1952 में हुए प्रथम चुनाव से लेकर अब तक के तमाम चुनावों के साक्षी – सत्यनारायण गोयल
वे कहते हैं – हम जो कुछ कर सकते हैं, देश के लिए करें
विनय एक्सप्रेस समाचार, जोधपुर। रियासतकाल और ब्रिटिश शासन से लेकर प्रजातांत्रिक व्यवस्था तक में अपने कर्मयोग का हुनर दिखाते हुए राजकीय सेवाओं के जरिये जनसेवा में जुटे जोधपुर के शख़्स श्री सत्यनारायण गोयल ऐसे हस्ताक्षर हैं जो सन् 1952 में हुए चुनाव से लेकर अब तक के सभी चुनावों में उत्साह से मतदान करते आए हैं और इस बार भी विधानसभा आम चुनाव में मतदान की घड़ी के लिए प्रतीक्षारत हैं।
स्वीप कार्यक्रम के अन्तर्गत संचालित गतिविधियों के अन्तर्गत पशुपालन विभाग की स्वीप टीम ने रविवार को जोधपुर शहर निवासी श्री सत्यनारायण गोयल से मुलाकात की और उनके विचार तथा अनुभवों से रूबरू हुए।
सत्यनारायण गोयल का जन्म सन् 1925 में हुआ। अभियांत्रिकी सेवाओं को आपने चुना और इसे आजीविका का साधन बनाया। आपने सन् 1945 में ब्रिटिश सरकार में नौकरी की। वे बताते हैं कि सन् 1952 में हुए भारतीय लोकतंत्र के प्रथम चुनाव लेकर से अब तक के सभी चुनाव के वे न केवल साक्षी रहे, बल्कि उत्साह से मतदान का फर्ज भी निभाया। अपने जीवन की उपलब्धियों का जिक्र करते हुए श्री गोयल बताते हैं कि उनके कार्यकाल में 10 सरकारी पोलोटेक्निक कॉलेज खुले। वे जोधपुर पोलोटेक्निक कॉलेज के डीन भी रह चुके हैं।
लोकतांत्रिक परम्पराओं को अक्षुण्ण रखने में वोट के महत्त्व को अहम् बताते हुए वे कहते हैं कि उन दिनों हम यही सोचा करते थे कि हम देश के लिए क्या कर सकते हैं, और आज के युवा सोचते हैं कि देश हमारे लिए क्या करता है, उनका मानना है कि लोकतंत्र में युवाओं की सहभागिता अति महत्वपूर्ण है। इससे उनमें आत्मविश्वास और जिम्मेदारी की भावना का संचार होगा।