विनय एक्सप्रेस समाचार, बीकानेर.रामपुरिया जैन लॉ कॉलेज के विद्यार्थियों द्वारा आज न्यायिक कार्यवाहियों के व्यवहारिक एवं तकनीकी ज्ञान की जानकारी के अन्तर्गत बीकानेर के विभिन्न न्यायालयों का भ्रमण किया गया।
महाविद्यालय के प्रायोगिक प्रभारी डाॅ. रीतेष व्यास ने बताया कि विद्यार्थियों ने महाविद्य़ालय के व्याख्याताओं डाॅ बाल मुकुन्द व्यास, डाॅ रीतेष व्यास, डाॅ. शराफत अली, डाॅ. प्रीति कोचर, डाॅ. पीयूष किराडू, श्री पवन सारस्वत, श्रीमती सुनीता लूणिया के नेतृत्व में अलग अलग समुह बनाकर विभिन्न न्यायालयों में चल रही सिविल एवं फौजदारी प्रकरणों के विभिन्न स्तरों के बारे में जानकारी प्राप्त की तथा न्यायालय में चल रहे मुकदमे में वकीलों की बहस को सुना व प्रक्रियात्मक कार्यवाहियों का अवलोकन किया व न्यायालय की तकनीकी प्रक्रियाओं को जाना।
इस दौरान विद्यार्थियों ने वैकल्पिक विवाद निस्तारण अधिकरण तथा जिला विधिक सेवा प्राधिकरण में विद्यार्थियों ने भ्रमण किया तथा इस दौरान अधिकरण के अध्यक्ष पूर्व जिला एवं सत्र न्यायाधीष श्री महेष शर्मा, सचिव अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधाीष श्रीमती रैना शर्मा तथा वरिष्ठ अधिवक्ता श्री चतुर्भुज सारस्वत ने विद्यार्थियों को विवादों के वैकल्पिक निपटारे तथा विधिक सेवा प्राधिकरण के द्वारा किए जाने वाले कार्यो तथा विधिक सहायता के बारे में विस्तार से बताया।
विद्यार्थियों को सम्बोधित करते हुए जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के अध्यक्ष एवं पूर्व जिला एवं सत्र न्यायाधीश श्री महेष शर्मा ने कहा कि विधि विद्यार्थी होने के नाते हम सभी का दायित्व है कि हम लोग समाज के वंचित, उपेक्षित तथा निर्धन व्यक्तियों को विधिक सेवा प्रदान करें तथा समाज में सामाजिक तथा शैक्षणिक स्तर पर पिछडे हुए लोगों को उनके अधिकारों के बारे में अवगत करवाए तथा उन्हें अपने अधिकारों के बारे जागृत करने का प्रयास करें तथा राष्ट्र निर्माण मे अपनी भूमिका का उचित निर्वाह करें। श्री शर्मा ने कहा कि अनुसूचित जाति, जनजाति, महिलाओं तथा बच्चों को मिलने वाली विधिक सेवा भी आमजन तक पहुंचाने में विधि विद्यार्थियों की उचित भूमिका हो सकती है जिसका निर्वाह सभी विधि विद्यार्थियों को करना चाहिए।
जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के सचिव तथा अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीष श्रीमती रैना शर्मा ने विद्यार्थियों को समाज में फैली कुरीतियों तथा ऐसी प्रथाओं जिनको विधि बनाकर समाप्त कर दिया गया है उनके बारे में जानकारी प्रदान कर विद्यार्थियों को प्रेरित किया कि वे समाज में आगे बढकर इन कुरीतियों तथा कुप्रथाओं को समाप्त करने का प्रयास करें तथा आम जन को भी इस सन्दर्भ में विधायिका द्वारा बनाई गई विधियों के बारे में जानकारी प्रदान कर इन कुरीतियों से दूर रहने तथा इनको समाप्त करने के लिए आमजन को प्रेरित करें।
इससे पूर्व जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के पैनल एडवोकेट तथा वरिष्ठ अधिवक्ता श्री चतुर्भुज सारस्वत ने विद्यार्थियों को पीठासीन अधिकारियों से परिचय करवाया तथा साथ ही जिला विधिक सेवा प्राधिकरण तथा वैकल्पिक विवाद निस्तारण अधिकरण की कार्यप्रणाली के बारे में विस्तार से बताया तथा आमजन को जिला विधिक सेवा प्राधिकरण से माध्यम से मिलने वाले लाभ तथा गरीब, पिछडे वर्ग को विधिक सेवा प्राधिकरण के माध्यम से मिलने वाली सेवाओं के बारे में विस्तार से बताकर सभी विद्यार्थियों अपील की कि वे भी सामान्य जन को इन बातों से अवगत करवाकर विधिक चेतना जागृत करने का प्रयास करेंगे।
न्यायालय भ्रमण के दौरान विद्यार्थियों ने न्यायालय की लाइबे्ररी का भी अवलोकन भी किया।
इस अवसर पर बीकानेर बार एसोसिएशन के पूर्व अध्यक्ष एवं बार काॅसिंल आॅफ राजस्थान के सदस्य एडवोकेट कुलदीप शर्मा तथा बार एसोशिएशन बीकानेर के सचिव एडवोकेट श्री भंवर विष्नोई ने भी विधि विद्यार्थियों का उत्साहवर्द्धन किया।
महाविद्यालय की व्याख्याता डाॅ. प्रीति कोचर ने वैकल्पिक विवाद निस्तारण अधिकरण के पीठासीन अधिकारियों तथा बीकानेर बार के अधिवक्ताओं एवं स्टाफ का सक्रिय सहयोग के लिए महाविद्यालय की ओर से आभार व्यक्त किया तथा पीठासीन अधिकारियों तथा अधिवक्ताओं को भारतीय संविधान की प्रस्तावना की प्रति का मोमेंटो स्मृति चिन्ह के रूप में भेंट किया।