उच्चस्तरीय पारदर्शिता लागू होने से होगी नगरीय विकास कर की गणना-मेयर अभिजीत कुमार

विनय एक्सप्रेस समाचार, भरतपुर। नगर निगम द्वारा पी टी आई एम एस पोर्टल की लांचिग मेयर अभिजीत कुमार की अध्यक्षता में मंगलवार को नगर निगम के सभागार में आयोजित कार्यक्रम में की गई।
इस अवसर पर महापौर अभिजीत कुमार ने कहा कि अब पोर्टल द्वारा ओटोमेटिक नगरीय विकास की गणना होने से एवं उच्च स्तरीय पारदर्शिता लागू होने के कारण भरतपुर शहर राजस्थान का पहला ड्रोन बेस मेप आधारित जी आई एस मेपिंग शहर बन चुका है | उन्होंने कहा कि नगरीय विकास कर जमा करवाने से पहले हाथों-हाथ अपनी सम्पत्ति की सूचना जांचे, सही होने पर ही यूडी टेक्स जमा कराने की 24 घंटे सुविधा मौजूद रहेगी एवं उससे संबंधित समस्याओं का निराकरण भी ऑनलाइन ही होगा, करदाताओं को अब कार्यालय के चक्कर नहीं लगाने होगें। उन्होंने बताया कि 300 वर्गगज तक अथवा 2700 वर्गफीट निर्मित क्षेत्रफल के आवसीय परिसरों, मकानो-संस्थानो को यूडी टैक्स नही देना होगा| 100 वर्गगज तक अथवा 900 वर्गफीट तक के व्यवसायिक परिसम्पत्तियां भी नगरीय कर के दायरे से बाहर रहेगी।
मेयर अभिजीत कुमार ने कहा कि यूडी टैक्स लागू होने से 15 वर्षो पश्चात अब निगम को प्रतिवर्ष लगभग 8 करोड की आय होगी, सम्पूर्ण शहर में गैर आवासीय श्रेणी में लगभग 5 हजार 910 सम्पत्तियां है तथा अब आप अपनी सम्पत्ति का आवंटन, निर्माण व वर्ष आनलाईन दर्ज कर सकते है। उन्होंने कहा कि भरतपुर नगर निगम राजस्थान का पहला ऐसा नगर निगम बन गया है, जहॉ यूडी टैक्स का ऑनलाईन भुगतान अब जी आई एस पद्वति पर ड्रोन आधारित बेस मेप सर्वे के आधार पर होगा। अब नगरीय कर के दायरे में आने वाली समस्त परसम्पत्तियों का मौका अनुसार उपयोग से पता लग सकेगा एंव अन्य प्रोपर्टी के विवरण भी ऑनलाईन बेव पोर्टल पर उपलब्ध होंगे अथवा ऐसी नवीन सम्पत्तियॉ जो पोर्टल पर नही है उन्हें भी स्वयं सम्पत्ति धारक द्वारा ऑनलाईन अपलोड कर केवल 5 मिनट में ही स्वयं कर निर्धारण कर सकेंगा, इसके लिये वर्ष 2007 से 2022 तक की समस्त कॉलोनियो की डीएलसी दरों की भी वेब पोर्टल पर सर्च इंजन के माध्यम से जानकारी हासिल की जा सकेगीं।

नगर निगम के उपमहापौर गिरीश चौधरी ने बताया की यह सुविधा आमजन के लिये बहुत उपयोगी एंव भरतपुर शहर के विकास के लिए वरदान साबित होगी। पोर्टल से भविष्य में अब कई प्रकार की सुविधाये आमजन को विश्व के किसी भी कोने में इन्टरनेट के माध्यम से निःशुल्क उपलब्ध होगी। इसमें आमजनों को कर जमा करवाने में एंव प्रमाण पत्र के लिये अब नगर निगम कार्यालय के चक्कर नही लगाने पडेंगे। आमजन अपनी सम्पत्ति के यूडी टेक्स पूर्व के वर्षो में की हुई गलत गणना होने पर अब साक्ष्य दस्तावेज के आधार पर ऑनलाईन ही उसे सही करवा सकेंगे।
नगर निगम आयुक्त अखिलेश कुमार पिप्पल ने कहा कि यूडी टेक्स हाथों-हाथ जमा होने के साथ ही अब करदाता यूडी टेक्स जमा कराकर उसकी रसीद एंव अदेयता प्रमाण पत्र प्राप्त कर सकेंगें। इसके अतिरिक्त भविष्य में इस पोर्टल का विस्तार किया जाकर प्रशासन शहरों के संग अभियान में जारी पट्टो का एकीकरण ऑनलाईन किया जा सकेंगा। जिससे सम्पत्ति के पट्टा जारी करने एंव भविष्य में क्रय-विक्रय में धोखाधडी को रोका जा सकेगा। इस प्रकार की मैपिंग से सरकारी सम्पत्ति के साथ-साथ निजी सम्पत्ति पर भी कोई व्यक्ति कब्जा नही कर पायेगा। क्योकि सम्पत्ति का ड्रोन सर्वे के साथ-साथ मौके पर जाकर भी टीम के द्वारा सर्वे करके भवनों एवं दुकानों की फोटो भी अपलोड की जायेगी ।
इस मौके पर पोर्टल लांचिंग कंपनी याशी कंसर्टेंसी कंपनी के एमडी संजय गुप्ता ने पीपीटी के माध्यम से यूडी टैक्स का बारीकी से प्रेजेटेंशन दिया।
इस मौके पर व्यापार महासंघ के अध्यक्ष संजीव गुप्ता ने कई विसंगितों को ध्यान में रखते हुए सवाल पूछे एवं अपनी ओर से सुझाव भी दिये। पार्षद दाउदयाल शर्मा ने भी कई कई सवालों के जबाव एमडी संजय गुप्ता से मांगे।
लांचिग कार्यक्रम में नेता प्रतिपक्ष रूपेन्द्र सिंह जघीना के पिताजी के निधन होने जाने के कारण दो मिनट का मौन भी धारण किया।
कार्यक्रम में नगर निगम के पार्षद, व्यापारी नेता, निगम लेखाधिकारी पंकज कुमार गुप्ता, सचिव रविन्द्र सिंमह आदि मौजूद रहे।