विनय एक्सप्रेस समाचार,जयपुर। केंद्र सरकार की गाइडलाइन के अनुसार प्रदेश का स्वास्थ्य विभाग कोरोना जगरूकता के साथ ही ऑक्सीजन से लेकर दवाइयों तक की उपलब्धता के लिए गम्भीरता से प्रयासरत है।
केंद्रीय केबिनेट सचिव की शनिवार को आयोजित वर्चुअल मीटिंग में राज्य के चिकित्सा विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों ने यह जानकारी दी। उल्लेखनीय है कि कोरोना मैनेजमेंट के लिए प्रधानमंत्री से लेकर महामारी विशेषज्ञों तक राजस्थान की प्रशंसा कर चुके हैं।
बफर स्टॉक रखने के निर्देश
केबिनेट सचिव ने कहा कि कोविड अभी खत्म नहीं हुआ है, कोविड-19 की तीसरी लहर अभी भी आ सकती है। इसलिये राज्य सतर्क व सजग रहे। कुछ राज्यों द्वारा कोविड-19 की वर्तमान स्थिति को देखते हुए अपने स्तर पर ही अति आवश्यक जीवन रक्षक दवाओं व उपकरणों की खरीद में कटौती की गई है। केबिनेट सचिव द्वारा निर्देश दिये गये कि भारत सरकार द्वारा दिये गये निर्देशों के अनुरूप अति आवश्यक जीवन रक्षक दवाओं का पर्याप्त बफर स्टॉक रखे तथा दवाओं व उपकरणों की खरीद में कोताही न बरतें। यह भ्रम न रखें कि दवाओं व उपकरणों की खरीद पैसों का अपव्यय है। साथ ही ऎसे राज्य जो समय रहते आवश्यक जीवन रक्षक दवाइयों का बफर स्टॉक रखने में असफल रहते हैं, तीसरी लहर आने की स्थिति में दवाओं की कमी के संबंध में शिकायत न करें।
अति आवश्यक दवा खरीदने के निर्देश
मीटिंग में स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय भारत सरकार के सचिव ने कहा कि कोविड-19 की आशंकित तीसरी लहर के द्वष्टिगत मानव जीवन बचाने हेतु सभी आवश्यक तैयारियां यथा अतिआवश्यक जीवन रक्षक दवाओं का पर्याप्त बफर स्टॉक रखने, ऑक्सीजन बैड्स की संख्या बढाये जाने, मेडिकल ऑक्सीजन की उत्पादन क्षमता व उपलब्धता बढाये जाने के संबंध में निर्देश दिये गये। उन्होंने कहा कि डीवीडीएमएस पोर्टल पर दर्ज सूचना के अनुसार राजस्थान में अभी भी अति आवश्यक जीवन रक्षक दवाइयों की खरीद की और आवश्यकता है। वहीं जीवन रक्षक इंजेक्शन टॉसीलीजुमेब 400 एमजी की आपूर्ति के लिए कहा गया कि एक ही कम्पनी पर निर्भरता के कारण उक्त इंजेक्शन की आपूर्ति धीमी है। इसलिये राज्य सरकारें इस इंजेक्शन सहित अन्य अति आवश्यक जीवन रक्षक दवाओं का पर्याप्त बफर स्टॉक रखे।
प्रदेश के चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग तथा वित्त विभाग के प्रमुख शासन सचिव श्री अखिल अरोड़ा ने वीसी में कोविड की स्थिति, टीकाकरण की प्रगति व आशंकित तीसरी लहर के संबंध में विभिन्न राज्यों द्वारा की गई तैयारियों के संबंध में पावर पोइन्ट प्रजेटेंशन के माध्यम से जानकारी दी। उन्होंने बताया कि प्रदेश मेडिकल ऑक्सीजन उत्पादन में आत्मनिर्भर बनने की ओर है। प्रदेश में करीब 400 ऑक्सीजन प्लांट लगाए जा रहे हैं। इनसे करीब 1 हजार मीट्रिक टन ऑक्सीजन का उत्पादन हो सकेगा। दूर-दराज के क्षेत्रों में स्थित चिकित्सा संस्थानों में ऑक्सीजन व आईसीयू बैड की व्यवस्था की जा रही है। उन्होंने बताया कि ऑक्सीजन प्लांट के अतिरिक्त करीब 50 हजार ऑक्सीजन कंसन्ट्रेटर भी अधिग्रहित किए जा रहे हैं।
राजस्थान का एक भी जिला शामिल नहीं
वीडियो क्रान्फेंस में देश के अधिक संक्रमण दर वाले जिलों के संबंध में विशेष चर्चा की गई, जिनमें राजस्थान का कोई भी जिला नहीं था। उक्त प्रजेन्टेंशन में अवगत कराया गया कि राजस्थान कोविड नियंत्रण के सभी मानकों तथा टीकाकरण में देश की औसत से बहुत बेहतर स्थिति में है।
चिकित्सा एवं शासन सचिव, चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग श्री सिद्धार्थ महाजन ने भी वीडियो क्रान्फेंस में भाग लिया।