अक्षय तृतीया व पीपल पूर्णिमा के अवसर पर न हो बाल विवाह जिला कलक्टर ने ग्रामीण स्तर पर किया दलों का गठन

विनय एक्सप्रेस समाचार, श्रीगंगानगर। अक्षय तृतीया एवं पीपल पूर्णिमा तथा अन्य अवसरों पर समाज में प्रचलित बाल विवाह की कुरीति की रोकथाम के लिये ग्रामीण स्तर पर कार्मिकों के दल का गठन किया गया है।


जिला कलक्टर श्रीमती रूक्मणि रियार सिहाग ने बताया कि बाल विवाह रोकथाम के लिये ग्रामीण स्तर पर संबंधित क्षेत्र के विद्यालय के प्रधानाध्यापक, संबंधित भू-अभिलेख निरीक्षक, पटवारी, ग्राम सचिव, एएनएम, आंगनबाड़ी कार्यकर्ता तथा संबंधित सीआरसीएफ को दल में शामिल किया गया है।

ये कार्मिक अपने-अपने क्षेत्र में भम्रण करते रहेंगे तथा यह ध्यान रखेंगे कि कोई बाल विवाह सम्पन्न न होने पाये। यह सुनिश्चित करेंगे कि किसी नाबालिक बच्चों का विवाह न हो। विवाह से पूर्व प्रस्तावित विवाह की जानकारी मिलने पर तत्काल सूचना दे।


उन्होंने बताया कि एसडीएम, तहसीलदार, बीडीओ व संबंधित थानाधिकारी भी अपने-अपने क्षेत्र के लिये पूर्णतया जिम्मेदार रहेंगे, उनके क्षेत्राधिकार में कोई बाल विवाह सम्पन्न नहीं होना चाहिए। यदि किसी क्षेत्र में बाल विवाह की घटना दृष्टिगोचर हो तो दल के कार्मिक उस क्षेत्रा के एसडीएम, तहसीलदार व बीडीओ को जानकारी देंगे। उपखण्ड स्तर पर अक्षय तृतीया के दिवस के दो दिन पूर्व से ही नियंत्रण कक्ष स्थापित किया जाये।


जिला कलक्टर ने बाल विवाह की रोकथाम के लिये जिले की सभी ग्राम पंचायतों के अनुसार 52 अधिकारियों को प्रभारी नियुक्त किया है। इन अधिकारियों को ग्राम पंचायते आवंटित की गई है।