स्वामी विवेकानंद राजकीय मॉडल स्कूल बदल रहे प्रदेश में शिक्षा की तस्वीर, सवांर रहे गरीब परिवारों के बच्चों का भविष्य’

विनय एक्सप्रेस शैक्षणिक आलेख, जयपुर। जहाँ एक समय पर राजकीय विद्यालयों में शिक्षा गुणवत्ता के प्रति संशय व्यक्त किया जाता था वहीं आज इस धारणा में सकारात्मक परिवर्तन घटित होता हुआ स्पष्ट दिखाई दे रहा है। इस परिवर्तन के मुख्य स्रोत बन कर उभरें हैं स्वामी विवेकानंद राजकीय मॉडल स्कूल। आधुनिक परिसर युक्त व शिक्षा संसाधन सम्पन्न स्वामी विवेकानंद राजकीय मॉडल स्कूल राज्य के 134 ब्लॉक में शैक्षिक रूप से पिछड़े क्षेत्रों में शिक्षा के उत्कृष्ट केन्द्र के रुप में कार्य कर रहे हैं। उपयुक्त छात्र-शिक्षक अनुपात, हाउस सिस्टम, आदर्श शैक्षिक वातावरण, प्रासंगिक व रोजगारोन्मखी पाठ्यक्रम, दिव्यांगो के लिए समन्वित शिक्षा, बालिका शिक्षा, स्कूलों में आईसीटी (सूचना और संचार प्रौद्योगिकी) का उपयोग, मॉडल स्कूलों की मुख्य विशेषताएं हैं।

स्वामी विवेकानंद राजकीय मॉडल स्कूल आइसीटी लैब, वर्चुअल व स्मार्ट क्लासरूम, इंग्लिश लैब, के-यान प्रोजेक्टेर, डिजिटल लाइब्रेरी, सीसीटीवी कैमरा व सेन्ट्रेलाइज्ड साउण्ड सिस्टम से युक्त है तथा गरीब परिवार से आने वाले विद्यार्थियों को निजी स्कूलों के समान शैक्षिक सुविधाऐं सुलभ करा रहे हैं। 134 मॉडल स्कूलों में से 71 स्कूलों में विज्ञान क्लब व स्टार्ट अप बूट क्लब का सचांलन किया जा रहा हेै जो एक भविष्योन्मुखी सोच का परिचायक है। अधिकांश मॉडल स्कूलों में अटल टिंकरिंग लैब्स स्थापित की गयी हैं जिनमें विद्यार्थी तकनीकी एवं वैज्ञानिक कौशल सीखते हैं। इन लैब्स में विद्यार्थियों को उन्नत यंत्रों व उपकरणों के माध्यम से विज्ञान, प्रौद्योगिकी, इंजीनियरिंग और गणित की अवधारणाओं को समझने का अवसर मिलता हैं।

ये लैब्स – विज्ञान, इलेक्ट्रॉनिक्स, रोबोटिक्स से सम्बंधित उपकरणों, ओपन-सोर्स माइक्रोकंट्रोलर बोर्ड, सेंसर और 3 डी प्रिंटर और कंप्यूटर से युक्त होती है। बालिका शिक्षा को प्रोत्साहन देने हेतु मॉडल स्कूलों में 55 प्रतिशत सीट बालिकाओं हेतु आरक्षित रखी गयी है तथा कक्षा 6 से 12 की छात्राओं को ट्रांसपोर्ट वाउचर की सुविधा प्रदान की गयी है। छात्राओं हेतु सैनेटरी नैपकिन, डिस्पेंसर व इन्सीनरेटर भी उपलब्ध कराये जाते हैं। मॉडल स्कूल की 10वीं की छात्राओं को साबीएसई की बोर्ड परीक्षा में राज्य में प्रथम स्थान प्राप्त करने पर विदेश में चार साल पढ़ने का मौका मिलता है जिसका सारा खर्चा सरकार वहन करती है। मॉडल स्कूलों में विद्यार्थियों का नियमित स्वास्थ्य परीक्षण किया जाता हैं तथा प्रत्येक विद्यार्थी हेतु स्वास्थ्य कार्ड जारी किया जाता है। विद्यार्थियों के सर्वांगीण विकास हेतु मॉडल स्कूलों में विभिन्न पाठ्रयतर गतिविधियां आयोजित की जाती हैं।

अमन बिश्नोई: लेखक एवं जनसंपर्क अधिकारी – स्कूल शिक्षा परिषद जयपुर

क्लस्टर एवं स्टेट लेवल पर मॉडल स्कूलों में आर्ट एण्ड क्राफ्ट प्रतियोगिता, सोशल साईंस एक्जीबिशन, साईंस फेयर, मेथ्स ऑलम्पियाड, इग्लिश एवं हिन्दी एक्सटेम्पोर तथा अंग्रेजी नाटक का आयोजन किया जाता है जिनमें भाग लेने से विद्यार्थियों में रचनात्मकता और आत्मविश्वास का विस्तार होता है। निजी स्कूलों की तर्ज पर विद्यार्थियों को वर्ष में चार बार एक्सपोजर विजिट पर ले जाया जाता है तथा ग्रीष्मावकाश मे अभिरुचि कक्षाओं का सचांलन होता हैं। इसके अलावा सभी मॉडल स्कूलों में स्कूल बैंड है तथा बैंड प्रतियोगिता का भी आयोजन किया जाता है। प्रतिमाह मॉडल स्कूलों में शिक्षक अभिभावक बैठक आयोजित की जाती है। स्वामी विवेकानंद राजकीय मॉडल स्कूल के अनेक छात्र जेईई व नीट जैसी कठिन परीक्षाओं को उतीर्ण करके आईआईटी और एम्स जैसे देश के प्रतिष्ठित सस्ंथानों में अध्ययन कर रहे है जो राज्य के लिये गौरव का विषय है। स्वामी विवेकानंद राजकीय मॉडल स्कूलों का शत प्रतिशत वित्तीय प्रबंधन राज्य सरकार द्वारा किया जा रहा है।