27 साल बाद दीपावली पर आज बन रहा है चतुर्ग्रही योग का दुर्लभ संयोगए जरूर करें ये उपाय जानें विशेष संयोग में लक्ष्मी पूजन का महत्व

विनय एक्सप्रेस समाचार, जयपुर। दीपावली पर इस बार चतुष्ग्रही योग का शुभ संयोग रहेगा. यह शुभ संयोग सत्ताइस सालों बाद बन रहा है. पंचाग अनुसार चार नवंबर गुरुवार को कार्तिक मास की कृष्ण पक्ष की अमावस्या की तिथि है. इस दिन गौधूलि बेला में माता लक्ष्मी और भगवान गणेश के पूजन का सर्वश्रेष्ठ मुहूर्त रहेगा. इस दिन एक साथ चार ग्रहों की युति बन रही है. दीपावली पर तुला राशि में सूर्य, बुध, मंगल और चंद्रमा मौजूद रहेंगे. यह संयोग सत्ताइस सालों बाद बन रहा है. चतुष्ग्रही योग बनने से दीपावली लोगों के लिए शुभ फलदायी रहेगी.

ज्योतिषाचार्य ने बताया कि इस बार लक्ष्मी-गणेश पूजन पर चार ग्रहों का विशेष संयोग बन रहा है. इस योग में एक ही राशि में चार ग्रह गोचर कर रहें होंगे. इसी दिन सूर्य, बुध, मंगल और चंद्रमा तुला राशि में गोचर करेंगे. चार ग्रहों की इस युति से दीपावली के दिन शुभ योग बन रहा है. इस शुभ योग में दीपावली का त्योहार बहुत शुभ रहेगा. सभी पर देवी लक्ष्मी की कृपा रहेगी.
ज्योतिषाचार्य अनीष व्यास ने बताया कि हिंदू धर्म में दीपावली का त्योहार हर साल खास होता हैए लेकिन ज्योतिष की नजर से भी यह दीपावली खास होने वाली हैण् इस साल दीपावली का त्योहार 4 नवंबर को गुरुवार के दिन मनाया जाएगाण् इस दिन चार ग्रह एक ही राशि में रहेंगेण् इस वजह से शुभ योग बन रहा हैए जो कई सभी राशियों के लोगों को फायदा पहुंचाएगाण् दीपावली के त्योहार पर धन की देवी और गणपति बप्पा की पूजा की जाती हैण् इस शुभ योग में मां लक्ष्मी की पूजा करने से देवी बहुत प्रसन्न होंगी और अपने भक्तों पर दिल खलकर कृपा बरसाएंगीण्

बन रहा शुभ योगरू
तुला राशि के स्वामी शुक्र हैं लक्ष्मीजी की पूजा से शुक्र ग्रह की शुभता में वृद्धि होती है ज्योतिष शास्त्र में शुक्र को लग्जरी लाइफए सुख.सुविधाओं आदि का कारक माना गया है वहीं सूर्य को ग्रहों का राजाए मंगल को ग्रहों का सेनापति और बुध को ग्रहों का राजकुमार कहा गया है इसके साथ ही चंद्रमा को मन का कारक माना गया है वहीं सूर्य पिता तो चंद्रमा को माता कारक माना गया है

चार ग्रहों की युतिरू
कुण्डली विश्ल़ेषक अनीष व्यास ने बताया कि इस बार चार नवंबर को दिवाली बेहद शुभ संयोग में मनाई जाएगी इस बार दीपावली पर चार प्रमुख ग्रहों की युति हो रही है जिसमें इस दिन सूर्यए बुधए मंगल और चंद्रमा तुला राशि में मौजूद रहेंगे तुला राशि में सूर्य मौजूद रहेगाए जो 17 अक्टूबर 2021 को दोपहर 1 बजे प्रवेश करेगा और 16 नवंबर 2021 को दोपहर 12 :49 मिनट तक रहेगा सूर्य ग्रहों का राजा है इसके कारण ये हर किसी के लिए शुभता लेकर आएगाण् तुला राशि में बुध ग्रह भी रहेगाण् यह 2 नवंबर 2021 की सुबह 9 :53 मिनट पर तुला राशि में गोचर करेंगे मार्गी अवस्था में गोचर करते हुए ये 21 नवंबर की सुबह 04 :48 मिनट पर वृश्चिक राशि में प्रवेश कर जाएंगेण् बुध ग्रहों के राजकुमार हैं जिसके कारण धन लाभ और बिजनेस में बढ़ोतरी होगीण् तुला राशि में मंगल ग्रह भी प्रवेश कर रहा है यह ग्रह तुला राशि में 22 अक्टूबर 2021 को सुबह 1 :13 मिनट बजे से 5 दिसंबर 2021 तक सुबह 5 :01 मिनट तक रहेगा मंगल ग्रहों का सेनापति है तुला राशि में चंद्रमा भी प्रवेश कर रहा है चंद्रमा को मन का कारक माना जाता है वहीं सूर्य को पिता और चंद्रमा को माता का कारक माना जाता है

