सशक्त दस्त नियंत्रण अभियान : नौनिहालों को बचाएंगे डायरिया और कुपोषण से

दस्त को पस्त करने में जुटेगा चिकित्सा विभाग, 7 अक्टूबर से 25 अक्टूबर तक मनाया जाएगा सशक्त दस्त नियंत्रण अभियान

अभियान में ओआरएस व जिंक टेबलेट मिलेगी निःशुल्क शहरी प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र लोहारपुरा से जिला स्तरीय शुभारंभ

विनय एक्सप्रेस समाचार, नागौर। पांच से कम आयु के बच्चों में दस्त तथा कुपोषण के कारण होने वाली मृत्यु दर में कमी लाने के लिए नागैर सहित प्रदेशभर में सशक्त दस्त नियंत्रण अभियान संचालित किया जाएगा, जो 7 अक्टूबर से 25 अक्टूबर तक चलेगा। इस अभियान का जिला स्तरीय शुभारंभ मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. महेश वर्मा के निर्देशानुसार शहरी प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र लोहारपुरा से किया गया।
यहां कार्यवाहक अतिरिक्त मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. रतनाराम बिड़ियासर, प्रभारी चिकित्सा अधिकारी डॉ. मो. मुस्लिम ने नन्हें-मुन्नो को ओआरएस का घोल पिलाकर व जिंक टेबलेट वितरित कर अभियान की शुुरूआत की। इस मौके पर ब्लाक कार्यक्रम प्रबंधक प्रेम प्रकाश पंडित व ब्लॉक नोडल अधिकारी मनोज व्यास व पब्लिक हेल्थ मैनेजर अशोक चौधरी मौजूद रहे.

अभियान में दस्त एवं कुपोषण से होने वाली बीमारियों के प्रति आमजन में जनजागृति लाने के लिए व्यापक जागरूकता गतिविधियां भी आयोजित की जाएंगी। चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग की ओर से इस दौरान दस्त से पीडित पांच वर्ष तक के बच्चों की पहचान कर उन्हें ओआरएस पैकेट एवं जिंक टेबलेट निःशुल्क उपलब्ध करवाई जाएगी। विभाग के स्वास्थ्य कार्यकर्ता जनसमुदाय को स्वच्छता, पौष्टिक आहार एवं हाथ धोने के सही तरीके आदि की जानकारी भी देंगे

आशा देगी घर घर जानकारी और ओआरएस पैकेट

विभाग के जिला आईईसी समन्वयक हेमन्त उज्जवल ने बताया कि अभियान के दौरान पांच वर्ष तक के बच्चों वाले सभी घरों में आशा सहयोगिनियों के जरिए ओआरएस पैकेट व सूचनाप्रद सामग्री पहुंचाई जाएगी। सभी चिकित्सा संस्थानों पर ओआरएस व जिंक कॉर्नर बनाकर घोल तैयार करने व उपयोग के तरीके का प्रदर्शन किया जाएगा। दस्त व निर्जलीकरण से होने वाली मृत्यु को ओआरएस व जिंक की गोली देकर और पर्याप्त पोषण के जरिए रोका जा सकता है। साथ ही दस्त की रोकथाम के लिए साफ पानी, समय-समय पर हाथों को सफाई, स्वच्छता, टीकाकरण, स्तनपान व पोषण का अहम योगदान होता। घर-घर जाकर ओआरएस के पेकेट एवं जिंक वितरित करने एवं आईवाईसीएफ का परामर्ष देने पर आषा सहयोगिनी को प्रोत्साहन राषि का भुगतान भी किया जाएगा। जिले के प्रत्येक जिला अस्पताल, सामुदायिक/प्राथमिक/उपकेन्द्र पर ओआरएस जिंक कॉर्नर एवं आईवाईसीएफ परामर्ष केन्द्र स्थापित किये जाएंगे। इस कार्य के लिए आशा सहयोगिनियां अपने-अपने क्षेत्रों में प्रतिदिन घरों का विजिट कर सर्वे करेंगी तथा दस्त व कुपोषण ग्रस्त बच्चों को चिन्हित करेगीं। जिले की सभी चिकित्सा संस्थानों में ओआरएस-जिंक कॉर्नर बनाए जाएंगे। इसके साथ ही आषा एवं प्रसाविका द्वारा हाथ धुलाई का तरीका एवं महत्व भी बताया जाएगा एवं प्रचार-प्रसार किया जाएगा।