विनय एक्सप्रेस समाचार, बीकानेर। शहर में सफाई की बदइंतजामी पर जिस सेनेटरी इंस्पेक्टर काे हैल्थ ऑॅफिसर के पद से हटाया गया था, आयुक्त ने उसे फिर से लगा दिया है। इसे लेकर निगम में एक बार फिर विवाद खड़ा हा़े गया है। इस मुद्दे काे लेकर साेमवार काे मेयर और आयुक्त में तीखी बहस हुई। गुस्साई मेयर सुशीला कंवर ने टेबल ठोकते हुए कहा- डेढ़ साल बाद सरकार बदल जाएगी। तब क्या करेंगे।
आयुक्त ने भी तपाक से जवाब दिया- तब आपका आदेश मान लेंगे। ये गर्मा-गरम बहस आयुक्त के बंद कक्ष में हुई। मेयर के पति विक्रम सिंह भी इस दाैरान अंदर ही रहे। आयुक्त गोपालराम बिरदा ने साेमवार काे मेयर का आदेश निरस्त करते हुए सेनेटरी इंस्पेक्टर अशाेक व्यास काे फिर से हैल्थ ऑॅफिसर लगा दिया।
सूचना मिलने पर मेयर अपने पति के साथ निगम पहुंची और आयुक्त के समक्ष स्थिति स्पष्ट की। लेकिन आयुक्त ने मेयर की बात नहीं मानी। दाेनाें के बीच तीखी बहस हुई। गुस्से में आकर मेयर और उनके पति ने आयुक्त की टेबल मुक्के तक मारे। दरअसल अशाेक व्यास काे वापस एचओ लगाने के पीछे एक मंत्री के नजदीकी रिश्तेदार का दबाव हाेने की बात सामने आई है। मेयर और आयुक्त के बीच बहस के दाैरान कई बार उसका नाम लिया गया।
एक महीने में तीसरी बार बदला निगम का हैल्थ ऑफिसर
नगर निगम में एचओ का पद चिकित्सक का है, लेकिन पंद्रह साल से खाली है। यहां काेई डाॅक्टर लगना नहीं चाहता। इसलिए सैनेटरी इंस्पेक्टर काे एचओ लगाते आ रहे हैं। अशाेक व्यास की जगह पूर्व में ओम प्रकाश जावा काे एचओ बनाया गया था। लेकिन व्यास ने वापस एचओ के लिए जाेर लगाया ताे विवाद खड़ा हाे गया।
मेयर ने एईएन उपेन्द्र मीणा काे चार्ज दे दिया। निगम में आयुक्त बदलने के बाद मंत्री के रिश्तेदार की सिफारिश पर व्यास वापस एचओ का पद लेने में कामयाब हाे गए। दरअसल एचओ के पास पूरे शहर की सफाई का जिम्मा हाेता है। एक हजार से ज्यादा सफाई कर्मचारियाें का जाेन और वार्डाें में बंटवारा वही करता है।
सेनेटरी इंस्पेक्टर हाेने के कारण खुद के जाेन काे भी संभालता है। खास बात ये है कि उपायुक्त सुमन शर्मा ने हाइवे पर सफाई के मामले की जांच में व्यास की भूमिका पर सवाल खड़े कर रखे हैं। उसके बावजूद उन्हें एचओ लगाने पर मेयर नाराज हैं।
व्यास ही रहेंगे एचओ
मुझे व्यास खिलाफ सभी मामलाें की जानकारी है। लेकिन एचओ वही रहेंगे। इस मुद्दे पर मेरी मेयर से काेई बहस नहीं हुई। क्योंकि मेयर ने मुझसे कुछ नहीं कहा, लेकिन कमरे में मौजूद दूसरे व्यक्ति (विक्रम सिंह) काे मैंने जवाब दे दिया है। – गाेपाल राम बिरदा, आयुक्त नगर निगम
मंत्री के दबाव में आयुक्त
जिस कर्मचारी के खिलाफ भ्रष्टाचार के आराेप हैं, आयुक्त ने उल्टे उसे उसी पद पर बैठा दिया जहां गड़बड़िया हुई थीं। आयुक्त एक मंत्री के भतीजे के दबाव में हैं। हम सीएम को बताएंगे कि बीकानेर में प्रशासन कैसे और किसके इशारे पर काम कर रहा है। – सुशीला कंवर राजपुराेहित, मेयर, बीकानेर