अब प्रेसिजन फार्मिंग, ड्रोन तथा अर्टिफिशिअल इंटेलिजेंस से सम्बंधित परियोजना भी शामिल – योजना की ‘टॉप अप’प्रणाली के तहत दोहरे लाभ की सुविधा
विनय एक्सप्रेस समाचार, नागौर। मोटी बात ये है कि देश में खेती से जुड़ी ढांचागत सुविधाओं जैसे कोल्ड स्टोरेज, प्रोसेसिंग यूनिट्स, वेयरहाउस, पैकेजिंग यूनिट वगैरह के अभाव को देखते हुए इस फंड की शुरूआत की गयी है. इस योजनाके तहत किसान भाईयों के लिए एक लाख करोड़ रुपए तक के ऋण की व्यवस्था की गयी है।
इन प्रोजेक्ट्स के लिए मिल सकता है योजना का लाभ
ये फंड कोल्ड स्टोरेज, वेयरहाउस, कलेक्शन सेंटर और प्रोसेसिंग यूनिट, परख केंद्र, ग्रेडिंग, पैकेजिंग यूनिट, ई-प्लेटफॉर्म जैसी इकाइयों के निर्माण के लिए प्राप्त किया जा सकता है। इस योजना का मूल उद्देश्य किसानों के लिए खेती से जुड़े ढांचे का विकास करना। विशेष बात यह है कि फसल के उत्पादन के बाद यदि बेहतर ढांचागत सुविधा हो तो किसानों को उपज का मूल्य भी ज्यादा मिलेगा और इससे अनाज की बर्बादी में भी कमी आएगी।
इस योजना की ‘टॉप अप’प्रणाली के तहत दोहरे लाभ की सुविधा प्राप्त की जा सकती है।, अर्थात यदि किसी पात्र व्यक्ति को पहले से ही किसी अन्य योजना के तहत सब्सिडी प्राप्त हो रही हो तब भी वह इस योजना का लाभ प्राप्त कर सकता है। इसमें राज्य सरकार की एग्रो प्रोसेसिंग, एग्रो बिजनेस, एग्रो एक्सपोर्ट प्रोत्साहन पॉलिसी 2019 मुख्य है। एग्री इंफ्रास्ट्रक्चर फंड के तहत नाबार्ड द्वारा को-ऑपरेटिव बैंक के माध्यम से गांवों में पैक्स को श्माल मार्केटिंग हब के रूप में मजबूत करने और उनके बुनियादी ढांचे को मजबूत करने के लिए बहुत कम ब्याज दरों पर ऋण सहायता प्रदान की जा रही है।
नागौर में नाबार्ड के जिला विकास प्रबंधक मोहित चौधरी ने बताया कि इस योजना से लाभान्वित होने वाले किसानो को प्रतिवर्ष 3 फीसदी ब्याज में छूट तथा दो करोड़ रुपए तक कर्ज के लिए सीजीटीएमएसई स्कीम के तहत लोन गारंटी कवरेज भी दी जा रही है। इस गारंटी के लिये ट्रस्ट का शुल्क सरकार द्वारा वहन किया जा रहा है। नागौर जिले में इस योजना के तहत अब तक 11 वेयर हाउस, 2 सोर्टिंग तथा ग्रेडिंग इकाइया एवं 6 प्रसस्करण यूनिट्स के लिए बैंको द्वारा 35.18 करोड़ रुपए के ऋण स्वीकृत किया जा चुके है।
बढ़ाया फंड का दायरा
केन्द सरकार ने कृषि इंफ्रास्ट्रक्चर फंड का दायरा भी बढ़ा दिया है, ताकि किसानों के लिए खेती से जुड़े ढांचे का विकास हो सके। फसल के उत्पादन के बाद बेहतर ढांचागत सुविधा किसानों को मुहैया कराया जा सके। जिसके कारण व्यक्तिगत लाभार्थियों के साथ-साथ किसान समुदायों जैसे एफपीओ, पीएसीएस, एसएचजी, जेएलजी, सहकारी समितियों, राष्ट्रीय और राज्य स्तरीय सहकारी समितियों, एफपीओ संघों के लिए विभिन्न परियोजनाएं जैसे की फार्म ऑटोमेशन,ड्रोन की खरीद, खेत में विशेष सेंसर लगाना, कृषि में ब्लॉकचेन और अर्टिफिशियल इंटेलिजेंस ,रिमोट सेंसिंग और इंटरनेट ऑफ थिंग्स (आईओटी) जैसे स्वचालित मौसम स्टेशन को योजना में शामिल किया गया है।
सामुदायिक कृषि परियोजनाओं में आर्गेनिक इनपुट के उत्पादन की इकाइयों, स्मार्ट और प्रिसिजन फार्मिंग के लिए ढांचागत विकास आदि को भी लाभ योजना के तहत लाभ उठाया जा सकता है। योजना की अधिक जानकारी के लिए किसान नाबार्ड बैंक तथा कृषि विपणन बोर्ड व किसी भी बैंक की शाखा से भी संपर्क कर सकते हैं।