अमृता हाट महिला सशक्तिकरण का एक माध्यम – संभागीय आयुक्त

विनय एक्सप्रेस समाचार, भरतपुर। महिला अधिकारिता विभाग द्वारा कंपनी बाग स्थित ग्रामीण हाट परिसर में आयोजित सात दिवसीय संभाग स्तरीय अमृता हाट का समापन मंगलवार को सम्भागीय आयुक्त सांवरमल वर्मा के मुख्य आतिथ्य में किया गया।
समापन समारोह में संभागीय आयुक्त वर्मा ने कहा कि राज्य सरकार की मंशा के अनुसार अमृता हाट के माध्यम से महिला स्वयं सहायता समूहों के उत्पादों के विक्रय से होने वाले लाभ के माध्यम से महिला सशक्तिकरण के साथ ही परिवार में महिलाओं की आर्थिक भागीदारी का निर्वहन भी होता है। उन्होंने कहा कि अमृता हाट के माध्यम से ग्रामीण महिलाओं को अपने हस्तशिल्प एवं दस्तकारी द्वारा तैयार किये गये उत्पादों के प्रदर्शन का अवसर भी मिलता है। उन्होंने कहा कि ग्रामीण क्षेत्र की महिलाओं के हस्तशिल्प एवं दस्तकारी में और अधिक निखार लाने के लिए महिला एवं बाल विकास विभाग द्वारा प्रशिक्षण दिलाये जाने की आवश्यकता है जिससे यह अपने उत्पादों के निर्माण को और अधिक बेहतर तरीके से उत्पादन कर सके साथ ही उन्होंने महिला स्वयं सहायता समूहों को अपने उत्पादों के विकास के लिए नवीन तकनीक अपनाने की सलाह दी। उन्होंने राजीवका के माध्यम से महिला स्वयं सहायता समूहों को प्रशिक्षण देकर इनके उत्पादों के लिए रिवालविंग फण्ड उपलब्ध कराने के निर्देश दिये। उन्होंने महिला स्वयं सहायता समूहों के लिए बैंकों में खाता खोलकर ऋण सहायता उपलब्ध कराने के निर्देश दिये जिससे वे अपने उत्पादों का औद्योगिक स्तर पर उत्पादन बढा सके।
इसके पूर्व संभागीय आयुक्त वर्मा ने अमृता हाट में लगी स्टॉलो का अवलोकन किया। स्टॉलों का अवलोकन करने पर समूहो की महिलाओं ने बताया कि गत वर्ष की भॉति इस बार अधिक बिक्री हुई है तथा विभाग द्वारा महिलाओं को रूकने केे लिए आवास एवं भोजन की उत्तम व्यवस्था की गई है।
रंगोली, चित्रकला एवं मेंहदी प्रतियोगिता मे विजेता 10 बालिकाओं एवं विभागीय योजनाओं में उत्कृष्ट कार्य करने वाली 11 साथिनो को प्रशस्ति पत्र एवं प्रतीक चिन्ह देकर,साथ ही हाट में सर्वश्रेष्ठ साज-सज्जा वाली स्टॉल महालक्ष्मी स्वयं सहायता समूह सातरूक, कुम्हेर की महिला मिथलेश को प्रतीक चिन्ह देकर संभागीय आयुक्त द्वारा सम्मानित किया गया। हाट में हस्तनिर्मित उत्पाद जैसे जूट ,गोबर निर्मित उत्पाद, हस्तशिल्प बैग,अचार ,पापड, नमकीन, आर्टिफिशियल ज्वैलरी, मसाले, भगवान जी की पोशाक,  हस्तनिर्मित गर्म ऊनी कपडे, साबुन, सर्फ आदि की स्टॉल लगी, जिसमें संभागीय आयुक्त द्वारा भी सामान की खरीदारी की गई। हाट में लगभग 20 लाख रूपये की कुल बिक्री हुई है जिसमें राजस्थान के 33 जिलों से कुल 82 स्वयं सहायता समूहो ने भाग लिया।