ऐसी योजना, जिसने नन्हें-मुन्नों को बनाया चिरंजीवी : संतान को जन्मजात बीमारी से मिले छुटकारे पर खुश है परिजन, मुख्यमंत्री को दे रहे साधुवाद

विनय एक्सप्रेस समाचार, नागौर| मुख्यमंत्री चिरंजीवी स्वास्थ्य बीमा योजना के तहत अकेले नागौर जिले में 37 ऐसे नन्हें-मुन्ने बच्चों व किशोर-किशोरी है, जिनका कैशलेस ऑपरेशन करवाकर उन्हें जन्मजात दिल में छेद बीमारी से निजात दिलाई गई है। इनमें से कुछ राहत भरे उपचार के मामले तो ऐसे हैं, जिनकी सफलता की कहानी कुछ तरह से बयां की जा सकती है।

सवा साल की उषिका को मिला नया जीवन

नागौर जिले की रियांबड़ी तहसील का गांव बग्गड़, निवासी मनीष कुमार, जिनके घर में 15 अप्रैल 2021 को किलकारी गूंजी और लक्ष्मी के रूप में बेटी ने जन्म लिया। नवजात षिषु का नाम रखा गया उषिका, जिसकी आयु बढ़ने के साथ-साथ सांस लेेने में अधिक तकलीफ रहने लगी। डॉक्टरों को दिखाया और जांच करवाई तो पता चला कि इस सवा साल की बच्ची के दिल में जन्म से ही छेद है, यह सुन मनीष के घर में खामोषी सी छा गई। मुख्यमंत्री चिरंजीवी स्वास्थ्य बीमा योजना ने मनीष की इसी खामोषी को खुषी में तब्दील कर दिया, आरबीएसके टीम रियांबड़ी डॉ. हनुमान डुकिया द्वारा जून 2022 में रैफर किए गए इस केस में उषिका का जयपुर के इंडस हॉस्पिटल में ऑपरेषन हुआ और वो भी कैशलेस । उषिका की ओपन हार्ट सर्जरी 17 जून को हुई, अब वह ठीक है। वहीं उषिका के पिता मनीष और उसका परिवार अपनी लाडली को जन्मजात बीमार से निजात दिलाने में संजीवनी बनी इस जन स्वास्थ्य कल्याणकारी योजना के प्रति मुख्यमंत्री का धन्यवाद देते नहीं थकते।

अब नहीं फूलेगी लीला की सांसे

नागौर जिले के परबतसर तहसील के गांव नेत्यास का किसान श्रवणराम , जिनके घर 2 अगस्त 2004 को बेटी का जन्म हुआ और नाम रखा गया लीला। लीला जन्म से ही शारीरिक रूप से कमजोर थी, बार-बार बीमार पड़ने और सांस लेने में तकलीफ होने पर हंसिका को चिकित्सकों को दिखाकर जांच करवाई गई। जांच में पता चला कि उसके दिल में छेद की बीमारी है, ईलाज में बड़ा पैसा लगने की आषंका से ही श्रवणराम और उसका परिवार चिंता में पड़ गया लेकिन उसकी इसी चिंता को परबतसर ब्लॉक की आरबीएसके टीम ने राहत में बदल दिया और यह संभव हो सका मुख्यमंत्री चिरंजीवी स्वास्थ्य बीमा योजना से।

17 साल 10 महीने की होने जा रही इस स्कूली छात्रा की आरबीएसके टीम में शामिल डॉ. बरखा वैष्णव व वीरेन्द्र जांगिड़ ने राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय, बाजवास में हैल्थ स्क्रीनिंग की और उनका हैल्थ रिकॉर्ड तैयार कर कैषलेस हार्ट सर्जरी के लिए जयपुर के इंडस हॉस्पिटल में केस रैफर किया गया, जहां 15 जून 2022 को उनकी ओपन हार्ट सर्जरी की गई। लीला की बहन शैलू ने बताया कि अब उनकी बहन स्वस्थ है। अपनी बेटी का कैषलेस ऑपरेषन करवा उसे स्वस्थ पाकर दीपक और उसके परिवार ने मुख्यमंत्री का ऐसी जन स्वास्थ्य कल्याणकारी योजना शुरू करने के प्रति साधुवाद जताया।

जिले में हैल्थ स्क्रीनिंग का काम जारी

नागौर के मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. मेहराम महिया ने बताया कि जिले में हर गांव व शहर तथा कस्बे में रूटीन कार्यक्रम के अनुसार बच्चों की हैल्थ स्क्रीनिंग का काम जारी है। जिला प्रजनन एवं शिशु स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. मुशताक अहमद की मॉनिटरिंग में चल रहे इस हैल्थ सर्वे की रिपोर्टिंग व समन्वय जिला आरबीएसके कॉर्डिनेटर डॉ.शुभकरण धोलिया कर रहे है।

जिले में सरकारी स्कूल, आंगनबाड़ी केन्द्र तथा मदरसों में बच्चों की हैल्थ स्क्रीनिंग के लिए प्रत्येक ब्लॉक में 2 टीमें काम कर रही है। एक टीम में राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम के तहत नियुक्त दो चिकित्सकों सहित एक फार्मासिस्ट व एक एएनएम शामिल हैं। यह टीमें बच्चों की हैल्थ स्क्रीनिंग के साथ-साथ उन्हें आवश्यक दवाईयां भी वितरित करती है। साथ ही जन्मजात बीमारियों से ग्रसित बच्चों का अलग से नाम दर्ज कर उन्हें उच्च चिकित्सा संस्थान में उपचार के लिए रैफर किया जाता है।