किसानो की बंजर तथा अनुपयोगी भूमि पर-सौर ऊर्जा संयत्र की स्थापना में मदद करेगा पोर्टल
विनय एक्सप्रेस समाचार, जयपुर। ऊर्जा मंत्री श्री भंवर सिंह भाटी ने सोमवार को विद्युत भवन में सौर कृषि आजीविका योजना के पोर्टल का शुभारंभ किया। यह पोर्टल किसानों एवं विकासकर्ताओं को किसानों की बंजर/अनुपयोगी भूमि पर सौर ऊर्जा संयत्रों की स्थापना में मदद करेगा।
इस अवसर पर श्री भंवर सिंह भाटी ने बताया कि ग्रामीण क्षेत्रों में मुख्य रूप से कृषि भार वाले लोड सेन्टर पर पीएम कुसुम कम्पोनेन्ट- सी (फीडर लेवल सोलराईजेषन) के तहत् विकसित किये जा रहे विकेन्द्रिकृत सौर ऊर्जा संयंत्रों को बढावा देने के उद्वेष्य के लिए राज्य सरकार ने सौर कृषि आजीविका योजना तैयार की है। उन्होंने बताया कि इस योजना के पोर्टल को लांच करने का उद्वेष्य यह है कि किसानों को सोलर के माध्यम से अपने नजदीक के 33/11 जीएसएस से दिन में बिजली प्राप्त हो सके। इसके साथ ही इस योजना के माध्यम से किसानों व भूमि मालिकों को सौर ऊर्जा संयंत्र की स्थापना के लिए पूर्व निर्धारित राषि के आधार पर अपनी बंजर/अनुपयोगी भूमि को लीज पर देने का अवसर देकर राज्य के प्रचुर भूमि संसाधनों का उपयोग करना है।
श्री भाटी ने बताया कि इस आनॅलाईन पोर्टल पर किसी भी गांव में 33/11 केवी जीएसएस के आसपास के किसान सौर ऊर्जा संयंत्र स्थापित करने के लिए अपनी जमीन को लीज पर देने के लिए पंजीकृत कर सकते है कि हम अपनी जमीन को सौलर ऊर्जा के माध्यम से विद्युत उत्पादन के लिए लीज पर देना चाहते है और सौर ऊर्जा संयंत्र के विकासकर्ता भी पंजीकृत किसानों भूमि मालिकों तक पहुंचने के लिए पोर्टल पर पंजीकृत कर सकते है।
उन्होने बताया कि सोलर प्लांट की स्थापना के बाद 33/11 केवी जीएसएस के आस-पास के जितने भी कृषि उपभोक्ता है। उन सबको सौलर के माध्यम से दिन के समय अच्छी गुणवत्ता की बिजली मिलेगी और उनकी बिजली की समस्या का समाधान होगा। उन्होने बताया कि भारत सरकार के नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय द्वारा कुसुम कम्पोनेन्ट सी (फीडर लेवल सोलराईजेषन) के तहत् इस योजना में केन्द्रिय वित्तीय सहायता का भी प्रावधान है।
ऊर्जा मंत्री श्री भाटी ने बताया कि www.skayrajasthan.org.in पोर्टल किसान एवं विकासकर्ता की सुविधा के लिए बनाया गया है। जिस पर इच्छुक किसान व भूमि मालिक अपनी बंजर और अनुपयोगी भूमि को लीज पर देने के लिए पंजीकृत कर सकेंगें और विकासकर्ता किसानों द्वारा पोर्टल पर डाला गया भूमि का विवरण देख सकेगें, जिससे राजस्थान डिस्कॉम के 33/11 केवी सब-स्टेषन के आस-पास के क्षेत्र में सौर ऊर्जा संयंत्र स्थापित करने में सुविधा मिलेगी।
प्रमुख शासन सचिव ऊर्जा एवं अध्यक्ष डिस्कॉम्स श्री भास्कर.ए.सावंत ने बताया कि डिस्ट्रीब्यूटेड मैनर ये प्लांट लगेंगें। इस योजना में छोटे प्लान्ट लगेगें और इनसे उत्पादित बिजली का लाभ प्लांट के आस-पास के क्षेत्र के किसानों को ही मिलेगा। इस योजना के तहत् जिन क्षेत्रों में कृषि बिजली का भार अधिक है उन जीएसएस को चिन्ह्ति करके पीएम-कुसुम योजना-सी में फीडर लेवल सौलराईजेषन के तहत् संयंत्र स्थापित किये जायेंगें। उन्होंने बताया कि अभी 781 जीएसएस चिन्हित किए हैं जहां कृषि लोड ज्यादा है इन पर 971 प्रोजेक्ट लग सकते है और इनसे 3079 मेगावाट बिजली का उत्पादन होगा। इससे 2 लाख 71 हजार पम्प सौलराइज हो जाएगें। अभी एमएनआरई ने एक लाख पम्प की स्वीकृति दी जिसे हम धीरी-धीरे 2 लाख पम्प सौलराइजेषन तक ले जाएगें।
उन्होने बताया कि इस पोर्टल का सबसे बड़ा फायदा यह होगा कि पोर्टल पर किसान द्वारा अपनी भूमि का पंजीकरण करने के पश्चात् विकासकर्ता देख पायेगा की कितनी भूमि सौर ऊर्जा संयंत्र की स्थापना के लिए काष्तकार ने पोर्टल पर पंजीकृत की है। सभी सूचनाऐं पोर्टल पर मिलने से सौर ऊर्जा संयंत्रों की स्थापना को बढावा मिलेगा।
उन्होने बताया कि किसानों को समय पर पूरी लीज राषि मिले इसकी व्यवस्था राज्य सरकार द्वारा निर्धारित कर दी है। इसके तहत् डिस्कॉम को दी जाने वाली बिजली का भुगतान विकासकर्ता को किये जाने वाले भुगतान में से डिस्कॉम द्वारा लीज राषि काट कर सीधे काष्तकार को भुगतान किया जायेगा व शेष राषि का भुगतान विकासकर्ता को किया जायेगा।