स्कूल शिक्षा विभाग का मासिक वेबिनार—’बात आपकी हमारी’— सेवा में आने के उद्देश्य को सदा जेहन में जिंदा रखें —शासन सचिव

स्कूल शिक्षा विभाग जोधपुर, बाड़मेर, बीकानेर, राजसमंद और प्रतापगढ़ के पांच शिक्षकों की प्रेरणास्पद कहानियों पर हुई सार्थक चर्चा

विनय एक्सप्रेस समाचार, जयपुर। स्कूल शिक्षा विभाग के शासन सचिव नवीन जैन ने कहा कि हम सरकारी सेवाओं में आने के उद्देश्य को सदैव अपने जेहन में जिंदा रखते हुए कार्य करे तो अपने कर्म क्षेत्र में लोगों के जीवन में बदलाव लाने के लक्ष्य को साकार कर सकते है। उन्होंने कहा कि जब हमें ये उद्देश्य याद रहता है और हमें इसके अनुरूप अपनी भूमिका निभाते है तो बढ़—चढ़कर कार्य करने की ऊर्जा मिलती रहती है।

यह बात जैन सोमवार को स्कूल शिक्षा विभाग द्वारा शुरू की गई मासिक वेबिनार सीरीज ‘बात आपकी हमारी’ के तीसरे एपिसोड के दौरान शिक्षकों, विद्यार्थियों, अभिभावकों और अधिकारियों से संवाद करते हुए कही। स्कूल शिक्षा विभाग की इस विशेष पहल के जरिए प्रदेश के सरकारी स्कूलों में लीक से हटकर कार्य करने वाले शिक्षकों की सफलता की कहानी को यूट्यूब पर प्रसारित होने वाले वेबिनार के जरिए साझा किया जाता है। तीसरी कड़ी में जोधपुर की रजनी शेखावत, बाड़मेर की गीता देवी, बीकानेर की सुनीता गुलाटी, राजसमंद की सरिता चौधरी और प्रतापगढ़ की मेमुना खान ने वीडियो के माध्यम से अपने विद्यालयों के बच्चों के साथ ही क्षेत्र के लोगों के जीवन में लीक से हटकर कार्यों से अविस्मरणीय बदलाव लाने की कहानियां बताई। शासन सचिव श्री जैन ने शिक्षकों की पहल और प्रयासों को शिक्षा जगत और विभाग के लिए समर्पित भाव से कार्य करने का अनूठा उदाहरण बताया। वेबिनार में बीकानेर शिक्षा निदेशालय से स्टाफ ऑफिसर डॉ. अरुण शर्मा ने भी इस माह के स्टार टीचर्स की उपलब्धियों पर प्रकाश डालते हुए अपनी बात रखीं।
जोधपुर में राजकीय महात्मा गांधी इंग्लिश मीडियम स्कूल, ब्रिगेडियर जबर सिंह कॉलोनी की प्रिंसिपल रजनी शेखावत द्वारा माध्यमिक शिक्षा बोर्ड की शिक्षण प्रतियोगिता में प्रथम स्थान प्राप्त करने के साथ ही अंग्रेजी पढ़ाने में राज्य स्तरीय पुरस्कार प्राप्त करने की उपलब्धियों के बारे में बात रखीं। वहीं बाड़मेर में राजकीय शिक्षाकर्मी प्राथमिक विद्यालय, सरूपोणी मालियो का बास की गीता देवी ने 2002 में शिक्षाकर्मी के रूप में चयनित हुई होने के बाद कवास में बाढ़ से उत्पन्न हालात के बाद अपनी तीन एकड़ जमीन दान करके नया विद्यालय स्थापित करते हुए राष्ट्रीय शिक्षक पुरस्कार प्राप्त करने के सफर के बारे में बताया। बीकानेर में राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय (मूक-बधिर) की विज्ञान शिक्षक सुनीता गुलाटी के विद्यालय के बच्चों द्वारा तैयार मॉडल्स का लगातार 7 वर्षों से राजस्थान राज्य शैक्षिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद (आरएससीईआरटी), उदयपुर द्वारा आयोजित विज्ञान मेलों में किया जा रहा है, वहीं इंस्पायर अवार्ड के लिए भी इस विद्यालय के विशेष आवश्यकता वाले बच्चों के विज्ञान मॉडल का जिला स्तर पर चयन हुआ तथा एक विद्यार्थी का राष्ट्रीय स्तर पर चयन हुआ है। इस विद्यालय की वेबसाइट निर्माण एवं मूक-बधिर बच्चों के लिए ई-कंटेंट भी तैयार किया जा रहा है। इसी प्रकार राजसमंद जिले में राजकीय प्राथमिक विद्यालय, खेड़ा की शिक्षिका सरिता चौधरी ने भील समुदाय के बच्चों को गोद लेने और उनकी सम्पूर्ण पढ़ाई का खर्च वहन करने जैसी पहल की है। उन्होंने ड्राप आऊट विद्यार्थियों के अभिभावकों से विद्यालय समय से पहले मिलते हुए उनको अपने बच्चों को विद्यालय से जोड़ने की मुहिम चलाई। 6 वर्षों से लगातार अपने विद्यालय के सभी बच्चों को स्कूल ड्रैस, बैग, टाई, शिक्षण सामग्री, जूते-जुराब और स्वेटर का वितरण किया है। प्रतापगढ़ में राजकीय उच्च प्राथमिक विद्यालय, कावर चौकी, पीपलखूंट में प्रबोधक के रूप में कार्यरत मेमूना खान विद्यालय समय के बाद महिलाओं को शिक्षा से जोड़ते हुए लिखने-पढ़ने के लिए प्रेरित करती है। उन्होंने भी वीडियों के माध्यम से अपने नवाचारों और विशिष्ट प्रयासों की कहानी साझा की।