विनय एक्सप्रेस समाचार, जयपुर। जन स्वास्थ्य अभियांत्रिकी एवं भूजल मंत्री डॉ. महेश जोशी ने भविष्य में जल संकट की भयावहता से बचने के लिए वर्षा जल की एक-एक बूंद को सहेजने एवं तकनीक का उपयोग कर पुनर्भरण संरचनाओं के निर्माण की जरूरत पर बल दिया।
भूजल मंत्री डॉ. जोशी गुरूवार को राजस्थान राज्य कृषि अनुसंधान केन्द्र, दुर्गापुरा के सभागार में अटल भूजल योजना के समयबद्ध और सफल क्रियान्वयन में पंचायतीराज विभाग की सक्रिय भागीदारी सुनिश्चित करने के उद्देश्य से आयोजित आमुखीकरण कार्यशाला में मुख्य अतिथि के रूप में संबोधित कर रहे थे। डॉ. जोशी ने अटल भूजल योजना में सहभागी विभागों विशेषकर पंचायतीराज विभाग की सक्रिय भागीदारी सुनश्चित किये जाने की आवयश्कता जताई। उन्होंने कहा कि पंचायतीराज विभाग अटल भूजल योजना में सक्रिय भूमिका निभाए।
अतिरिक्त मुख्य सचिव, जन स्वास्थ्य अभियांत्रिकी एवं भूजल डॉ. सुबोध अग्रवाल ने योजना में सक्रिय सहभागिता की आवश्यकता पर जोर दिया गया साथ ही योजना के सफल क्रियान्वयन हेतु सहभागी विभागों की भागीदारी सुनिश्चित किये जाने की बात कही। उन्होंने भूजल विभाग को अन्य सहभागी विभागों के साथ नियमित बैठकें आयोजित करने के निर्देश दिए। शासन सचिव, पंचायतीराज विभाग श्री नवीन जैन ने नियमित बैठकों के आयोजन के लिए जिला परिषदों के मुख्य कार्यकारी अधिकारियों को निर्देश दिए।
एक दिवसीय इस आमुखीकरण कार्यशाला में परियोजना क्षेत्र से संबंधित 17 जिलों से मुख्य कार्यकारी अधिकारी व अतिरिक्त मुख्य कार्यकारी अधिकारी, 17 जिला नोडल अधिकारी (भूजल विभाग), अधिशाषी अभियंता (मनरेगा), 38 ब्लॉक विकास अधिकारी, अधीक्षण अभियंता (जलग्रहण विकास एवं भू संरक्षण), सहभागी विभागों के अधिकारी व डीआईपी की टीम सहित 150 प्रतिभागियों ने भाग लिया।
प्रतिभागियों को अटल भूजल योजना के सफल क्रियान्वयन के बारे में जानकारी दी गई। साथ ही, योजना में पंचायतीराज विभाग की सक्रिय भागीदारी सुनिश्चित करने की दिशा में कार्य किये जाने के निर्देश दिये गये। कार्यशाला में परियोजना क्षेत्र में गिरते भूजल को रोकने के प्रयासों पर भी चर्चा की गई।
कार्यक्रम की अध्यक्षता अतिरिक्त मुख्य सचिव, भूजल विभाग डॉ सुबोध अग्रवाल ने की। शासन सचिव, पंचायतीराज विभाग श्री नवीन जैन तथा परियोजना निदेशक, जलग्रहण विकास एवं भू संरक्षण श्रीमती रश्मि गुप्ता विशिष्ट अतिथि रहे। इस अवसर पर संयुक्त सचिव, पीएचईडी श्री रामप्रकाश भी उपस्थित थे।
कार्यशाला की शुरूआत में परियोजना निदेशक, राज्य कार्यक्रम प्रबंधन इकाई श्री सूरजभान सिंह ने अतिथियों का स्वागत किया। निदेशक, एनपीएमयू, अटल जल, डॉ. उमेश बाल पाण्डे ने अटल भूजल योजना में सहभागी विभागों की महत्वपूर्ण भूमिका पर प्रकाश डाला। एसपीएमयू जयपुर से नोडल अधिकारी डॉ. वी.एन. भावे तथा सहायक नोडल अधिकारी भूजल विभाग डॉ. विनय भारद्वाज ने अटल भूजल योजना से संबंधित महत्वपूर्ण जानकारी दी।