तेरे चेहरे पे गर्द है गम की/ऐ जमाने तुझे हुआ क्या है-जाकिर अदीब

ज़ाकिर अदीब आधुनिक तेवर के शायर है-डॉ अस्मा मसूद : आखर उजास में गजल की गूंज रही।

विनय एक्सप्रेस समाचार, बीकानेर। प्रज्ञालय संस्थान एवं स्व नरपतसिंह सांखला स्मृति संस्थान के साझा आयोजन ‘आखर उजास’ की पहली कडी उर्दू भाषा को समर्पित रही। कार्यक्रम में वरिष्ठ शायर ज़ाकिर अदीब ने अपनी प्रतिनिधि ग़ज़लों के शेर प्रस्तुत किए। आपने अपने शेर – सोने की चाहता थी जिनको/हमने उन पर वारी मिट्टी, हो गैर की सरकार कि अपनों की हुकूमत/मजलूम तो हर दौर में मजलूम रहे है, उनको शायर पता नहीं होगा/अपनी इंसानियत से यारी है, तेरे चेहरे पे गर्द है गम की/ऐ जमाने तुझे हुआ क्या है……के साथ अनेक शेर प्रस्तुत कर श्रोताओं को मंत्रमुग्ध कर दिया।
साहित्यिक नवाचार लिए हुए इस कार्यक्रम में जाकिर अदीब की रचना प्रस्तुति उपरांत विशेषज्ञ टिप्पणी करते हुए आलोचक डॉ. अस्मा मसूद ने कहा कि जाकिर अदीब नई नस्ल के आधुनिक तेवर के शायर है, आपकी शायरी में हिन्दुस्तान की सभ्यता एवं सस्कृति पर हो रहे संकटों पर तंज है। साथ ही उनकी शायरी सवाल खडे़ करती है। जिसके माध्यम से वह एक कामयाब शायर के रूप में हमारे सामने आते है।


कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए वरिष्ठ साहित्यकार पत्रकार एवं राजस्थानी भाषा परामर्श मंडल के संयोजक मधु आचार्य ने कहा कि ज़ाकिर अदीब की शायरी मानवीय पीड़ा को स्वर देती है एवं संवेदनाओं का दस्तावेज है। उर्दू साहित्य में बीकानेर में यह पहला नवाचार है। जिसमें एक शायर की शायरी पर गहन विमर्श हुआ। ऐसे गंभीर प्रयास के लिए संस्था साधुवाद की पात्र है साथ ही इस मासिक कार्यक्रम से आने वाले दिनों में राष्ट्रीय स्तर पर परिणाम मिलेंगे।


कार्यक्रम में अपना सानिध्य देते हुए राजस्थानी के वरिष्ठ कवि कथाकार कमल रंगा ने कहा कि जाकिर अदीब अपनी रचनाओं के माध्यम से मानवीय चेतना और जीवन के यथार्थ को रेखांकित करते हुए अपनी बात को बेबाकी से प्रस्तुत करते है।
नाटककार-पत्रकार हरीश बी शर्मा ने जाकिर अदीब के व्यक्तित्व और कृतित्व पर प्रकाश डालते हुए कहा कि जाकिर अदीब उर्दू शायरी को सच्चे अर्थाे में जीते है।


प्रारंभ में स्वागत भाषण युवा शायर कासिम बीकानेरी ने देते हुए कहा कि हिन्दी राजस्थानी और उर्दू को समर्पित एवं भाषायी समन्वय के लिए प्रारंभ की गई। आखर उजास की श्रृंखला एक नवाचार तो है ही साथ ही गंभीर प्रयास भी।
कार्यक्रम में अतिथि रचनाकार जाकिर अदीब से उनकी शायरी और रचना प्रक्रिया पर सवाल हुए जिनका जवाब उन्होने दिया।


कार्यक्रम में नंद किशोर सोलंकी, डॉ अजय जोशी, मोलाना अशरफी माजिदर खा गौरी, संजय पुरोहित, इस्हाक गौरी, कैलाश टॉक, सईद अहम, इरशाद अजीज, बुनियाद हुसैन, मधुरिमा सिंह, डॉ कृष्णा वर्मा, इन्द्रा व्यास, नगेन्द्र नारायण किराडू, अशोक जोशी, गंगाबिशन बिश्नोई, कमल किशोर पारीक, अमित गोस्वामी, गिरीराज पारीक, डॉ फारूक चौहान, ईसरार हसन, असद अली, लोकेश दत्त आचार्य, शारदा भारद्वाज, अब्दुल जब्बार जज्बी, इंजी.कासम अली, घनश्याम सिंह, भवानी शंकर व्यास, शिव प्रकार शर्मा, हरी किशन व्यास, विप्लव व्यास, शिव प्रकाश शर्मा, समीर गोयल, एसके आचार्य, हनुमंत गौड सहित कवि शायर रंगकर्मी एवं गणमान्य श्रोताओं की सहभागिता ही।
कार्यक्रम का संचालन पत्रकार साहित्यकार हरीश बी शर्मा ने किया। वहीं सभी का आभार संजय सांखला नै ज्ञापित किया।