प्रदेश में 93 हजार एमटी यूरिया की उपलब्धता : गंगानगर में सबसे अधिक 11 हजार एमटी स्टाॅक
विनय एक्सप्रेस समाचार, जयपुर। कृषि विभाग की ओर से यूरिया की दैनिक उपलब्धता की समीक्षा कर कम उपलब्धता एवं अधिक खपत वाले जिलों को चिन्हित करते हुए सभी जिलों में प्राथमिकता से पूरी पारदर्शिता के साथ वितरण किया जा रहा है। प्रदेश में वर्तमान में 93 हजार मैट्रिक टन (एमटी) यूरिया सभी जिलों में उपलब्ध है। गंगानगर जिले में सबसे अधिक 11 हजार मैट्रिक टन यूरिया स्टाॅक उपलब्ध है।
कृषि आयुक्त श्री कानाराम ने बताया कि केन्द्र सरकार की ओर से यूरिया एवं डीएपी का राज्यों को माहवार एवं कम्पनीवार आवंटन किया जाता है। राज्य सरकार द्वारा प्राप्त आवंटन एवं जिलों की मांग के अनुसार जिलेवार आपूर्ति योजना तैयार कर उर्वरकों का वितरण करवाया जाता है।
केन्द्र से स्वीकृत 9 लाख एमटी के विरूद्ध 7.57 लाख एमटी आपूर्ति
श्री कानाराम ने बताया कि इस वर्ष रबी सीजन के लिए केन्द्र सरकार की ओर से 14.50 लाख मैट्रिक टन यूरिया की मांग स्वीकृत की गयी थी, जिसके तहत अक्टूबर व नवम्बर माह में 9 लाख मैट्रिक टन मांग के विरूद्ध 7.57 लाख मैट्रिक टन आपूर्ति की गयी है।
पिछले साल की तुलना में 9 लाख हैक्टेयर अधिक बुवाई
उन्होंने बताया कि इस वर्ष अच्छी वर्षा से अग्रिम एवं अधिक बुवाई हुई है। इस वर्ष 2 दिसम्बर तक 99.04 लाख हैक्टेयर क्षेत्र में बुवाई हुई है, जो पिछले साल के इसी समय की तुलना में 9 लाख हैक्टेयर अधिक है।
गंगानगर, भरतपुर, हनुमानगढ़, करौली एवं सवाई माधोपुर में सर्वाधिक स्टाॅक
कृषि आयुक्त ने बताया कि अलवर, बूंदी, कोटा, सवाई माधोपुर, झालावाड़ व दौसा सहित सभी जिलों में खपत एवं दैनिक उपलब्धता के अनुसार पारदर्शी तरीके से एक समान यूरिया वितरण करवाया जा रहा है। उन्होंने बताया कि वर्तमान में मांग के अनुसार सबसे अधिक गंगानगर जिले में 11 हजार 267 एमटी यूरिया का स्टाॅक उपलब्ध है। इसके बाद भरतपुर में 5 हजार 475 एमटी, हनुमानगढ़ में 4 हजार 915, करौली में 4 हजार 589, सवाई माधोपुर में 4 हजार 827 एमटी यूरिया की उपलब्धता है। साथ ही सभी जिलों में पारदर्शी तरीके से एक समान वितरण सुनिश्चित कराने के लिए जिला अधिकारियों को भी निर्देशित किया गया है।
लापरवाही बरतने वालों के खिलाफ निरन्तर कार्यवाही
कृषि आयुक्त ने बताया कि राज्य में उर्वरकों की बिक्री में लापरवाही बरतने तथा कालाबाजारी करने वालों के खिलाफ अविलम्ब नियमानुसार कार्यवाही करने के लिए आयुक्तालय स्तर से टीमों का गठन कर जिलों में भेजा गया। टीमों ने 12 उर्वरक विक्रय रोक, 8 जब्ती, 20 अनुज्ञा पत्र निलम्बन, 1 अनुज्ञा पत्र निरस्त, 5 एफआईआर एवं 65 अन्य अनियमितताओं के संबंध में उर्वरक विक्रेताओं के विरूद्ध कार्यवाही की हैं। इसके लिए सभी जिलों के संबंधित अधिकारियों को भी निर्देशित किया जा चुका है।