम से उनकी रोजगार क्षमता और उद्यमशीलता क्षमताओं को बढ़ाने के लिए सशक्त बनाता हैं। कौशल वृद्धि की आवश्यकता वाले नए क्षेत्रों की पहचान करना और उनका विकास करना आदि पर फोकस करके विद्यार्जन किया जाए तो बेरोजगारी की समस्या से निपटा जा सकता है। स्किल इंडिया लाखों युवा भारतीयों को व्यावसायिक प्रशिक्षण प्रदान करता है, जिससे वे विभिन्न उद्योगों में अधिक रोजगार योग्य बन जाते हैं। यह, बदले में, देश में बेरोजगारी के मुद्दे को हल करने में मदद करता है। सरकार द्धारा बेरोजगार युवाओं को स्किल्ड करने के लिए योजनाओं की जानकारी भी दी गई। जैसे कंट्रक्शन, इलेक्ट्रॉनिक्स एवं हार्डवेयर, फूड प्रोसेसिंग, फर्नीचर और फिटिंग, हैंडीक्रॉफ्ट, जेम्स और जूलरी, लेदर टेक्नोलॉजी आदि कई प्रशिक्षण दिया जाता है। महेश व्यास इलेक्ट्रीशियन, विद्युत अभियन्त्रण विभाग, बीटीयू ने विद्यार्थिओ को रोजमर्रा जीवन में काम आने वाले बिजली के उपकरणों की मरम्मत की जानकारी दी कि कैसे खराब मोटर पंप को सही कर सकते है। ट्यूब लाइट, कूलर पानी गरम करने वाली रॉड को ठीक कर सकते हैं। ये सभी कौशल हमे घर के साथ साथ रोजगार दिलाने में भी सहायक होते है। इसके साथ साथ उन्होने ट्रांसफार्मर, जनरेटर, स्विचगियर, पंखे आदि को फिट और असेंबल करना, फिटिंग, वायरिंग और असेंबली के ड्राइंग और वायरिंग आरेख आदि की जानकारी दी। लोकेश ने स्टूडेंट्स को बहीखाता पुस्तकों को कैसे बनाते है की जानकारी दी। और कहा कि वित्तीय लेनदेन की रिकॉर्डिंग की कला है। इसकी सही समझ से हम सफल उद्यमी बन सकते है। सह सयोजक नटवर कड़वासरा एवम साकेत जांगिड ने कहा कि तेजी से बदलती परिपेक्ष में रोजगार उन्मुक्त शिक्षा की आवश्कता है।
विद्यार्थियो ने उत्साह पूर्वक भाग लिया तथा इससे जुड़े कई प्रश्न पूछे। विद्यालय प्रिंसिपल एवं सटफ्फ ने सहयोग से ये व्याखान सफलता पूर्वक आयोजित हुआ।