क्रॉस वोटिंग करने वाली भाजपा विधायक पर एक्शन, राज्यसभा चुनाव में कांग्रेस को दिया था वोट

विनय एक्सप्रेस समाचार, जयपुर। चुनावों को लोकतंत्र का महापर्व माना जाता है. एक वोट करे चोट जैसी कहावते ग्राम प्रधान से लेकर देश की संसद के सदस्यों तक के चुनाव में बड़ी मायने रखती है. एक वोट से देश की सरकारें गिर जाती है. एक वोट की ताकत इतनी होती है कि उसे शब्दों में बयान करना आसान नहीं होता. ऐसे में 10 जून को राजस्थान में राज्यसभा की चार सीटों के लिए हुए चुनाव में जब बीजेपी की एक विधायक ने क्रॉस वोटिंग की तो पार्टी ने उन्हें फौरन सस्पेंड कर दिया.

राज्यसभा चुनाव में दिया कांग्रेस उम्मीदवार को वोट

राजस्थान के सियासी गलियारों में चर्चा हो रही है की कहां बीजेपी राज्यसभा चुनाव (Rajyasabha Election) में कांग्रेस के खेमे में क्रॉस वोटिंग की बात कह रही थी. लेकिन मतदान के ऐन मौके पर बीजेपी विधायक शोभारानी ने कांग्रेस के पक्ष में क्रॉस वोटिंग कर दी. 1 वोट से जहां कांग्रेस पार्टी के प्रत्याशी प्रमोद तिवारी जीत के जादुई आंकड़े 41 तक पहुंच गए. इस तरह जयपुर की सत्ता पर काबिज कांग्रेस पार्टी तीन सीटों पर जीत गई.

ऐसे में बीजेपी विधायक शोभारानी कुशवाहा ने क्रॉस वोटिंग करके कांग्रेस उम्मीदवार प्रमोद तिवारी को वोट दिया जिसके बाद पार्टी ने कार्रवाई करते हुए शोभारानी को सस्पेंड कर दिया है. कांग्रेस कैंडिडेट प्रमोद तिवारी को वोट देने पर नेता प्रतिपक्ष गुलाबचंद कटारिया (GC Kataria) शोभारानी से 7 दिन के भीतर जवाब मांगा है. बीजेपी ने शोभारानी को पार्टी की प्राथमिक सदस्यता भी खत्म कर दी है.

सीएम गहलोत का बयान

वहीं मीडिया से बात करते हुए मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने साफ तौर पर कहा की शोभा रानी कुशवाहा ने कांग्रेस को वोट दिया है. वह इसके लिए उनका धन्यवाद करते हैं. गहलोत ने कहा कि बीजेपी के हॉर्स ट्रेडिंग के इरादों से नाराज होकर शोभा रानी ने यह वोट कांग्रेस को दिया है. वहीं दूसरी ओर शोभा रानी ने जिस साफगोई से कांग्रेस को वोट देना स्वीकार किया है. उससे लगता है की उनका क्रॉस वोट करना पहले से तय था.

इससे पहले CM अशोक गहलोत ने अपनी पार्टी के विजयी उम्मीदवारों को बधाई देते हुए कहा, ‘राजस्थान में तीन राज्यसभा सीटों पर कांग्रेस की विजय लोकतंत्र की जीत है. मैं नवनिर्वाचित सांसद प्रमोद तिवारी, मुकुल वासनिक एवं रणदीप सुरजेवाला को बधाई देता हूं. मुझे पूरा भरोसा है कि तीनों सांसद दिल्ली में राजस्थान के हक की मजबूती से पैरवी कर सकेंगे.’