सशक्त दस्त नियंत्रण पखवाडा का शुभारंभ

अभियान में ओआरएस व जिंक टेबलेट मिलेगी निःशुल्क

विनय एक्सप्रेस समाचार, भरतपुर। चिकित्सा विभाग द्वारा जिले में सशक्त दस्त नियंत्रण पखवाड़ा 7 अक्टूबर से 21 अक्टूबर तक चलाया जायेगा। मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डा0 लक्ष्मण सिंह ने कहा कि दस्त एक गंभीर रोग है और भारतवर्ष में हर साल एक लाख बच्चों की मौत दस्त की वजह से हो जाती है। पांच साल की उम्र तक के बच्चों को डायरिया के दौरान पानी की कमी को दूर करने के लिए ओआरएस का घोल पिलाया जाना बहुत जरूरी है। नौनिहालों को ओआरएस का घोल समय-समय पर पिलाने से उनके शरीर में पानी कमी को दूर किया जा सकता है। वहीं बच्चों को जिंक टेबलेट दिया जाना भी जरूरी है, ताकि उन्हें आगे डायरिया से बचाया जा सके। इसके लिए चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग के कार्मिकों के साथ-साथ आंगनबाड़ी कार्यकर्ता व आशा सहयोगिनी का योगदान भी जरूरी है, तभी दस्त नियंत्रण अभियान को सफल बना सकेंगे।

जिला प्रजनन एवं शिशु स्वास्थ्य अधिकारी डॉ0 अमर सिंह सैनी ने कहा कि बच्चों को तंदुरूस्त रखने के उपायों के बारे में जानकारी देते हुए बताया कि खाने और शौच से पूर्व ठीक प्रकार से हाथ धोने से बीमारियां पास नहीं फटकती। उन्होंने कहा कि दस्त के दौरान कभी भी बच्चों के खाने को बंद नहीं करना चाहिए। खाना बंद करने से बच्चे की सेहत को अधिक नुकसान पहुंचता है। उन्होंने प्रत्येक दस्त के बाद बच्चों को ओआरएस का घोल पिलाए जाने और नियमित रूप से 14 दिनों तक जिंक की गोलियां खिलाये जाने की बात कही।
जिला आईईसी समन्वयक राममोहन जांगिड ने बताया कि आईडीसीएफ पखवाड़ा 7 अक्टूबर से 21 अक्टूबर तक चलेगा। इस पखवाड़े के दौरान जिला अस्पताल, सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र, प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र, उप स्वास्थ्य केन्द्र तक ओरआरएस कॉर्नर स्थापित किए जाएंगे, जहां पर बच्चों को जिंक टेबलेट व ओआरएस के पैकेट्स वितरित किए जाएंगे। कार्यक्रम में मौजूद आशा सहयोगिनी को बच्चों को ओआरएस का घोल कैसे दिया जाना है, इसके बारे में पूरी जानकारी दी। अभियान में दस्त एवं कुपोषण से होने वाली बीमारियों के प्रति आमजन में जनजागृति लाने के लिए व्यापक जागरूकता गतिविधियां भी आयोजित की जाएंगी।

आशा देगी घर घर जानकारी और जिंक टेबलेट एवं ओआरएस पैकेट
विभाग के जिला आशा समन्वयक जितेंद्र कुमार ने बताया कि पखवाड़े के दौरान पांच वर्ष तक के बच्चों वाले सभी घरों में आशा सहयोगिनियों के जरिए ओआरएस पैकेट, जिंक टैबलेट व सूचनाप्रद सामग्री पहुंचाई जाएगी तथा ओआरएस के उपयोग, साफ-सफाई और स्वच्छता के बारे में जागरूक किया जाएगा। दस्त व निर्जलीकरण से होने वाली मृत्यु को ओआरएस व जिंक की गोली देकर और पर्याप्त पोषण के जरिए रोका जा सकता है। साथ ही दस्त की रोकथाम के लिए साफ पानी, समय-समय पर हाथों को सफाई, स्वच्छता, टीकाकरण, स्तनपान व पोषण का अहम योगदान होता। घर-घर जाकर ओआरएस के पेकेट एवं जिंक वितरित करने एवं आईवाईसीएफ का परामर्श देने पर आशा सहयोगिनी को प्रोत्साहन राशि का भुगतान भी किया जाएगा।