देश में पहली बार नोसेना मे टेक्निकल साइड से महिलाओं के अधिकारी बनने के लिए निकले नौ पदों में, एसएसबी में पहले प्रयास में उच्च स्थान से सफल हुई राजस्थान की ईशा बिजारणिया
विनय एक्सप्रेस समाचार, झुंझुनू :शेखावाटी के लोग हमेशा ही अपनी ख्याति देश-विदेश में फलाते रहे है, झुंझुनूं का डंका सदैव ही राष्ट्रहित, पवित्र कार्यो, उद्योगपतियों, खेलो, भारतीय सेना आदि में बजता ही रहा है।
प्रतिभा किसी की मोहताज नहीं होती। सच्ची लगन और सतत प्रयास से तमाम बाधाओं को पारकर सफलता हासिल की जा सकती है।
भारतीय सेना में “सेवा चयन बोर्ड” (एसएसबी) में टेक्निकल साइड से बारहवीं व जेईई मेंस में उत्तीर्ण अभ्यर्थियों के लिए जून में सशस्त्र सेना में पहली बार महिलाओं के लिए नौ पदों सहित कुल तीस पदों पर विगप्ति जारी की गई थी।
जिसमें छोटी सी उम्र में ईशा बिजारणिया ने पहले प्रयास में, देश में पहली बार निकली महिलाओं के लिए में, उच्च स्थान से चयन होने वाली राजस्थान में रहने वाली पहली महिला बन कर क्षेत्र का नाम रोशन किया है।
14 जनवरी से एशिया की सबसे बड़ी और दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी भारतीय नौसेना अकादमी (आईएनए) एझिमाला, केरला से प्रशिक्षण प्राप्त करने के बाद पहली पोस्टिंग लेफ्टिनेंट के पद पर मिलेगी ।
जानकारी के अनुसार जून में तीस पदों के लिए देशभर से तीन लाख के करीब अभ्यर्थियों द्वारा आवेदन किया गया था।
16–21 सितंबर को विशाखापट्टनम में आयोजित एसएसबी में बहुमुखी प्रतिभाशाली उन्नीस वर्षीय ईशा ने पहले प्रयास में सफलता हासिल की, मेडिकल, चरित्र सत्यापन, मेरिट आदि सभी प्रक्रिया पूरी करने के बाद मुख्यालय, रक्षा मंत्रालय (नौसेना) द्वारा सोमवार नववर्ष पर चयन सूची को जारी की गई। जिसमे बालिका का चयन होने पर घर,परिवार, गांव, मित्रजनों, रिश्तेदारों सहित जिले सहित प्रदेशभर में खुशी का माहौल बना हुआ है।
मोहर सिंह का बास (बेरला) निवासी वर्तमान में सिंघाना रह कर पढ़ाई करने वाली ईशा ने यह सफलता हासिल कर अपने परिवारजनों, गुरुजनों के साथ जिले का नाम प्रदेश भर मे रोशन किया है। झुंझुनूं को वीरों की भूमि ऐसे ही नहीं कहा जाता है. यहां की मिट्टी में ही वीरता घुली हुई है, देश सेवा का जज्बा हर किसी के मन में उठता दिखाई देता है। यहां की बालिकाएं भी किसी से कम नहीं है। कड़ाके की ठंड, भीषण गर्मी और तमाम विपरीत परिस्थितियों में अपने प्राण हथेली पर लिए देश की सेवा करने करने वाली सेना के साहस के दम पर ही आज देश की सुरक्षा व्यवस्था टिकी हुई है। किसी भी देश व समाज मे सैनिकों का स्थान सबसे ऊंचा होता है।
सोफिया स्कूल खेतड़ी नगर से 10वी 89 % व केंद्रीय विद्यालय खेतड़ी नगर से 12वीं मै 90% अंक प्राप्त कर द्वितीय टॉपर रही, पूर्व स्काउट गाइड व वर्तमान में विनोदिनी कॉलेज राजोता खेतड़ी की बीएससी व एनसीसी की छात्रा ईशा ने बताया कि बचपन से ही मेरा भारतीय सेना में उच्च पद पर जाने का सपना था, जो अब साकार होने जा रहा है।
परिवारजनों द्वारा लिंगभेद नहीं कर उसे पूरा साथ देते हुए आगे बढ़ने के लिए प्रेरित किया, जिसकी बदौलत उन्हें यह सफलता प्राप्त हुई है।
ईशा ने बताया कि एसएसबी मै पांच दिन चलने वाले साक्षात्कार की तैयारी के लिए मानसिक और शारीरिक तौर पर खुद को मजबूत बनाने के साथ कम्युनिकेशन स्किल्स पर भी अच्छी पकड़ होनी चाहिए। ग्रुप डिस्कशन भी काफी अहम होता है।
परिवारजनों व गुरुजनों से मिले अत्यधिक सहयोग, समय पर मेहनत व सकारात्मक सोच के चलते यह सफलता मिली है।
बिजारणिया परिवार की होनहार बेटी ईशा की इस सफलता पर प्रदेश भर से बिजारणिया परिवार के मित्रजनों, रिस्तेदारो ने मिठाइयां बाटकर बधाई देते हुए अपनी खुशियां जाहिर की है।
ईशा के दादा दलीप सिंह हिंदुस्तान कॉपर लिमिटेड खेतड़ी नगर से सेवानिवृत्त कर्मचारी थे।
पिता अजीत सिंह बिजारणिया पब्लिक रिलेशंस सोसाइटी ऑफ इंडिया के आजीवन सदस्य एवं वर्तमान मे जिला परिषद झुंझुनूं में जिला आई.ई.सी. समन्वयक के पद पर कार्यरत है।
माता राजबाला राजकीय बालिका स्कूल माकड़ो में अध्यापिका के पद पर कार्यरत है।
भाई राज्य बास्केटबॉल खिलाडी अभिनव सोफिया स्कूल खेतड़ी नगर में दसवीं में अध्ययनरत है।