विनय एक्सप्रेस समाचार, जयपुर। आज 15 जुलाई 2022 का दिन द्वितीय विश्व प्लास्टिक एंडरीकन्स्ट्रक्टिव सर्जरी दिवस के रूप में मनाया गया । यह हमारेलिए गर्व की बात है कि हमारा देश विश्व में प्लास्टिक एंड रीकन्स्ट्रक्टिव सर्जरी के जनक के रूप में जाना जाता है| करीबढाईहजारसालपहले(700-600 ईसापूर्व) यहांसुश्रुत नामक शल्य चिकित्सक हुए जिनके द्वारा कटी हुई नाक को ललाटकी त्वचासे फिरबनाने की शल्य चिकित्सा की तकनीक का विस्तृत वर्णन ‘सुश्रुत संहिता’ ग्रंथ में दिया गया है |आज भी सुश्रुत द्वारा वर्णित इस तकनीक को नाक को दुबारा बनाने की आधुनिकशल्य चिकित्सा के काम में लिया जाता है|आधुनिकचिकित्साशास्त्रमेंइस तकनीक को ‘फोरहैडरीनोप्लास्टी’नाम से जाना जाता है |
आम जनता में ही नही अपितु चिकित्सकों तथा विद्यार्थियों में भी शल्य चिकित्सा की इस विधि के साथ जुड़े हुए ‘प्लास्टिक’ शब्द को लेकर बहुत अधिक भ्रांतियां हैं क्योंकि सभी इस वास्तविकता से अनभिज्ञ हैं कि ‘प्लास्टिक’ शब्द ग्रीक शब्द ‘प्लास्टिकोस’ से निकला है जिसका अर्थ है “टूरीक्रिएट”अर्थात ‘फिर से बनाना’|लेकिन आम जन प्लास्टिक सर्जरीको मात्र सुंदर बनाने की विधा ही समझ लेते हैं और प्लास्टिक सर्जरीके पूर्ण आयाम के विषय में जानकारी नही रखते हैं |
इन भ्रांतियों का एक मुख्य कारण यह भी है कि शल्य चिकित्सा की और जितनी भी विधाएं हैं वे या तो आयु विशेष से ताल्लुक रखती हैं,मसलन शिशु शल्य चिकित्सा; या किसी अंग विशेष अथवा सिस्टम विशेष से जुड़ी हुई हैं जैसेहृदय शल्य चिकित्सा,ऑर्थोपेडिक शल्य चिकित्सा, गुर्दा एवं मूत्र शल्य चिकित्सा, कान-नाक–गला शल्य चिकित्सा इत्यादि|प्लास्टिक एंडरीकन्स्ट्रक्टिव सर्जरी ही एक मात्र ऐसी शल्य चिकित्सा विधा है जो पूरे शरीर में काम में ली जाती है – सिर से पैर तक। चोट लगी हो, घाव हो गए हों, शरीर का कोई भी हिस्सा सड़क दुर्घटना अथवा किसी और कारण से चोट ग्रस्त हो गया हो, कट कर अलग हो गया हो,उसे वापस जोड़ना हो, जल गया हो,कैंसर से ग्रसित हो,शल्य चिकित्सा द्वारा निकाला गया हो और उसे दुबारा बनाना हो,मधुमेहरोगया अन्य कारण से सड़ गया हो,चेहरे की हड्डियों के फ्रेक्चर हो गए हों,हाथीपांव बीमारी से पीड़ित हो, पैदाइशी रूप से विकृत अंग को ठीक करना हो, जैसे कि कटे होठ व तालु,कान,नाक, आँख की विक्रति, इत्यादि सभी प्रकार की समस्याओं कोप्लास्टिक एंडरीकन्स्ट्रक्टिव सर्जरीद्वारा ठीक किया जाता है |
प्लास्टिक एंडरीकन्स्ट्रक्टिव सर्जरीका दूसरा मुख्य अंग ‘ऐस्थेटिक सर्जरी’ है जिसमें शरीर के एक नॉर्मल हिस्से को और अधिक सुंदर बनाने के लिए शल्य चिकित्सा की जाती है | लेकिन यह जानना आवश्यक है कि किसी भी तरह की प्लास्टिक एंडरीकन्स्ट्रक्टिव सर्जरीमें ऐस्थेटिक स्वरूप अनिवार्य रूप से अंतर्निहित होता है |
प्लास्टिक एंडरीकन्स्ट्रक्टिव सर्जरी दिवस मनाने का निर्णय लेने का मुख्य कारण आम जनता को शल्य चिकित्सा की इस प्रमुख विधा के विषय में सही जानकारियों से अवगत कराना तथा सभी भ्रांतियों को दूर करना है|
