विनय एक्सप्रेस समाचार, जयपुर . ग्रह नक्षत्रों के हिसाब से राशिफल का आंकलन किया जाता है, 27 फरवरी का दिन कुछ राशि वालों के लिए शुभ तो कुछ के लिए सामान्य रहेगा. पढ़िए बीकानेर जिले के प्रसिद्ध ज्योतिष डॉ. आलोक व्यास का दैनिक ज्योतिष आलेख ओर देखे आज का पंचांग.
दैनिक पंचांग
(27.02.2024)
दिन – मंगलवार
तिथि– तृतीया
माह: फाल्गुन कृष्णपक्ष
विक्रम संवत 2080
सूर्य उदय: प्रातः 7:04 पर
सूर्य अस्त: साँय 6:35 पर
नक्षत्र– हस्त
योग– शूल दोपहर 4:25 तक तत्पश्चात गण्ड
करण: वणिज दोपहर 12:35 तक तत्पश्चात विष्टि/भद्रा
सूर्य राशि: कुंभ
चंद्र राशि: कन्या
राहुकाल: दोपहर 3:42 से 05:09 तक।
दैनिक राशिफल
(27.02.2024)
मेष : मानसिक स्वास्थ्य अनुकूल रहेगा किंतु शारीरिक स्वास्थ्य का ध्यान रखें। गृहस्थान और पारिवारिक स्थिति मनोअनुकूल रहेगी। आय और व्यय में संतुलन का आभाव हो सकता है।
वृषभ: जीवनसाथी अथवा मित्रों का सहयोग मिलेगा। पारिवारिक कार्यों में अनुकूलता रहेगी। शारीरिक स्वास्थ्य अनुकूल रहेगा।
मिथुन: आर्थिक स्थिति अनुकूल रहेगी। शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य संतोषजनक रहेगा। जीवनसाथी अथवा मित्रों को लेकर चिंता हो सकती है।
कर्क: गृहस्थान पर अनुकूलता रहेगी। आय और व्यय में संतुलन बना रहेगा। शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य प्रतिकूल रह सकता है।
सिंह: गृहस्थान और कार्य क्षेत्र में अनुकूलता रहेगी। आर्थिक स्थिति संतोष जनक रहेगी। पारिवारिक जिम्मेदारी में अधिकता संभव है।
कन्या: कार्य क्षेत्र में अनुकूलता रहेगी। आय और व्यय में संतुलन बना रहेगा। किसी कारण मन में बेचैनी रह सकती है।
तुला: पारिवारिक स्थिति अनुकूल रहेगी। मानसिक स्वास्थ्य अनुकूल रहेगा। कार्य क्षेत्र में स्थितियां संतोषजनक रहेगी।
वृश्चिक: जीवनसाथी अथवा मित्रों का सहयोग मिलेगा। कार्य क्षेत्र अनुकूल रहेगा। मानसिक स्वास्थ्य अनुकूल रहेगा किंतु शारीरिक स्वास्थ्य को लेकर सजग रहे हैं।
धनु: आर्थिक स्थिति में अनुकूलता रहेगी। शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य अनुकूल रहेगा। जीवन साथी अथवा मित्रों का सहयोग मिलेगा।
मकर: व्यय की अधिकता रह सकती है। कार्यक्षेत्र में अनुकूलता रहेगी। जीवनसाथी या मित्रो का सहयोग मिलेगा।
कुंभ: गृहस्थान और कार्य क्षेत्र में अनुकूलता रहेगी। जीवनसाथी अथवा मित्रों का सहयोग मिलेगा किंतु आर्थिक स्थिति प्रतिकूल रह सकती है।
मीन: शारीरिक और मासिक स्वास्थ्य अनुकूल रहेगा। गृहस्थान पर अनुकूलता रहेगी। कार्य स्थल पर अधिक ऊर्जा का व्यय संभव है।