प्रगति के पथ पर आगे बढ़ रहा अभियान लाडेसर

जिले में अब तक 3 लाख 13 हजार 430 बच्चों की हैल्थ स्क्रीनिंग, 3841 कुपोषित बच्चे मिले

कुपोषित बच्चों को बांटे जा रहे लाडेसर पोषक किट

विनय एक्सप्रेस समाचार,नागौर। जिला कलक्टर डॉ जितेंद्र कुमार सोनी की अभिनव पहल अभियान लाडेसर प्रगति के पथ पर आगे बढ़ रहा है। अभियान के तहत अब तक 3 लाख 13 हजार 430 बच्चों की हैल्थ स्क्रीनिंग की जाकर 3841 कुपेाषित बच्चे चिन्हित किए गए हैं।
अभियान के तहत चिन्हित किए गए कुपोषित बच्चों को जहां लाडेसर पोषक किट वितरित किए जा रहे हैं। वहीं अतिकुपोषित बच्चों को उनके निकटवर्ती क्षेत्र के राजकीय चिकित्सा संस्थान में स्थित एमटीसी वार्ड में उपचार के लिए रैफर किया जा रहा है। अभियान के तहत अब तक की गई हैल्थ स्क्रीनिंग में 139 बच्चे अतिकुपोषित पाए गए हैं। अभियान के तहत शुक्रवार, 10 जून को 4 हजार 397 बच्चों की हैल्थ स्क्रीनिंग की गई, जिसमें से 87 बच्चे कुपोषित तथा 3 अतिकुपोषित मिले। अभियान में चिन्हित कुपोषित बच्चों को शहरी व ग्रामीण क्षेत्रों में चिह्नित करने के निमित्त जहां आंगनबाड़ी कार्यकर्ता व आशा सहयोगिनी जी जान से जुटी हैं वहीं उन्हें लाडेसर पोषण किट उपलब्ध करवाने में भामाशाह, सामाजिक व स्वयंसेवी संगठन भी कोई कोर-कसर नहीं रख रहे हैं। जिला प्रशासन के मार्गदर्शन में आईसीडीएस , शिक्षा विभाग व चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग के संयुक्त कार्यक्रम में जीरो से 5 वर्ष के बच्चों को आंगनबाड़ी केंद्र के माध्यम से चिह्नित किया जा रहा है, वहीं अधिक उम्र के एनीमिया (रक्तअल्पता) से पीड़ित बच्चों को शिक्षा विभाग तथा चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग के द्वारा सर्वे के माध्यम से चिह्नित करके फोलिक एसिड (आयरन ) की टेबलेट भी प्रदान की जा रही है।
नागौर जिले में अभिनव प्रयोग के तहत चल रहे अभियान लाडेसर की समयावधि बढ़ाई गई है। जिला कलक्टर डॉ जितेंद्र कुमार सोनी के अनुसार पूरे नागौर जिले में 10 लाख बच्चों की स्क्रीनिंग का लक्ष्य निर्धारित किया गया है जिसके तहत 3 लाख से अधिक बच्चों की स्क्रीनिंग की जा चुकी है। इनमें से अधिकांश बच्चे 06 वर्ष तक की आयु के हैं जिनको घर-घर सर्वे के आधार पर चिह्नित करने में आंगनबाड़ी कार्यकर्ता व आशा सहयोगिनी की महत्त्वपूर्ण भूमिका पूर्ण रही है । अब 7 लाख से अधिक बच्चों की स्क्रीनिंग का लक्ष्य पूर्ण करना है। ग्रीष्मावकाश समाप्ति के पश्चात स्कूलों के खुलने से अब 6 वर्ष से अधिक के ऐसे कुपोषित बच्चों व रक्तअल्पता वाली बालिकाओं को चिह्नित करने में शिक्षा विभाग की महत्वपूर्ण जिम्मेदारी है। उन्होंने मुख्य जिला शिक्षा अधिकारी को निर्देशित किया है कि शिक्षक व बीएलओ के माध्यम से ऐसे 7 लाख से अधिक बच्चों व किशोरी बालिकाओं की स्क्रीनिंग करके उन्हें चिह्नित करने के कार्य को इस निर्धारित समयावधि में पूर्ण करवायें ।
किदवई कॉलोनी स्थित राजकीय उच्च प्राथमिक विद्यालय में आंगनबाड़ी बच्चों को अतिरिक्त जिला कलक्टर मनोज कुमार के मुख्य आतिथ्य व जिला परिषद के मुख्य कार्यकारी अधिकारी जवाहर चौधरी की अध्यक्षता में आयोजित कार्यक्रम में लाडेसर किट प्रदान किए गए। इस अवसर पर महिला एवं बाल विकास विभाग के उपनिदेशक सिकरामाराम चोयल, आयुर्वेद विभाग के उप निदेशक जेपी मिश्रा, सीडीपीओ दुर्गासिंह उदावत, बीसीएमओ डाॅ. महेन्द्र मीणा, विकास अधिकारी आवड़दान व महिला सुपरवाइजर दीपिका सोनी भी मौजूद रहे। कार्यक्रम में दानदाता प्रबलकुमार पंवार द्वारा 51 किट प्रदान किए गए जिनमें से 30 कुपोषित बच्चों को किट वितरित किए गए। इन लाडेसर पोषक किट में चार प्रकार की दालें, चावल, मूंगफली, भूने हुए चने और सोयाबीन का तेल शामिल है।
अतिरिक्त जिला कलक्टर मनोज कुमार ने कहा कि कोरोना के खिलाफ संघर्ष में सभी का सहयोग कोरोना के ऊपर विजय प्राप्त करने का माध्यम बनेगा। सभी नागरिकों को नियमानुसार निर्धारित पद्धति से शत-प्रतिशत टीकाकरण करवाना चाहिए। स्थानीय स्तर पर प्रारंभिक रूप से ही चिकित्सा उपलब्ध करवाना तथा असक्षम को सक्षम बनाने का ही अभियान लाडेसर है। इसके कारण से बच्चों में रोग प्रतिरोधक क्षमता आती है जिससे रोगों को दूर भगाया जा सकता है। इस अभियान में सभी भामाशाह व नागरिकों का सहयोग रहेगा ऐसा विश्वास है।
जिला परिषद के मुख्य कार्यकारी अधिकारी जवाहर चौधरी ने कहा कि कोरोना वायरस के विरुद्ध संघर्ष में 18 वर्ष से अधिक आयु के नागरिकों के टीके लगाए जा रहे हैं, जो कोरोना की प्रभावी दवा है। जिला प्रशासन द्वारा अभियान लाडेसर के माध्यम से 5 वर्ष तक के बालक को आंगनबाड़ी केंद्र के माध्यम से भामाशाहों के सहयोग से पोषण किट प्रदान किए जा रहे हैं । अधिक उम्र के बच्चों को शिक्षा विभाग व चिकित्सा विभाग द्वारा स्क्रीनिंग करके रक्ताल्पता वाली बालिकाओं को चिह्नित किया जा रहा है। उन्होंने सभी किशोरी बालिकाओं को फोलिक एसिड , आयरन व विटामिन टेबलेट नियमित रूप से लेने का आग्रह किया। इस अवसर पर आयुर्वेद विभाग के उपनिदेशक मिश्रा ने आयुर्वेदिक व घरेलू उपचार के द्वारा कुपोषण को हटाने के संबंध में जानकारी दी।

