घांघू में पर्यावरण प्रेमी स्व. हीरालाल नोखवाल की स्मृति में युवाओं ने किया पौधरोपण

पौधरोपण का महत्त्व समझें, ज्यादा से ज्यादा पेड़ लगाएं 

विनय एक्सप्रेस समाचार,चूरू। नजदीकी गांव घांघू में गुरुवार को पर्यावरण प्रेमी स्व. हीरालाल नोखवाल की स्मृति में ग्रामीणों ने श्मसान भूमि में एक सौ एक पौधे लगाए। इस अवसर पर युवाओं ने श्रमदान किया और छायादार पेड़ लगाए।

इस दौरान सहायक निदेशक (जनसंपर्क) कुमार अजय ने कहा कि पेड़-पौधों से ही चारों तरफ खुशहाली का माहौल रहता है। उन्होंने कहा कि हम सभी को पेड़ का महत्त्व समझना चाहिए और अधिक से अधिक संख्या में पेड़ लगाने चाहिए। उन्होंने कहा कि हम अपनी दिनचर्या में पर्यावरण को नुकसान पहुंचाने वाले काम करते रहते हैं जबकि प्रकृति हमारे पालन-पोषण के लिए सब कुछ देती है। पौधरोपण प्रकृति के प्रति कृतज्ञता ज्ञापित करने का एक जोरदार तरीका है। हमें प्रकृति को थोड़ा-बहुत लौटाने की दिशा में इस रूप में काम करना चाहिए। उन्होंने प्रतिवर्ष श्मसान भूमि में पौधरोपण के लिए स्व. हीराराम नोखवाल के पुत्र बीरबल नोखवाल एवं परिजनों की सराहना की और कहा कि जब कोई व्यक्ति सकारात्मक संदेश देता है तो हमें उसकी प्रेरणा से अच्छे कार्य को अपनाना चाहिए।

सामाजिक कार्यकर्ता बीरबल नोखवाल ने पौधे उपलब्ध करवाने के लिए ग्राम पंचायत सरपंच विमला देवी का आभार जताया और कहा कि लगाए गए पौधों की समुचित देखभाल की जाएगी। उन्होंने कहा कि यह बेहद अच्छा संकेत है कि लोगों में पौधरोपण को लेकर काफी जागरुकता आई है और सरकारी व गैर-सरकारी, दोनों स्तरों पर बड़ी संख्या में पौधे लगाए जा रहे हैं। इस कार्य में उत्साह से भी अधिक संवेदनशीलता की जरूरत है। यदि हम लगाए गए पौधे की समुचित देखभाल कर सकें तो ही इन पौधों को लगाने की सार्थकता है। उन्होंने कहा कि बढ़ते हुये तापमान से धरती को बचाने और पारिस्थितिकी संतुलन के लिए पौधारोपण करना बहुत जरूरी है। पौधारोपण कर पर्यावरण सुरक्षा करना हम सबका नैतिक कर्तव्य है। इस अवसर पर देवकरण जांगिड़, वासुदेव सिहाग, दिनेश दर्जी, मनीष दर्जी, रोहित सिहाग, रूपेश दर्जी आदि ने पौधे लगाए।