तापसी पन्नू के 10 साल: एक आउट साइडर से बॉलीवुड की लीडिंग ऐक्ट्रेस तक का सफ़र

विनय एक्सप्रेस समाचार, दिल्ली। बॉलीवुड की एक प्रतिभाशाली अभिनेत्री मानी जाने वाली तापसी पन्नू ने फिल्म उद्योग में शानदार 10 साल पूरे किए हैं। तापसी की पहली फिल्म चश्मे बद्दूर एक न्यूकमर से लेकर एक लीडिंग ऐक्ट्रेस तक का उनका सफ़र आश्चर्यजनक रहा है। अपने असाधारण अभिनय कौशल और फिल्मों के चुनाव के द्वारा, उन्होंने फिल्म उद्योग पर गहरा प्रभाव डाला है।

फिल्म ‘बेबी’ में किये गए आकर्षक कैमियो से लेकर दिलचस्प लीगल ड्रामा ‘पिंक’ में मीनल अरोड़ा के अविस्मरणीय किरदार और ‘मुल्क’ की दमदार आरती मोहम्मद तक, तापसी ने यह दिखा दिया है कि वह समाज के मुद्दों को उठाने वाली चुनौतीपूर्ण भूमिकाओं को निभाने से डरती नहीं हैं, जैसा कि उनकी विचारोत्तेजक फिल्म ‘थप्पड़’ और बहुत सी दूसरी फिल्मों से ज़ाहिर है।

बायोग्राफिकल ड्रामा ‘सांड की आंख’, जिसमे उन्होंने प्रकाशी तोमर की भूमिका निभाई, उनका उत्कृष्ट प्रदर्शन और फिल्म ‘हसीन दिलरुबा’ में रानी कश्यप के किरदार का चित्रण उनकी अपरिमित प्रतिभा को उजागर करता है। और फिर रोमांटिक ड्रामा मनमर्जियां में प्रतिभाशाली विक्की कौशल के साथ उनकी मैग्नेटिक केमिस्ट्री को कौन भूल सकता है, जिसने दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर दिया था।

‘शाबाश मिथु’, ‘लूप लपेटा’ और ‘ब्लर’ जैसी फिल्मों में नए तरह के किरदारों को असाधारण एक्टिंग स्किल्स के साथ निभाने के लिए उन्हें विश्व भर से प्रशंसा मिली है। इस साल ‘फिर आई हसीन दिलरुबा’ में और शाहरुख खान के साथ फिल्म ‘डंकी’ में उनके रोल का सबको बेसब्री से इंतजार है।

अनेक बाधाओं और रुकावटों के बावजूद, उनका बहादुरी से सामना कर, तापसी ने कड़ी मेहनत और प्रतिभा के साथ उद्योग में खुद की एक जगह बनाई है। एक आउटसाइडर के रूप में, उन्होंने एक ऐसा रास्ता बनाया है जिस पर चलकर, अनगिनत लोग अपने सपनों का पूरा करने और कभी भी हार न मानने के लिए प्रेरित होंगे।

प्रतिष्ठित ब्रांड्स का चेहरा बनने से लेकर फिल्म निर्माण तक, तापसी की स्टार पावर और प्रभाव दिन-ब-दिन बढ़ता जा रहा है। वह कई लोगों के लिए एक सच्ची पथप्रदर्शक, आशा की किरण और एक आदर्श हैं। आज जब वह बॉलीवुड में एक नए दशक की शुरुआत कर रही हैं, इसमें कोई संदेह नहीं है कि तापसी पन्नू हमेशा सफलता के आकाश पर ऐसे ही चमकती रहेंगी।