अमावस्या तिथिरू
अमावस्या तिथि प्रारंभरू 04 नवंबर 2021 को सुबह 06 :03 मिनट से
अमावस्या तिथि का समापनरू 05 नवंबर की सुबह 02 :44 मिनट पर समाप्त

इस विशेष संयोग में लक्ष्मी पूजन का महत्वरू
भविष्यवक्ता और कुण्डली विश्ल़ेषक अनीष व्यास ने बताया कि दीपावली के दिन सूर्यए बुधए मंगल और चंद्रमा तुला राशि में गोचर करेंगेण् तुला राशि के स्वामी शुक्र हैं और लक्ष्मी जी की पूजा के लिए शुक्रवार का दिन सबसे अच्छा माना जाता हैए क्योंकि लक्ष्मी जी की पूजा से शुक्र ग्रह के शुभ परिणाम और बढ़ जाते हैंण् ज्योतिष के अनुसार शुक्र ग्रह अच्छी जिंदगीए सुख.सुविधाओं आदि का कारक होता हैए जबकि सूर्य ग्रहों के राजाए मंगल को ग्रहों के सेनापति और बुध ग्रहों के राजकुमार माने जाते हैंण् वहीं चंद्रमा को मन का कारक होता हैण् इसके अलावा सूर्य पिता तो चंद्रमा को माता माना गया हैण् ऐसे में जब ये सभी शुभ ग्रह एक साथ एक ही राशि में रहते हैं तो सभी लोगों के लिए बहुत ही शुभ परिणाम देते हैंण्

दीपावली के दिन जरूर करें ये उपायरू
कुण्डली विश्ल़ेषक अनीष व्यास ने बताया कि दीपावली पर लक्ष्मी जी और गणेश महाराज की पूजा का विधान हैण् इसके अलावा आप इस दिन हनुमानजीए यमराजए चित्रगुप्तए कुबेरए भैरवए कुलदेवता और अपने पितरों का पूजन भी जरूर करेंण् वहीं धन की देवी मां लक्ष्मी के साथ भगवान विष्णु का भी पूजा करेंण् इसके साथ ही दीपावली पूजा में आप श्रीसूक्त और विष्णु सहस्रनाम का पाठ भी कर सकते हैंण्

लक्ष्मी पूजन मुहूर्तरू
लक्ष्मी पूजा सर्वश्रेष्ठ मुहूर्त . 4 नवंबर शाम 6 :32 से 6 :45 बजे तक
प्रदोष काल मुहूर्तरू . 4 नवंबर शाम 5 : 38 से रात्रि 8 :15 तक
वृषभ काल मुहूर्तरू . 4 नवंबर शाम 6 :20 से रात्रि 8 : 17 तक

लक्ष्मी पूजन चौघड़िया मुहूर्तरू
दोपहर  ;चरए लाभए अमृतद्ध 4 नवंबर प्रातः काल 10 : 48 से 02 : 53 तकण्
शाम  ;शुभ अमृतए चरद्ध 4 नवंबर शाम 04 : 16 से रात्रि 08 : 53 तकण्
रात्रि ; लाभ द्ध 4 नवंबर रात्रि 12 : 09 से 01 :47 तकण्

महानिशीथ काल मुहूर्तरू.
सिंह लग्न मुहूर्त्त . रात्रि 00 :50 से 03 :06 तक

व्यापारिक प्रतिष्ठान पूजन मुहूर्तरू.
सर्वश्रेष्ठ मुहूर्त श्अभिजित . दोपहर 11:48 से 12 : 32 मिनट तक
धनु लग्न मुहूर्त्त . प्रातः काल 9:51 से 11:50 तक

गृहस्थों के लिए पूजन मुहूर्तरू.
सर्वश्रेष्ठ मुहूर्त . 4 नवंबर शाम 6:32 से 6 : 45 बजे तक
प्रदोष काल मुहूर्त . 4 नवंबर शाम 5 : 38 से रात्रि 8 : 15 तक
वृषभ लग्न मुहूर्त . 4 नवंबर शाम 6 :20 से रात्रि 8 : 17 तक
सिंह लग्न मुहूर्त . 4 नवंबर मध्य रात्रि 00 : 50 से रात 03 : 06 तक
गुरुवार को दोपहर 1 :30 से 3:00 बजे तक राहुकाल रहेगाण्