स्त्री मन के भाव को समझने के लिए पढ़िए युवा लेखिका मोनिका पुरोहित का यह आलेख

विनय एक्सप्रेस आलेख, मोनिका पुरोहित, नागपुर.नारी जगत की जननी, नारी जगत की पालनहारा बिन नारी संसार का, नहीं हो सकता उद्धार एक महिला होना जितनी सुंदर और प्यारी अनुभूति है, उतनी ही संघर्षो से भरी है।

स्त्रियाँ चाहे तो किसी “भी वर्ग, स्थान, देश से क्यों ना हो, उन्हें सामाजिक सोच और नियमों का सामना करना ही पड़ता है ओर समस्याओं से होकर भी गुजरना पड़ता है, जो सिर्फ ओर सिर्फ एक स्त्री के लिए होती है, इसलिए मन की कुछ भावनाएँ दुनिया की सभी महिलाओं के लिए समान है.

हमने आज तक महिला को माँ, बहन, पत्नी बेटी आदि अलग रूपों में देखा है जो हर वक्त परिवार के मान सम्मान को बढाने के लिए तैयार रहती है। एक स्त्री ही है जो घर के प्रत्येक सदस्य की पसंद और नापसंद का ख्याल रखती है, लेकिन स्त्री की पसंद और नापसंद को कोई भाव नहीं देता।

स्त्रियाँ परिवार के प्रति इतनी समर्पित हो जाती है। वह बिन कहे हर सदस्य की भावनाओं और जरूरतों को जान जाती है परन्तु क्या कभी कोई स्त्री की “मनोभावना” को समझा है, और क्या कभी किसी स्त्री ने अपने बारे में जानने का प्रयास किया है कि उसे क्या चाहिए?

मनोभावनाएँ जीवन का एक आवश्यक हिस्सा है। स्त्री और पुरुष दोनों ही भावनाओं का अनुभव करते है लेकिन स्त्री की भावनाएं पुरुषो की तुलना मे थोड़ी अधीक जटिल और सुक्ष्म होती है। । महिलाओं को भी बिना किसी डर के अपनी भावनाओं को समझना और उन्हें व्यक्त करने का तरीका आना चाहिए.

 स्त्री की भावनाओं की विशेषताएं:

मातृत्व : स्त्रियों में मातृत्वभावना होती है के प्रति स्नेह और देखभाल की भावना रखती है।

सहानुभूति : स्त्रियां दूसरों के दुख को समझ सकती है और उनकी मदद करने के लिए तत्पर रहती है

संवेदनशीलता : स्त्रियां बहुत संवेदनशील होती है। उनको जितना आसानी से रोना आता है, उतना ही, जल्दी हर छोटी-2 बात पर खुश भी हो जाती है।

प्रेम : स्त्रियाँ पुरुषों की तुलना में अधिक प्रेमपूर्ण होती है। वह अपने परिवार और रिश्तेदारों से ज्यादा लगाव रखती है।

स्त्री की भावनाओं को कई ऐसे कारण होते हैं जो उसे प्रभावित करते हैं जैसे कि स्त्रियों को हर कार्य रोक-टोक करना, सामाजिक दबाव, पारिवारिक जिम्मेदारियाँ, शारीरिक – आर्थिक समस्याएँ आदि ।

महिला की भावनाओं को कैसे समझा जा सकता है ?

1. स्त्री से उसकी फीलिंग, विचार और मान्यताओं के बारे में सवाल करें

2. वो जो भी बोले, उसे बहुत ध्यान से सुने

3. उसके बारे में पहले से कोई धारणा न बनाएँ

4. इस बात को समझे कि वो भी एक अलग इं‌सान है

5. उसकी बॉडी लैंग्वेज पर ध्यान दें।

6. खुद को उसकी जगह पर रखकर देखें

7. महिलाओं के सामने आने वाली कुछ सबसे अलग तरह की परेशानियों के बारे में अवगत रहें

8. उनको Appreciate or Motivate करना चाहिये जिससे वह अपनी इच्छाओं को बयान कर पायें।