राज्य में पहली बार 3 उप स्वास्थ्य केन्द्रों को मिला नेशनल क्वालिटी एश्यारेंस सर्टिफिकेट : अब तक जिले के 15 अस्पताल हुए सर्टिफाइड

बीकानेर के स्वास्थ्य कल्याण केंद्र ग्रांधी, उत्तमदेसर और डूडीवाली ने एक साथ रचा इतिहास

विनय एक्सप्रेस समाचार, बीकानेर। राष्ट्रीय गुणवत्ता आश्वासन कार्यक्रम के अंतर्गत पहली बार प्रदेश के तीन उप स्वास्थ्य केन्द्रों को केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा क्वालिटी एश्योरेंस सर्टिफिकेट के लिए चुना गया है। दुगनी खुशी की बात यह है कि यह तीनों ही स्वास्थ्य कल्याण केंद्र ग्रांधी, उत्तमदेसर व डूडीवाली बीकानेर जिले के हैं जिन्होंने एक साथ एनक्वास सर्टिफिकेट हासिल किए है।

चिकित्सा एवं स्वास्थ्य मंत्री श्री परसादी लाल मीना, अतिरिक्त मुख्य सचिव चिकित्सा एवं स्वास्थ्य श्रीमती शुभ्रा सिंह, मिशन निदेशक, एनएचएम डॉ. जितेन्द्र कुमार सोनी और जिला कलेक्टर श्री भगवती प्रसाद कलाल ने चिकित्सा एवं स्वास्थ्य प्रबंधन व सेवाओं के क्रियान्वयन में उत्कृष्ट उपलब्धि अर्जित करने वाले इन चिकित्सा संस्थानों के सभी संबंधित अधिकारियों एवं कर्मचारियों को शुभकामनाएं प्रेषित की हैं।

मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ मोहम्मद अबरार पवार ने बताया कि बीकानेर जिले के उत्तमदेसर, ग्रांधी, डूडीवाली हैल्थ एंड वेलनेस सेंटर, राजसमंद जिले की पीएचसी ताल, बूंदी जिले की पीएचसी बांसी और जालौर जिले की अरबन पीएचसी लाल पोल स्वास्थ्य केन्द्रों को नेशनल क्वालिटी एश्योरेंस सर्टिफिकेट प्राप्त हुआ है। इसके लिए अस्पतालों को 3 साल तक 3-3 लाख रुपए इंसेंटिव प्राप्त होगा जिसका उपयोग अस्पताल के उन्नयन में किया जा सकेगा।

राष्ट्रीय गुणवत्ता आश्वासन कार्यक्रम के जिला नोडल अधिकारी डॉ योगेंद्र तनेजा ने बताया कि राष्ट्रीय मूल्यांकन टीम द्वारा मूल्यांकन में ग्रांधी ने 95% अंक, उत्तमदेसर ने 89% अंक व डूडीवाली ने 86% अंक प्राप्त कर यह कीर्तिमान बनाया है। उन्होंने इस उपलब्धि के लिए ब्लॉक सीएमओ कोलायत डॉ सुनील जैन व ब्लॉक सीएमओ लूणकरणसर डॉ विभय तंवर, एचडब्ल्यूसी ग्रांधी प्रभारी मदन पालीवाल, उत्तमदेसर प्रभारी राजेश कुमारी, ताहिर, डूडीवाली प्रभारी मंजूबाला, सलीम, जिला गुणवत्ता प्रकोष्ठ के महिपाल सिंह चौधरी, गजेंद्र सिंह तंवर व समस्त स्टाफ को बधाई प्रेषित की। डॉ योगेंद्र तनेजा ने बताया कि आदिनांक जिले के 15 अस्पताल राष्ट्रीय गुणवत्ता आश्वासन कार्यक्रम के अंतर्गत प्रमाणित हो चुके हैं जोकि राज्य स्तर पर सर्वाधिक है।