विनय एक्सप्रेस समाचार, जयपुर। राज्य विधानसभा ने शुक्रवार को रजिस्ट्रीकरण (राजस्थान संशोधन) विधेयक, 2021 ध्वनिमत से पारित कर दिया।
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इससे पहले संसदीय मामलात मंत्री श्री शांती कुमार धारीवाल ने विधेयक पर हुई चर्चा का जवाब देते हुए बताया कि पावर ऑफ अटॉनी देने वाले की मृत्यु होने पर उसकी सम्पत्ति का दुरूपयोग रूकेगा। इसमें अब जिस दिन पावर ऑफ अटॉनी दी गई थी, उस दिन का जीवित प्रमाण पत्र भी रजिस्ट्री के समय देना होगा। इससे यह पता चलेगा कि यह पावर ऑफ अटॉनी सही है या नहीं। उन्होंने बताया कि एक वर्ष से कम की अवधि के पट्टों के पंजीकरण में आमजन को अब परेशानी भी नहीं होगी। इस तरह के पंजीकरण अब ऑनलाइन भी होंगे। आमजन को सब-रजिस्ट्रार के कार्यालय में जाना नहीं पड़ेगा।
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संसदीय मामलात मंत्री ने बताया कि किरायेनामे के पंजीकरण से किरायेदारों का पंजीकरण भी स्वतः ही होगा। इससे उनकी पहचान हो सकेगी। वारदात के समय पुलिस के लिए पहचान करना आसान हो जायेगा। किरायेनामे सहित अन्य तरह से अचल सम्पत्ति के विवाद भी कम होंगे। उन्होंने बताया कि 10 लाख रूपये तक की कोई भी सम्पत्ति है तो सिर्फ 200 रूपये की स्टाम्प डय्टी लगेगी।
उन्होंने बताया कि पांच वर्ष की अवधि के लिए यदि इकरारनामा सम्पत्ति सेल हो जाती है तो इकरारनामे के द्वारा दी गई राशि 0.05 प्रतिशत स्टाम्प ड्यूटी को समायोजित कर उसको एडजस्ट कर लिया जायेगा। इससे अतिरिक्त कोई भार नहीं पड़ेगा। साथ ही रजिस्ट्रीकरण से सम्पत्ति को लेकर विवाद कम होंगे और न्यायालय में प्रकरण भी कम होंगे। संसदीय मामलात मंत्री यह जनता को राहत देने वाला संशोधन है। इससे मकान मालिक और किरायेदार के हितों की रक्षा होगी और पारदर्शिता आयेगी।
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