एम यू ए सी टेप वजन मशीन एवं लम्बाई नाप कर की गई पोषण के स्तर की पहचान

आंगनबाड़ी केंद्र की विशेष बात यह रही कि इस आंगनबाड़ी केंद्र पर एएनएम आशा सहयोगिनी आंगन बाड़ी कार्यकर्ता एवं महिला सुपरवाइजर के साथ-साथ डॉ भी उपस्थित थे इनकी टीम ने बच्चों का न केवल एम यू ए सी टेप से जांच की कि बल्कि वजन और लंबाई का भी मापन किया गया इस तरह से आयु के आधार पर वजन और आयु के आधार पर लंबाई तथा आयु के आधार पर दुबलापन तीनों एंगल से पोषण का स्तर मापा गया साथ ही यहां पर हिमोग्लोबिन मीटर के आधार पर किशोरी बालिकाओं का रक्त जांच कर उसमें हीमोग्लोबिन का स्तर पता किया गया इस अवसर पर लगभग 50 बालिकाओं का हिमोग्लोबिन चेक किया गया जिसमें से 19 बालिकाएं एनीमिया से ग्रस्त पाई गई जिन्हें आयरन फोलिक एसिड हे मल्टीविटामिंस की टेबलेट और लाडे सर पोषण किट वितरित किया गया।

आंगनबाड़ी केंद्र गणेश बावड़ी पर भी लाडेसर पोषण किट एवं आयरन फोलिक एसिड किट वितरित किए गए

गणेश बावड़ी स्थित आंगनबाड़ी केंद्र में भी कुपोषित बच्चों को अभियान लाडेसर के तहत किट प्रदान किए गए । इस अवसर पर सीडीपीओ दुर्गासिंह उदावत व अतिरिक्त मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ शीशराम चौधरी भी उपस्थित थे। डॉ. चौधरी ने उपस्थित अभिभावकों से कुपोषित बालकों के शारीरिक लक्षण के संबंध में तथा उनके पोषण , दिनचर्या व आहारचर्या के संबंध में विस्तार से जानकारी दी। इस आंगनबाड़ी केंद्र में महिला सुपरवाइजर इंदुबाला की ओर से 25 लाडेसर प्रदान किए गए । इस अवसर पर आंगनबाड़ी कार्यकर्ता सरोज सांखला सहित आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं व आशा सहयोगिनी ने सहयोग किया ।