मुआवजे के लिए आए 40 हजार क्लेम का सर्वे पूरा : सरसों की बुआई के लिए वितरित किए गए मिनिकिट
राज्य सरकार द्वारा 3 सालों में वितरित किया गया लगभग 16000 करोड़ का फसल बीमा: 6 लाख पशुपालकों के लिए जल्द शुरू होगी पशु बीमा योजना
विनय एक्सप्रेस समाचार, जयपुर। मुख्यमंत्री श्री अशोक गहलोत ने कहा कि राज्य सरकार आपदा से प्रभावित प्रत्येक नागरिक के साथ खड़ी है तथा मानवीय दृष्टिकोण के साथ राहत उपलब्ध करवाने का कार्य कर रही है। उन्होंने कहा कि सरकार किसी भी प्रकार की आपदा में न्यूनतम जनहानि तथा अधिकतम राहत सुनिश्चित करने के लिए प्रतिबद्ध है।
श्री गहलोत शुक्रवार को मुख्यमंत्री कार्यालय में आयोजित राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण की 23वीं बैठक को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि राज्य में अतिवृष्टि से कई जिलों में बाढ़ की स्थिति बनी परंतु उचित प्रबंधन से किसी प्रकार की जनहानि नहीं हुई। बैठक में जानकारी दी गई कि अतिवृष्टि के कारण हुए फसल खराबे से प्रभावित किसानों की उचित गिरदावरी करवाकर मुआवजा दिलाने का कार्य किया जा रहा है। भारी बारिश के कारण हुए फसलों के नुकसान का आकलन करने तथा उचित मुआवजा दिलाने के लिए पटवारी, कृषि पर्यवेक्षक एवं सर्वेक्षकों की टीम लगातार कार्य कर रही है। पिछले कुछ दिनों की अतिवृष्टि से फसल खराबे में आए 1.5 लाख क्लेम में से 40 हजार का सर्वे किया जा चुका है। शेष का सर्वे भी जल्द पूरा कर मुआवजा दिलाने की प्रक्रिया शुरू की जाएगी। जिन किसानों द्वारा हाल ही सरसों की बुवाई की गई थी तथा वर्षा के कारण फसल खराब हो गई। इन किसानों को 1.17 लाख सरसों के बीज मिनीकिट्स का निशुल्क वितरण किया जाएगा। मुख्यमंत्री ने फसलों की बुवाई हेतु ज्यादा से ज्यादा मिनिकिट वितरित करने के भी निर्देश दिए।
बैठक में बताया गया कि राज्य में पिछले 3 सालों में किसानों को 16 हजार करोड़ रूपए के बीमा क्लेम का भुगतान किया गया है। बाढ के कारण क्षतिग्रस्त हुई सरकारी परिसम्पत्तियों के 158 करोड़ की लागत से मरम्मत कार्य करवाए जा रहे हैं। गत दो वर्षों में कोविड रोकथाम हेतु विभिन्न उपकरण खरीदने के लिए जिलों एवं विभिन्न विभागों को एसडीएमए द्वारा 854 करोड़ रूपए का बजट आवंटित किया गया है। साथ ही, इस दौरान आवश्यक खरीद हेतु निविदा प्रक्रिया में छूट प्रदान की गई है। इस वर्ष जलदाय विभाग द्वारा रेलवे को पाली रेलवे स्टेशन तक पानी पहुंचाने के लिए लगभग 20 करोड़ रूपए का भुगतान किया गया। साथ ही, इस वर्ष पुलिस विभाग को दुर्घटना स्थल पर घायलों को प्राथमिक चिकित्सा हेतु 9.48 करोड़ रूपए का बजट उपलब्ध करवाया गया।
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार किसी भी प्रकार की आपदा की स्थिति में प्रदेशवासियों की पूरी संवेदनशीलता के साथ सहयोग करने का कार्य कर रही है। कोविड-19 में प्राण गंवाने वाले मृतकों के आश्रितों को आर्थिक सहायता देने के लिए 116 करोड़ का वित्तीय प्रावधान किया गया है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने 6 लाख पशुपालकों को बीमा कवर देने के लिए बजट घोषणा की है जो नवंबर के अंत तक शुरू हो जाएगी। इसके लिए राज्य सरकार ने 150 करोड़ रूपए का प्रावधान किया है। साथ ही, राज्य में बिजली गिरने से होने वाली जनहानि को रोकने के लिए लाइटनिंग अरेस्टर की खरीद की जाएगी तथा इन्हें चुनिंदा स्थानों पर लगाया जाएगा।
चिकित्सा एवं स्वास्थ्य मंत्री श्री परसादी लाल मीणा ने कहा कि राज्य सरकार अतिवृष्टि से आपदाग्रस्त क्षेत्रों में सहायता पहुंचाने के लिए कार्य कर रही है।
कृषि एवं पशुपालन मंत्री श्री लालचन्द कटारिया ने कहा कि किसानों को पर्याप्त मात्रा में डीएपी उपलब्ध कराने का कार्य सरकार कर रही है।
बैठक में जल संसाधन मंत्री श्री महेन्द्रजीत सिंह मालवीय, आपदा प्रबंधन एवं सहायता मंत्री श्री गोविन्द राम मेघवाल, मुख्य सचिव श्रीमती उषा शर्मा सहित विभिन्न विभागों के वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।