वर्ष 2011 में कोयम्बटूरके गंगा हॉस्पिटल के प्लास्टिक सर्जन डॉ राजा सबापथी,जो उस समय एपीएसआई (एसोसिएशनऑफ़प्लास्टिकसर्जन्सऑफ़इंडिया)केराष्ट्रीय अध्यक्ष थे, ने इन सभी उपरोक्त वर्णित भ्रांतियों को ध्यान में रखते हुये समस्या परगहन चिंतन और विश्लेषण किया और ‘राष्ट्रीय प्लास्टिक एंडरीकन्स्ट्रक्टिव सर्जरी दिवस’ मनाने के रूप में एक समाधान निकाला | इस विषय पर डॉ राजा ने एसोसिएशनकी कार्यकारिणी मेंविस्तृत विचार विमर्श किया जिसनेसम्मति से यह निर्णय लिया कि प्रत्येक वर्ष 15 जुलाई को राष्ट्रीय प्लास्टिक एंडरीकन्स्ट्रक्टिव सर्जरी दिवस मनाया जाए| भारत में इस तरह 15 जुलाई 2011 कोप्रथम राष्ट्रीय प्लास्टिक एंडरीकन्स्ट्रक्टिव सर्जरी दिवसमनाया गया| सम्पूर्ण देश में सभी प्लास्टिक सर्जन्स द्वारा उस दिन कम से कम एक निशुल्क प्लास्टिक सर्जरी की गई, तथा आम जनता की इस विषय पर जागरूकता हेतु विशेष कार्यक्रम आयोजित किए गए |
15 जुलाई 2011से 15 जुलाई 2020 तक‘राष्ट्रीय प्लास्टिक एंडरीकन्स्ट्रक्टिव सर्जरी दिवस’ अनवरत रूप से पूरे देश में अति उत्साह से मनाया जाता रहा|
वर्ष 2021 में अमेरीकन प्लास्टिक सर्जन्स सोसाइटी ने विश्व के सभी देशों की राष्ट्रीय प्लास्टिक सर्जरी संगठनों की बैठक बुलाई थी जिसमें वर्ष 2021 के एपीएसआई के राष्ट्रीय अध्यक्ष – डॉ राकेश खजांची ने भारत में प्रतिवर्ष 15 जुलाई को मनाए जा रहे ‘राष्ट्रीय प्लास्टिक एंडरीकन्स्ट्रक्टिव सर्जरी दिवस’ के विषय में विस्तृत जानकारी देते हुये यह प्रस्ताव रखा कि 15 जुलाई को ‘विश्व प्लास्टिक एंडरीकन्स्ट्रक्टिव सर्जरी दिवस’’ के रूप में मनाया जाए | डॉ राकेश खजांची के इस प्रस्ताव को स्वीकारकरतेहुएविश्व के सभी देशों की राष्ट्रीय प्लास्टिक सर्जरी संगठनोंके राष्ट्रीय अध्यक्षों नेयह निर्णय लिया कि इस प्रस्ताव को मूर्तरूप 15 जुलाई 2021 से ही दे दिया जाये| इस प्रकार वर्ष 2021 से ‘विश्व प्लास्टिक एंडरीकन्स्ट्रक्टिव सर्जरी दिवस’ की शुरुआत हुई और 15 जुलाई 2021 को ‘प्रथम विश्व प्लास्टिक एंडरीकन्स्ट्रक्टिव सर्जरी दिवस’मनाया गया |
इस तरह विश्व में प्लास्टिक सर्जरी विधा के जनक भारत ने एक और उपलब्धि‘विश्व प्लास्टिक एंडरीकन्स्ट्रक्टिव सर्जरी दिवस’के रूप में विश्व को दी| इसप्रकार देश के कोयंबटूर के प्लास्टिक सर्जन डॉ राजा सबापथी, एपीएसआई राष्ट्रीय अध्यक्ष 2011, के चिंतन मनन से उपजा ‘राष्ट्रीयप्लास्टिक एंडरीकन्स्ट्रक्टिव सर्जरी दिवस’आगे जाकरदिल्ली के प्लास्टिक सर्जन,डॉ राकेश खज़ानची, एपीएसआई राष्ट्रीय अध्यक्ष 2021 के प्रस्ताव के फलस्वरूप, वर्ष 2021 से प्रति वर्ष 15 जुलाई को ‘विश्व प्लास्टिक एंडरीकन्स्ट्रक्टिव सर्जरी दिवस’ के रूप में विश्व पटल पर स्थापित हो गया |
डॉ मालती गुप्ताडॉ मालती गुप्ता
राजस्थान की वरिष्ठतम प्लास्टिक सर्जन, तथापूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष,एपीएसआई एवं पूर्व आचार्य एवं विभागाध्यक्ष,बर्न एवं प्लास्टिक सर्जरी विभाग,एसएमएस मेडिकल कॉलेज,जयपुर |