मौसमी बीमारियों की प्रभावी रोकथाम के लिए क्विक रिस्पॉन्स टीमों को अलर्ट मोड पर रखे स्वास्थ्य विभाग : वंदना सिंघवी

संभागीय आयुक्त वंदन सिंघवी ने ली समीक्षा बैठक

विनय एक्सप्रेस समाचार, बीकानेर। संभागीय आयुक्त श्रीमती वंदना सिंघवी ने कहा कि मौसमी बीमारियों की प्रभावी रोकथाम के लिए स्वास्थ्य विभाग क्विक रिस्पांस टीमों को अलर्ट मोड पर रखते हुए गंभीरता से कार्य करें। ब्लड व प्लेटलेट डोनर पूर्व में चिन्हित रखें। जांच, दवाइयां, कीटनाशक सहित अन्य संसाधनों का पर्याप्त स्टॉक रखने सहित व्यवस्थाएं मिशन मोड पर रहें।

संभागीय आयुक्त ने सोमवार को मौसमी बीमारियों की रोकथाम से संबंधित समीक्षा बैठक में यह निर्देश दिए।

उन्होंने कहा कि जिला अस्पताल में रिजर्व 21 बेड के अतिरिक्त एमसीएच वार्ड (नई जानना बिल्डिंग) को भी डेंगू मलेरिया से ग्रस्त मरीजों के लिए रिजर्व रखा जाए। वरिष्ठ चिकित्सकों की राउंड द क्लॉक ड्यूटी लगाई जाए। चिकित्सा विभाग और नगर निगम आपसी समन्वय रखें। साफ सफाई की बेहतर व्यवस्था हो। मौसमी बीमारियों से प्रभावित क्षेत्रों में विशेष नजर रखें। पॉजीटिव रोगी पाए जाने की स्थिति में तत्काल फॉगिंग एवं एंटीलार्वल गतिविधियां हों। अगले कुछ दिनों तक हर दिन समीक्षा कर अगले दिन की योजना तैयार करें।

संभागीय आयुक्त ने चिकित्सा विभाग को एएन‌एम के माध्यम से स्कूलों में मौसमी बीमारियों से बचाव हेतु जागरूकता गतिविधियां आयोजित करवाने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि शहर में होर्डिंग एवं स्कूलों में बैनर लगवाने के साथ विभिन्न प्रचार-प्रसार माध्यमों से आमजन को मौसमी बीमारियों से बचाव व नियंत्रण के उपायों की जानकारी दी जाए।

मलेरिया-डेंगू पर नियंत्रण के लिए आमजन की भागीदारी हो सुनिश्चित

आमजन में बढ़ाएं जागरूकता, घरेलू उपचारों से बचें

संभागीय आयुक्त ने कहा कि जिले में मलेरिया-डेंगू पर के प्रति जागरूकता और बचाव में सरकारी प्रयासों के साथ आमजन की भूमिका महत्वपूर्ण है। उन्होंने तेज बुखार, सिर व पेट में दर्द एवं शरीर में कमजोरी जैसे अन्य लक्षण महसूस होने पर नजदीकी चिकित्सालय में चिकित्सक से परामर्श लेने की अपील आमजन से की। उन्होंने कहा कि डेंगू और मलेरिया के लक्षण होने पर घरेलू उपचार ना करें। मच्छर से होने वाले रोगों से बचाव के लिए पूरे शरीर को ढकने वाले कपडे़ पहनने, घरों के आसपास जमा पानी की निकासी, कूलर-गमले सहित अन्य जगहों का जलभराव ना हो, इसका विशेष ध्यान रखा जाए। उन्होंने संवेदनशील क्षेत्रों में एन्टीलार्वल, फोगिंग, सोर्स रिडक्शन आदि गतिविधियों की गुणवत्ता भी सुनिश्चित करने के निर्देश दिए।

बैठक में चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग के संयुक्त निदेशक डॉ. देवेंद्र चौधरी, पीबीएम अधीक्षक डॉ पी.के. सैनी, सरदार पटेल मेडिकल कॉलेज के अतिरिक्त प्राचार्य डॉ सुरेंद्र कुमार वर्मा सहित अन्य अधिकारी उपस्थित रहे।