विनय एक्सप्रेस समाचार, बीकानेर। राजस्थान फाउंडेशन के कमिश्नर धीरज श्रीवास्तव ने कहा कि यूक्रेन से लौटे विद्यार्थियों की पढ़ाई के लिए राज्य सरकार गंभीर है। मुख्यमंत्री श्री अशोक गहलोत इनके भविष्य के प्रति चिंतित हैं। राज्य सरकार का प्रयास है कि इनकी पढ़ाई प्रभावित नहीं हो। इन्हें पढ़ाई नियमित जारी रह सके।
श्रीवास्तव ने सोमवार को कलेक्ट्रेट सभागार में यूक्रेन से लौटे विद्यार्थियों और उनके अभिभावकों से चर्चा करते हुए कहा कि मुख्यमंत्री द्वारा इस संबंध में केंद्र सरकार को पत्र लिखा जा चुका है। राज्य सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता है कि इन बच्चों की पढ़ाई फिर से शुरू हो सके। इसके लिए सरकार विभिन्न विकल्पों पर विचार कर रही है। इस संबंध में कई देशों से बातचीत भी की जा रही है। ऑनलाइन पढ़ाई कर रहे बच्चे और अभिभावक इन विकल्पों पर निर्णय करने के पश्चात जिला प्रशासन को अवगत करवा सकते हैं। इसके बाद ही अगले चरण की कार्रवाई शुरू होगी। उन्होंने बताया कि यूक्रेन से लौटे बच्चों का यात्रा खर्च राज्य सरकार द्वारा वहन किया गया है। अगर कोई इससे वंचित है तो वह जिला कलक्टर से संपर्क कर सकता है।
बैठक में यूक्रेन के हालातों का जिक्र करते हुए कहा कि बच्चों को सुरक्षित वापस घर लाना राज्य सरकार की पहली प्राथमिकता थी। सरकार की संवेदनशीलता की वजह से सभी बच्चे घर लौटे और अब राज्य सरकार प्रयास कर रही है कि बच्चों को अपनी पढ़ाई पूरी करने का अवसर मिले। उन्होंने कहा कि बच्चों के भविष्य को देखते हुए राज्य सरकार हरसंभव प्रयास कर रही है। परंतु इस मुद्दे पर अंतिम निर्णय केंद्र सरकार को लेना है। इस दौरान उन्होंने बैठक में यूक्रेन से लौटे विद्यार्थियों और उनके अभिभावकों की बात सुनी और उनके सवालों का जबाव दिया। विद्यार्थियों और अभिभावकों ने राजस्थान फाउण्डेशन द्वारा विद्यार्थी हित के प्रयासों की सराहना की और मुख्यमंत्री श्री अशोक गहलोत का आभार व्यक्त किया।
जिला कलक्टर भगवती प्रसाद कलाल ने बताया कि बच्चों की पढ़ाई शुरू करने के लिए राज्य सरकार हेल्पिंग हैंड की भूमिका में है। अभी माल्डोवा से विकल्प मिला है। अन्य देशों से भी बातचीत जारी है। उन्होंने इसकी जानकारी दी। इस अवसर पर अतिरिक्त जिला कलक्टर (प्रशासन) बलदेव राम धोजक, एडीएम सिटी अरूण प्रकाश शर्मा और जिला उद्योग केन्द्र की महाप्रबंधक मंजू नैण गोदारा सहित यूक्रेन से लौटे बच्चे और उनके अभिभावक मौजूद रहे।