संतों ने किया प्रदर्शन, स्टालिन का जलाया पुतला
विनय एक्सप्रेस समाचार, बीकानेर। इतिहास संभाल लो, जब-जब सनातन धर्म के खिलाफ किसी अभद्रता की है, अनर्गल टिप्पणी की है उसका परिणाम बुरा हुआ है। यह बात बीकानेर संत समाज के अध्यक्ष श्रीसरजूदासजी महाराज ने कोटगेट पर मंत्री के बेटे का पुतला फूंकने के बाद प्रदर्शन के दौरान कही। रामझरोखा कैलाशधाम के पीठाधीश्वर श्रीसरजूदासजी महाराज ने कहा कि यह प्रदर्शन केवल चेतावनी ही नहीं बल्कि एक प्रचंड का आरंभ है। युद्ध की शुरुआत है उन लोगों के खिलाफ जो सनातन धर्म की बुराई करते हैं, जो सनातन पर अभद्र टिप्पणियां करते हैं। मंगलवार को संत समाज व सनातन धर्म के अनुयायियों ने जेल रोड से पैदल रैली निकालते हुए कोटगेट पहुंचे और सीएम के बेटे का पुतला फूंक प्रदर्शन किया तथा जिला कलक्टर को ज्ञापन दिया गया। नवलेश्वर मठ के योगी ओमनाथजी महाराज ने कहा कि बीते दिनों तमिलनाडू के मुख्यमंत्री के बेटे ने उदयनिधि स्टालिन द्वारा सनातन धर्म को लेकर की गई टिप्पणी से संत समाज आक्रोशित है। सनातन धर्म के खिलाफ बोलने वालों को बख्शा नहीं जाएगा उनके विरुद्ध कानूनी कार्यवाही होगी। महंत सूरजनाथजी महाराज ने कहा कि गुजरात के स्वामीनारायण मंदिर से संबंधित ऐसे कई वीडियो आए हैं जहां स्वामीनारायण संप्रदाय के स्वामियों ने अपने प्रवचन (उपदेश) के दौरान नाथ सम्प्रदाय के खिलाफ व हिंदू देवताओं के बारे में आपत्तिजनक टिप्पणी की है। प्रदर्शन में महंत योगी सूरजनाथ जी, महंत योगी रामनाथजी, महंत सुभाषगिरीजी, मदनमोहनदासजी, शंकरपुरीजी, महंत योगी दीपकपुरीजी, संत गिरधारीनाथ जी, संत ईश्वरगिरीजी, संत तीर्थगिरीजी, संत अमरीशपुरीजी, संत अशोकनाथजी एवं दीपकनाथजी महाराज शामिल रहे। इसी तरह सनातन अनुयायियों में दिलीप पुरी, वेद व्यास, महेन्द्र ढाका, श्रीभगवान अग्रवाल, डॉ. रामदेव अग्रवाल, योगराज बंशीवाले, बृजलाल मित्तल, राधेश्याम अग्रवाल, प्रहलाद अग्रवाल, प्रदीप उपाध्याय, प्रदीप सारस्वत, ऋषिराज गहलोत, बजरंग तंवर, नवदीप बीकानेरी, मनु सेवग, प्रेम गहलोत, धर्मेन्द्र सारस्वत, शशि गहलोत, नीरज कमल भाटी लक्ष्मण भाटी अग्रवाल, महेन्द्र व्यास, नेमीचंद गहलोत, दीपक जाजड़ा, कार्तिक भाटी, अजय सांखला, राकेश गहलोत करणपाल आदि उपस्थित रहे।
गौरतलब है कि तमिलनाडु सीएम एमके स्टालिन के बेटे उदयनिधि स्टालिन ने हाल ही में एक बयान में सनातन धर्म की तुलना डेंगू से करते हुए कहा था कि सनातन का बस विरोध नहीं किया जाना चाहिए, इसे समाप्त ही कर देना चाहिए। ये धर्म सामाजिक न्याय और समानता के खिलाफ है। उन्होंने यह भी कहा कि हम डेंगू, मलेरिया या कोरोना का विरोध नहीं कर सकते, हमें इसे मिटाना है।