विनय एक्सप्रेस स्वास्थ्य समाचार, बीकानेर। राजस्थान का सबसे बड़ा एवं उत्तर भारत का संभावित सबसे बड़ा रसौली गांठ का ऑपरेशन शहर की प्रतिष्ठित स्त्री रोग विशेषज्ञ एवं लेप्रोस्कोपिक सर्जन डॉ. प्रीति राजपुरोहित द्वारा श्रीराम वीमेन एंड चाइल्ड हॉस्पिटल, में किया गया।
डॉ. प्रीति राजपुरोहित द्वारा गर्भाशय के अंदर से 15 किलो 400 ग्राम की रसौली की गाँठ को ऑपरेशन द्वारा सफलतापूर्वक निकाला गया। यह राजस्थान में हुआ अभी तक का सबसे बड़ा रसौली गाँठ का ऑपरेशन है।
ऑपरेशन की जटिलता :
डॉ. प्रीति राजपुरोहित ने बताया की श्रीगंगानगर , राजस्थान से आयी 34 वर्षीय महिला वर्षों से रसोली की गांठ से पीड़ित थी।अत्यधिक बड़ी गांठ होने के कारण महिला का किसी भी प्राइवेट एवं सरकारी अस्पताल में इलाज नहीं हो पा रहा था। समय के साथ महिला की तकलीफें बढ़ती जा रही थी। गर्भाशय को पूर्णतः सुरक्षित रखते हुए 3 घंटे चले इस बेहद जटिल मायोमेक्टमी सर्जरी द्वारा 15 किलो 400 ग्राम की बेहद बड़ी गाँठ को सफलतापूर्वक निकाला गया।
डॉ. प्रीति अनुसार ऑपरेशन बेहद जटिल एवं हाई रिस्क था। महिला का वजन ऑपरेशन से पहले 107 किलो था। अधिक वज़न के कारण ऑपरेशन की जटिलता एवं रिस्क लेवल बेहद अधिक था। गर्भाशय को क्षति होने का एवं अत्यधिक रक्त स्नाव का खतरा था। गर्भावस्था की संभावना को सुरक्षित रखने के इस बेहद जटिल ऑपरेशन के दौरान सुनिश्चित करना की गर्भाशय को कोई क्षति ना पहुंचे, बेहद चुनौतीपूर्ण था।
इस जटिल ऑपरेशन की हाई रिस्क स्थिति को समझते हुए सभी एहतियात के साथ मायोमेक्टमी सर्जरी की गयी। ऑपरेशन के बाद महिला को वर्षो पुरानी तकलीफ से राहत मिली। महिला इस जटिल ऑपरेशन के बाद अब बिल्कुल स्वस्थ है। इसके साथ ही निःसंतान महिला की गर्भावस्था की संभावना बनी रहेगी।
डॉ. प्रीति राजपुरोहित ने विस्तृत जानकारी देते g बताया की इससे पहले गर्भाशय में गाँठों के उपचार के लिए गर्भाशय एवं अंडाशय को ही निकाल दिया जाता था। गर्भाशय एवं अंडाशय तब तक ना निकलवाएं जब तक इसकी जरुरत न हो। इससे महिलाओं में गर्भवती होने में दिक्कत के साथ हॉर्मोन्स सम्बंधित समस्याएं उत्पन्न हो सकती हैं।
राजस्थान एवं उत्तर भारत में संभावित इससे पहले इतना बड़ा रसौली गांठ का ऑपरेशन नहीं हुआ है। इतनी बड़ी रसौली गांठ का सफल ऑपरेशन के साथ राजस्थान मेडिकल इतिहास में नया अध्याय जुड़ गया है।
ऑपरेशन करने वाली टीम में स्त्री रोग विशेषज्ञ एवं लेप्रोस्कोपिक सर्जन डॉ. प्रीति राजपुरोहित के साथ एनेस्थेटिस्ट डॉ. प्रवेश तनेजा, ओ.टी प्रभारी कासम , सहायक प्रकाश, सहायक रमेश एवं सहायक मोईन शामिल थे।