तकनीकी शिक्षा में हो व्यापक अनुसंधान, कौशल विकास का मार्ग हो प्रशस्त : कुलपति प्रो.एस के सिंह
विनय एक्सप्रेस समाचार, कोटा। सोसायटी फोर इंजीनियरिग एजुकेशन इंडिया द्वारा राजस्थान तकनीकी विश्वविद्यालय, कोटा के कुलपति प्रो. एस के सिंह को पिछले 30 वर्षों से सिविल इंजीनियरों को शिक्षित करने की दिशा मे सार्थक प्रयास एवं तकनीकी शिक्षा के क्षेत्र में नवाचार एवं अर्जित उल्लेखनीय उपलब्धियों के लिए मेकापटी गौतम रेड्डी इंजीनियरिंग शिक्षा पुरस्कार आज आयोजित समारोह में प्रदान किया। सहायक जनसंपर्क अधिकारी विक्रम राठौड़ ने बताया कि तकनीकी शिक्षा के क्षेत्र में उल्लेखनीय कार्य एवं उत्कृष्टता के साथ की गई अकादमिक सेंवाओ को रेखांकित करते हुए कुलपति प्रो. सिंह को सम्मानित किया गया है। गौरतलब है कि तकनीकी शिक्षा के क्षेत्र में कार्यरत विभिन्न शिक्षाविदों को अपनी अर्जित उत्कृष्टता के लिए यह प्रतिष्ठित पुरस्कार प्रदान किया गया है। विगत वर्षों में इंजीनियर शिक्षा के क्षेत्र में दिए गए असाधारण योगदान को रेखांकित करते हुए सोसाइटी द्वारा इस पुरस्कार हेतु चयन किया गया है।
22 मई को राजस्थान तकनीकी विश्वविद्यालय, कोटा कुलपति सचिवालय में सोसाइटी द्वारा आयोजित “इंजीनियरिंग शिक्षा का अंतर्राष्ट्रीयकरण” विषय पर आयोजित कार्यशाला एवं विशेषज्ञ वार्ता के दौरान प्रो. सिंह को यह पुरस्कार प्रदान किया गया। इस अवसर पर सोसायटी फोर इंजीनियरिग एजुकेशन इंडिया के प्रेसीडेंट प्रोफेसर रवि शंकर चंदू अपना व्याख्यान किया जिसमें 60 से अधिक विश्वविद्यालय के शिक्षक अधिकारी एवं कर्मचारियों, छात्रों द्वारा सहभागिता निभाई गयी!
इस अवसर पर कुलपति प्रो.एसके सिंह ने कहा कि तकनीकी शिक्षा में शोध, अनुसन्धान और अकादमिक उत्कृष्टता के साथ हमें व्यापक दृष्टिकोंण अपनाना होगा। हमें शैक्षणिक गुणवत्ता की और विश्वविद्यालय की रैंकिंग की और ध्यानाकर्षित करना होगा साथ ही हमें विधार्थियों के कौशल विकास एवं व्यक्तित्व विकास के लिए भी काम करना हैं। समय के साथ तकनीकी शिक्षा के नवाचारो को की भूमिका बढ़ी है हमें हमारे ज्ञान और कौशल में वृद्धि करनी होगी। विश्विद्यालय का प्रयास रहेगा की राष्ट्रीय शिक्षा निति के सुधारात्मक बिन्दुओ का समावेश कर विश्विद्यालय का शैक्षणिक उन्नयन किया जाए। प्रचलित पाठ्यक्रम में नवाचारो को अपनाने के साथ हमे तकनीकी शिक्षा में नए रोजगारपरक पाठ्यक्रम को अपनाना होगा ताकि हम विधार्थियों को रोजगारउन्मुखी शिक्षा प्रदान कर सके। तकनीकी शिक्षा की नवीनतम प्रणालियों को अपनाते हुए हम विधार्थियों के लिए ऐसा विकसित माहौल तैयार करेंगे जो उन्हें तकनीकी रूप से उन्नत करेगा। उन्होंने शिक्षको के तकनीकी एवं कौशल प्रशिक्षण पर भी जोर दिया।