आदर्श आचार संहिता लागू होते ही शस्त्र जमा कराएं

विनय एक्सप्रेस समाचार, पाली। जिला मजिस्ट्रेट नमित मेहता ने विधानसभा आम चुनाव को लेकर जिले के सभी शस्त्र धारक एवं शस्त्र लाइसेंस धारकों को अपने शस्त्र आदर्श आचार संहिता लागू होते ही संबंधित पुलिस स्टेशन में जमा करवाने के आदेश जारी किए है।

आदेश जारी कर जिले के सभी शस्त्र धारक व शस्त्र लाइसेंस धारक अपने शस्त्र तत्काल संबंधित अथवा निकटतम पुलिस स्टेशन के भारसाधक अधिकारी के पास जमा करवा दें और पुलिस स्टेशन के भारसाधक अधिकारी से आगामी विधानसभा चुनाव 2023 की मतगणना होने के सात दिवस पश्चात पुनः प्राप्त किये जा सकेंगे।

उन्होंने बताया कि पाली जिले के सभी पुलिस थानों में जमा करवाये गए शस्त्रों की संकलित सूची पुलिस थाना वार प्रतिदिन जिला पुलिस अधीक्षक पाली जिले के संबंधित क्षेत्र के उपखण्ड मजिस्ट्रेट को प्रेषित करेंगे। यह आदेश निम्नलिखित पर लागू नहीं होगा। जिसमें बैंक सुरक्षाकर्मियों (केवल ये शस्त्र अनुज्ञाधारी जिन्हें बैंक की सुरक्षा हेतु शस्त्र अनुज्ञा पत्र जारी किया गया हो), सीमा सुरक्षा बल, अर्द्धसैनिक बल, सैनिक दल, शस्त्र पुलिस, सिविल डिफेन्स होमगार्ड व उन राज्य व केन्द्रीय अधिकारियों एवं कर्मचारियों पर लागू नहीं होगा जो कानून व्यवस्था के संबंध में ड्यूटी देने हेतु अपने पास हथियार रखने हेतु अधिकृत किये गए हो। मंदिर, कंपनीज, संस्थाओं आदि की सुरक्षा में नियुक्त सुरक्षा गार्ड, जो लम्बे समय से पाली जिले से बाहर रह रहे है तथा चुनाव के दौरान पाली जिले में आने की संभावना नहीं है। राईफल एसोसियेशन एवं स्पोट्समैन, जो राईफल एसोसियेशन के सदस्य है जो विभिन्न प्रतियोगिता में भाग लेते हो।

इनके अलावा कोई अनुज्ञापत्र धारी अपनी आत्म सुरक्षा के लिए या अन्य उचित कारण से हथियार अपने पास रखना चाहता है तो यह संबंधित पुलिस थाना अधिकारी को अपना प्रार्थना पत्र आगामी 15 अक्टूबर 2023 तक कारण सहित प्रस्तुत कर सकेगा। थानाधिकारी अनुज्ञापत्रधारी द्वारा प्रस्तुत प्रार्थना पत्र जिला पुलिस अधीक्षक पाली के माध्यम से तत्काल जिला स्तरीय स्क्रिनिंग कमेटी के अध्यक्ष (जिला मजिस्ट्रेट पाली) को भिजवायेंगे। जिला स्तरीय स्क्रिनिंग कमेटी अनुज्ञापत्रधारी के प्रार्थना पत्र पर गुणावगुण के आधार पर विवेचन कर निर्णय पारित करेगी तद्अनुसार आदेश जारी किये जायेंगे।

उक्त आदेश की पालना जिन शस्त्र अनुज्ञापत्रधारियों के द्वारा नहीं पाया गया तो वे उनके विरूद्ध आर्म्स एक्ट 1959 के प्रावधानान्तर्गत व भारतीय दण्ड संहिता की धारा 188 के तहत कार्यवाही के लिए उत्तरदायी होंगे।