विशेषयोग्यजन सहायक व्याख्याता के स्थानांतरण पर रोक : कालेज शिक्षा का मामला, पढ़े खबर

विनय एक्सप्रेस समाचार, जोधपुर। नाथद्वारा निवासी प्रेमलता विकल जो कि विशेषयोग्यजन सहायक व्याख्याता के पद पर राजकीय महाविद्यालय राजसमंद मे कार्यरत है उसके स्थानान्तरण आदेश दिनांक 09.11.2022 पर उच्च न्यायालय ने रोक लगाते हुए कॉलेज शिक्षा विभाग को नोटिस जारी किये।
प्रेमलता विकल की नियुक्ति विशेषयोग्यजन श्रेणी मे वर्ष 2012 मे राजकीय महाविद्यालय राजसंमद मे सहायक व्याख्याता (वनस्पति विज्ञान) के पद पर हुई थी। वर्ष 2021 में प्रार्थीया का स्थानान्तरण राजकीय महाविद्यालय राजसमंद से राजकीय महाविद्यालय नाथद्वारा में हुआ। राजकीय महाविद्यालय नाथद्वारा मे प्रार्थी ने कार्यग्रहण वर्ष 2021 में ही कर लिया।
विभाग द्वारा आदेश दिनांक 09.11.2022 से प्रार्थी को नाथद्वारा से राजकीय महाविद्यालय डूगंरपुर स्थानातरण कर दिया गया। साथ ही आदेश दिनांक 11.11.2022 से उसे कार्यमुक्त भी कर दिया गया।
विभाग के इस कृत्य से व्यथित होकर प्रार्थीया ने अपने स्थानान्तरण आदेश के विरूद्व अधिवक्ता प्रमेन्द्र बोहरा के माध्यम से एक रिट याचिका प्रस्तुत की। प्रार्थीया के अधिवक्ता का उच्च न्यायालय के समक्ष प्रथमतयः यह तर्क था कि विशेष योग्यजन के लिए प्रशासनिक सुधार एंव समन्वय विभाग द्वारा दिनांक 18.07.2022 को एक परिपत्र जारी किया है। इस परिपत्र मे स्पष्ट प्रावधान है कि विशेष योग्यजन कर्मचारियो को उनके इच्छित स्थान पर पदस्थापित किया जावे परन्तु प्रार्थी को वर्तमान स्थान से लगभग 120 किमी दूर. राज. महाविद्यालय डूंगरपुर पदस्थापित किया गया है।
दुसरा तर्क यह था कि प्रार्थीया अपने महाविद्यालय मे एक मात्र सहायक व्याख्याता (वनस्पति विज्ञान) के पद पर कार्यरत है तथा उसके स्थानांतरण के पश्चात महाविद्यालय मे शून्य की स्थिति उत्पन्न हो जायेगी। इस संदर्भ में स्थानातरण आदेश भी शर्त संख्या 5 में स्पष्ट उल्लेखित है कि शून्य व्याख्याता की स्थिति मे आयुक्तायलय की अनुमति के पश्चात कार्यमुक्त किया जावे पर प्रार्थी को बिना अनुमति के ही कार्यमुक्त कर दिया गया।
प्रार्थीया के अधिवक्ता के तर्को से सहमत होते हुए राजस्थान उच्च न्यायालय की एकलपीठ के न्यायाधीश श्री अरूण भंसाली ने प्रार्थीया का रिट याचिका को अंतरिम रूप से ग्राहय करते हुए कालेज शिक्षा विभाग को नोटिस जारी कर जवाब तलब किया व प्रार्थी के स्थानातरण आदेश दिनांक 09.11.2022 व कार्यमुक्ति आदेश दिनांक 11.11.2022 पर अंतरिम रोक लगायी।