राजस्थानी फिल्मों के अनुदान हेतु प्री-व्यू उपसमिति में साहित्यकार कमल रंगा का मनोनयन हुआ

विनय एक्सप्रेस समाचार, बीकानेर। कला साहित्य एवं पुरात्व विभाग द्वारा गठित राजस्थानी फिल्मों को अनुदान देने के संबंध में प्राप्त प्रस्तावों को गठित राज्य स्तरीय समिति के समक्ष रखने से पूर्व राजस्थानी फिल्मों का प्री व्यू करने के लिए राज्य स्तरीय उपसमिति का गठन किया गया है। बीकानेर साहित्य संस्कृति कला संगम के अध्यक्ष कासिम बीकानेरी ने बताया कि इस राज्य स्तरीय उपसमिति में बीकानेर के वरिष्ठ साहित्यकार एवं राजस्थानी भाषा मान्यता आंदोलन के प्रवर्तक कमल रंगा का मनोनयन राज्य सरकार के कला, साहित्य, संस्कृति एवं पुरातत्व विभाग द्वारा किया गया है। उन्होंने आगे बताया कि रंगा के मनोनयन पर प्रदेश के साहित्य जगत ने प्रसन्नता व्यक्त करते हुए कला साहित्य एवं पुरातत्व विभाग के मंत्री डॉ. बी.डी. कल्ला का आभार ज्ञापित किया है। कासिम बीकानेरी ने बताया कि उक्त राज्य स्तरीय उप समिति ने कमल रंगा के अलावा जोधपुर से रमेश बोराना, जयपुर से राजीव अरोड़ा एव के.सी. मालू, अभिषेक ढेनवाल को भी सदस्य बनाया गया है।


रंगा के मनोनयन पर वरिष्ठ साहित्यकार भवानी शंकर व्यास ‘विनोद’, मालचंद तिवाड़ी, विरेन्द्र लखावत, डॉ. कल्याण सिंह शेखावत, आईदान सिंह भाटी, राजेन्द्र जोशी, बुलाकी शर्मा, कन्हैयालाल बोथरा, डॉ. राकेश रावत, पवन पहाड़िया, डॉ. मदन सैनी, डॉ. उमाकान्त गुप्त, श्याम सुन्दर भारती, अब्दुल समद राही, रशीद गौरी, मदन मोहन व्यास, डॉ. जहूर खां मेहर, लक्ष्मणदान कविया, डॉ. गजादान चारण, जाकिर अदीब, अनवर उस्ता, इंजी.सय्यद कासम अली, पूनम मोदी, माजिद खां गौरी, डॉ. फारूक चौहान, डॉ. महेन्द्र मिल, डॉ. भरत ओळा, डॉ. कुंदन माली, दिनेश पंचाल, रूबी खांन, इसरार हसन कादरी, एम रफीक कादरी, मौलाना अब्दुल वाहिद अशरफी, संजय आचार्य ‘वरूण’, वली मोहम्मद गौरी, राजेश छंगाणी, एम रफीक कादरी, पुखराज सोलंकी, मुख्यत्यार अहमद बाबा खान, विजय जोशी, समिउल हसन कादरी, व्यास योगेश, गोपाल पुरोहित, हरिनारायण आचार्य, नथमल चौधरी, मोहन चौधरी, धनेश मारकर, सलीम, जयसिंह आशावत, डॉ. चंचला पाठक, डॉ. सुमन बिस्सा, पूर्णिमा मित्रा, गिरिराज पारीक, एम जहांगीर, नवल व्यास, महावीर स्वामी सहित राजस्थान के अनेक साहित्यकारों एवं विभिन्न कला अनुशासन से जुड़े लोगों ने कमल रंगा के मनोनयन पर प्रसन्नता व्यक्त करते हुए उन्हें बधाई दी।