सूर्य के धनु राशि में प्रवेश से मल मास आरंभ: मांगलिक कार्यों पर रोक

विनय एक्सप्रेस ज्योतिष आलेख।वैदिक ज्योतिष में सूर्य को नवग्रहों में सबसे महत्वपूर्ण ग्रह माना गया है जो कि जीवन ऊर्जा, आत्मा, पिता, सफलता, विजय, नेतृत्व या प्रशासनिक क्षमता, यश कारक, पूर्व दिशा सूचक, सोने व तांबे का स्वामी होता है। जन्मकुंडली में प्रबल सूर्य जातक के जीवन में सफलता, ऊर्जा, प्रशासनिक पद, विजय, पिता या उच्च अधिकारियों से लाभ, मान सम्मान में वृद्धि करता है और दुर्बल सूर्य जातक को अहंकारी, क्रोधी, महत्वाकांक्षी, आत्म केंद्रित आदि बनाता है। पढ़िए बीकानेर के ज्योतिष आचार्य डॉ. आलोक व्यास का यह आलेख।

सूर्य दिनांक 15 दिसंबर 2024 को रात्रि 10:20 पर वृश्चिक राशि से धनु राशि मे प्रवेश करेंगे। धनु राशि अग्नि तत्व की राशि होने के कारण ऊर्जा में वृद्धि को दर्शाती है। अतः इस गोचर से मनुष्य के कार्यऊर्जा में वृद्धि की संभावना रहेगी किन्तु बृहस्पति की मूल त्रिकोण राशि धनु में सूर्य के प्रवेश से उसकी अमृत रश्मियां मंदित हो जाती है अतः इस समय अवधि में मांगलिक कार्य (जैसे विवाह, मुंडन, नामकरण, गृह प्रवेश आदि) वर्जित माने जाते है। परन्तु आध्यात्मिक साधना , धार्मिक किर्याकालाप, उच्च अध्ययन, उपासना आदि के लिये समय अनुकूल रहेगा। सूर्य के राशि परिवर्तन से विभिन्न राशियों पर निम्नलिखित प्रभाव परिलक्षित हो सकते है (चंद्र राशि के अनुसार)

मेष : धार्मिक क्रियाकलाप, गुरुजनों का आशीर्वाद, उच्च अध्ययन के अवसर, नव संस्कृति से संपर्क, भाग्य का सहयोग।

वृषभ: भूमिगत वस्तुओं की ओर रुझान, नकारात्मक मानसिकता में वृद्धि, मन में भय अथवा आशंका, यंत्र तंत्र मंत्र की ओर झुकाव।

मिथुन: नव साझेदारी की इच्छा, जीवनसाथी अथवा मित्रों से सहयोग की अपेक्षा या उनसे मतभेद, मित्र बंधुओं के साथ आमोद प्रमोद में समय।

कर्क: रोग, ऋण अथवा शत्रु बाधा, दैनिक क्रियाकलाप में अड़चन, तर्क वितर्क में बढ़ोतरी, नकारात्मक कार्य में ऊर्जा व्यय।

सिंह: रचनात्मक अभिरुचि, संतान संबंधी कार्यों में ऊर्जा, सट्टेबाजी की मनोवृति, शेयर मार्केट में लाभ, प्रेम प्रसंग के अवसर।

कन्या: भूमि/मकान/वाहन के क्रय विक्रय के अवसर, माता संबंधी चिंता या उनसे मतभेद, मन में बेचैनी, गृह स्थान पर नवाचार के योग।

तुला: संप्रेषण कार्यों में लाभ, छोटे भाई बहन से संबंधित चिंता या उनसे मतभेद, नवीन कार्य योजना, अल्प दूरी यात्रा अवसर।

वृश्चिक: पारिवारिक जिम्मेदारी की अधिकता, नेत्र अथवा वाणी दोष, सुरुचि भोज, स्थायी परिसंपत्ति में वृद्धि के अवसर।

धनु: एकांतवास, आत्म मनन अथवा आत्म चिंतन, मानसिक पीड़ा, स्वाध्याय, आत्म छवि को लेकर असंतोष।

मकर: आय की अपेक्षा व्यय में अधिकता, व्यापार में हानि, सुदूर प्रान्त में लाभ, अस्पताल संबंधी व्यय, आमोद प्रमोद में समय।

कुंभ: संपर्क सूत्रों में बढ़ोतरी के अवसर, बड़े भाई-बहन से संबंधित चिंता या उनसे मतभेद, आय में वृद्धि हेतु प्रयास।

मीन: कार्यस्थल पर अधिक ऊर्जा, पिता अथवा उच्चअधिकारियों से मतभेद, सामाजिक प्रतिष्ठा को लेकर सजगता।