बाल साहित्य अकादमी द्वारा प्रदत्त “यशवंत रुचिर” पुरस्कार से सुनील गज्जाणी पुरस्कृत

विनय एक्सप्रेस समाचार, जयपुर। बीकानेर के हिंदी -राजस्थानी के रचनाकार सुनील गज्जाणी की बाल नाट्य पुस्तक “एक वन दो- दो राजा व तीन अन्य नाटक ” को बाल साहित्य अकादमी, जयपुर द्वारा पुस्तक  सम्मान के अंतर्गत पुरस्कृत!
देश की पहली बाल साहित्य अकादमी पंडित जवाहर लाल नेहरू बाल साहित्य अकादमी, जयपुर द्वारा गठन के पश्चात् आयोजित प्रथम पुरस्कार समारोह के अंतर्गत राजस्थान के 11 बाल लेखकों की पुस्तकों का चयन करते हुए सुनील गज्जाणी की बाल नाट्य पुस्तक ” एक वन दो – दो राजा व अन्य तीन नाटक ” का निर्णायकों द्वारा “श्री यशवंत रुचिर पुरस्कार ” हेतु चयन किया गया! जवाहर कला केंद्र, जयपुर के रंगायन सभागार में 28 से 30 मार्च  तक चल रहें बाल समारोह समारोह के अंतर्गत पुस्तक सम्मान कार्यक्रम के मुख्य अतिथि श्री रमेश बोराणा-  उपाध्यक्ष, राजस्थान मेला विकास प्राधिकरण व राज्य मंत्री, विशिष्ट अतिथि श्री फ़ारुक आफरीदी ( ओएसड़ी, मुख्यमंत्री राजस्थान सरकार ), श्री मुकेश भारद्वाज ( मुख्य संपादक, जनसत्ता ), श्री रमेश तैलंग ( वरिष्ठ बाल साहित्यकार) श्री दुलाराम सहारण ( अध्यक्ष, राजस्थान साहित्य अकादमी, उदयपुर ) द्वारा सुनील गज्जाणी को ग्यारह हज़ार की पुरस्कार राशि सहित मान पत्र एवं स्मृति चिन्ह तथा शॉल ओढ़ा व मोतियों की माला पहनाकर पुरस्कृत किया गया!
समारोह में श्री गोविंद शर्मा, श्री प्रबोध कुमार गोविल, सुश्री नीलिमा टिक्कू सहित जयपुर व  राज्य के भिन्न-भिन्न अंचलों से साहित्यकारों के  अतिरिक्त कला रसिकों के साथ  स्वाधीनता सैनानी  ब्रह्मलीन ” यशवंत जी के परिजन श्री नवनीत रुचिर, श्री दीपक भटनागर, श्रीमती रश्मि भटनागर आदि समारोह को शोभायमान कर रहें थे!
गज्जाणी  की पुरस्कृत पुस्तक में भिन्न -भिन्न कथानकों को हास्य -व्यंग्य में पिरोते हुए चार नाटक बहुत ही रोचकता के साथ रचें हैं!
सुनील गज्जाणी हिंदी -राजस्थानी में अपना रचनाकर्म करते हुए चार पुस्तकों की सृजना की हैं तथा गध्य -पध्य की रचनाएं जहाँ प्रदेश -देश में समय -समय पर पुरस्कृत होती रही हैं वहीं सिंधी, गुजराती, पंजाबी, मराठी, नेपाली में अनुवाद हो चुका हैं तथा एक नाटक सातवीं कक्षा में पढ़ाया भी जाता है!